आयरलैंड, नॉर्वे और स्पेन ने फलीस्तीन को स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता दी: क्या बदला?

आयरलैंड, नॉर्वे और स्पेन ने फलीस्तीन को स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता दी: क्या बदला?

आयरलैंड, नॉर्वे और स्पेन ने फलीस्तीन को स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता दी: क्या बदला?

मई 29, 2024 इंच  विश्व समाचार विकास शर्मा

द्वारा विकास शर्मा

आयरलैंड, नॉर्वे और स्पेन ने फलीस्तीन को स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता दी: क्या बदला?

आयरलैंड, नॉर्वे और स्पेन ने फलीस्तीन को स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता देने का एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब फलीस्तीन का भूभाग इसराइल द्वारा कब्जा किये गए वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी के रूप में बंटा हुआ है। लगभग आठ महीने से चल रही इस संघर्ष में अब तक 36,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।

इस कदम ने फलीस्तीनियों में एक नई आशा और गर्व की भावना भर दी है। हालांकि, यह मान्यता तुरंत किसी व्यावहारिक परिणाम को नहीं लाती, लेकिन यह फलीस्तीन की कूटनीतिक स्थिति में सुधार और इसके अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। फलीस्तीनियों के लिए यह संकेत है कि उनके स्वतंत्र राज्य की धारणा पश्चिमी यूरोपीय देशों में तेजी से स्वीकार की जा रही है।

प्रमुख देशों की मान्यता और उसके प्रभाव

प्रमुख देशों की मान्यता और उसके प्रभाव

आयरलैंड, नॉर्वे और स्पेन ने 1967 के पूर्व की सीमाओं के आधार पर फलीस्तीन को मान्यता दी है, जिसमें पूर्वी जेरूसलम को इसकी राजधानी माना गया है। यह प्रतीकात्मक मान्यता इसराइल पर दबाव बढ़ाने के लिए है ताकि वह शांति वार्ता की दिशा में कदम बढ़ाये। स्लोवेनिया भी इसी राह पर चलने की तैयारी कर रहा है और जून 6-9 के यूरोपीय संघ चुनावों में फलीस्तीन का मामला प्रमुखता से उठने की संभावना है।

इसराइल की प्रतिक्रिया और बढ़ता तनाव

इसराइल की प्रतिक्रिया और बढ़ता तनाव

इसराइल ने इस निर्णय पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और आयरलैंड, नॉर्वे और स्पेन से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है। इसराइली विदेश मंत्री इसराइल कैट्ज ने इन देशों के राजदूतों को एक बैठक में बुलाया, जहां उन्होंने इन्हें 7 अक्टूबर को हमास द्वारा किए गए हमले की फुटेज दिखाई। इसराइल ने इन देशों पर आतंकवाद को पुरस्कृत करने का आरोप लगाया है।

फलीस्तीन की अंतर्राष्ट्रीय स्थिति

2012 से फलीस्तीन संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक गैर-सदस्य पर्यवेक्षक राज्य के रूप में प्रतिनिधित्व करता है, जिससे उसके प्रतिनिधियों को सदन में बोलने की अनुमति मिलती है। 2015 में फलीस्तीन ने अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) में शामिल होकर अपने क्षेत्र पर न्यायालय के अधिकार क्षेत्र को स्वीकार कर लिया। हालांकि, फलीस्तीन की आर्थिक स्थिति संघर्ष की मार झेल रही है और उसे अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली तक पूरी पहुँच नहीं है।

गाजा पूरी तरह से सहायता पर निर्भर है और फलीस्तीन के लिए पूर्ण अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली में एकीकरण इसराइल के सहयोग पर निर्भर करता है।

इस निर्णय का स्वागत फलीस्तीन द्वारा किया गया है। उन्होंने इसे न्याय और शांति की दिशा में एक कदम बताया है। जब तक और अधिक देशों की मान्यता नहीं मिलती और इसराइल के साथ संधि नहीं होती, यह संघर्ष चलता रहेगा।


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विकास शर्मा

विकास शर्मा

मैं एक प्रतिष्ठित पत्रकार और लेखक हूँ, जो दैनिक खबरों से जुड़े मुद्दों पर लिखना पसंद करता हूँ। मैंने कई प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों में कार्य किया है और मुझे जनता को सही और सटीक जानकारी प्रदान करने में खुशी मिलती है।

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