मां चंद्रघंटा की आराधना: शारदीय नवरात्रि 2024 के तीसरे दिन का महत्व

मां चंद्रघंटा की आराधना: शारदीय नवरात्रि 2024 के तीसरे दिन का महत्व

मां चंद्रघंटा की आराधना: शारदीय नवरात्रि 2024 के तीसरे दिन का महत्व

अक्तूबर 5, 2024 इंच  धर्म एवं संस्कृति विकास शर्मा

द्वारा विकास शर्मा

शारदीय नवरात्रि में मां चंद्रघंटा की विशेष पूजा

शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों के उत्सव में तीसरा दिन मां चंद्रघंटा की पूजा के लिए समर्पित होता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, यह दिन 5 अक्टूबर 2024 को पड़ता है और इस दिन मां चंद्रघंटा की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। मां चंद्रघंटा देवी दुर्गा के नौ अवतारों में से एक प्रमुख रूप मानी जाती हैं। उन्हें शांति और सौम्यता की देवी भी कहा जाता है। उनके मस्तक पर बनी चंद्रमा की अर्धमाला उन्हें और भी प्रभावशाली बनाती है और यही उनके नाम की उत्पत्ति का कारण है।

मां चंद्रघंटा का अद्वितीय स्वरूप

मां चंद्रघंटा का स्वरूप अत्यंत मनमोहक और शांति दायक होता है। वे अपने सिर पर चंद्रमा का मुकुट धारण किए हुए रहती हैं जो मानसिक शांति और ध्यान को प्रोत्साहित करता है। उनकी कथा और पौराणिक विवरण इस बात की पुष्टि करते हैं कि वे अपने भक्तों की समस्त विपत्तियों को हरने वाली हैं। उनके हाथों में तलवार, त्रिशूल, धनुष और गदा दीखती है, जो उनकी शक्ति और साहस का प्रतीक हैं।

पूजा विधि और आस्थाओं का महत्व

मां चंद्रघंटा की आराधना करने के लिए भक्तों को विशेष तैयारी का सुझाव दिया जाता है। इसके लिए सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान ध्यान करना चाहिए। शुद्ध कपड़े पहनकर मां की आराधना को प्रारंभ करना चाहिए। पूजा ऋतुलावली के अनुसार और समर्पण भाव से की जानी चाहिए ताकि इसके सभी लाभ प्राप्त किए जा सकें। पूजा की विधि में माँ का ध्यान लगाने के साथ-साथ आरती गाना भी शामिल होता है, जिसमें माँ की शक्ति और कृपादृष्टि का गुणगान किया जाता है।

आरती और मां की स्तुति

मां चंद्रघंटा की पूजा पूर्ण करने के लिए उसकी आरती का विशेष महत्व है। आरती के श्लोक मां के अद्वितीय सौंदर्य, उनकी अपार शक्ति और उनके द्वारा कष्टों के निवारण की महिमा का वर्णन करते हैं। माँ चंद्रघंटा की आरती किसी भी भक्त को आध्यात्मिक बल प्रदान कर सकती है, तथा भौतिक इच्छाओं की पूर्ति करती है। ऐसा कहा जाता है कि मां की आरती में श्रद्धा और पूर्ण विश्वास होना चाहिए, तभी भक्त को मां की कृपा मिलती है।

मानसिक शांति और दृढ़ संकल्प के लिए मां की पूजा

मानसिक शांति और दृढ़ संकल्प के लिए मां की पूजा

मां चंद्रघंटा की पूजा मानसिक स्पष्टता, निर्णय लेने की क्षमता और भय व चिंता से मुक्ति के लिए अत्यधिक लाभकारी मानी जाती है। उनके उपासकों का मानना है कि मां की भक्ति से मानसिक बल प्राप्त होता है और जीवन में सरलता से आगे बढ़ने की शक्ति मिलती है। मां चंद्रघंटा की आराधना से न केवल भय का नाश होता है, बल्कि एक नई ऊर्जा का अनुभव भी होता है जो जीवन के एवरेस्ट को चढ़ने के लिए प्रेरित करता है।

मां चंद्रघंटा की आराधना का अद्वितीय अनुभव

मां चंद्रघंटा पर श्रद्धा रखने वाले भक्त उन्हें अपनी जीवन यात्रा में पथ प्रदर्शक के रूप में देखते हैं। उनकी पूजा से समृद्धि और कल्याण होता है। शुभ मुहूर्त में पूजा कर मां का आशीर्वाद प्राप्त करना जीवन के सभी कष्टों और समस्याओं का समाधान प्रदान करता है। भक्तों की आस्था है कि उन्हें मां की आराधना के माध्यम से उनकी कृपा मिलती है जो हर स्थिति में उनका मार्गदर्शन करती है।

इस प्रकार मां चंद्रघंटा के प्रति श्रद्धा और विश्वास के साथ की गई पूजा न केवल जीवन को समृद्ध बनाती है बल्कि उसे बुराइयों से मुक्त करती है। इसलिए, नवरात्रि के इस पावन अवसर पर मां चंद्रघंटा की पूजा अवश्य करनी चाहिए, जो हर भक्त के लिए एक नई दिशा और शक्ति का संचार करती है।


साझा:
विकास शर्मा

विकास शर्मा

मैं एक प्रतिष्ठित पत्रकार और लेखक हूँ, जो दैनिक खबरों से जुड़े मुद्दों पर लिखना पसंद करता हूँ। मैंने कई प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों में कार्य किया है और मुझे जनता को सही और सटीक जानकारी प्रदान करने में खुशी मिलती है।

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