CBSE 12वीं रिजल्ट 2025: आंकड़ों में नया रिकॉर्ड
इस बार CBSE ने 13 मई 2025 को 12वीं का रिजल्ट जारी किया, जिसमें कुल 88.39% विद्यार्थी पास हुए हैं। ये आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले थोड़ा ऊपर गया है—साल 2024 में पास प्रतिशत 87.98% था। कभी रिजल्ट का इंतजार करने वाले छात्रों और अभिभावकों के लिए यह राहत की खबर रही। पास प्रतिशत में छोटा ही सही, लेकिन 0.41% की बढ़ोतरी से साफ दिखाई देता है कि बोर्ड की मेहनत और छात्रों का जुनून लगातार रंग ला रहा है।
लड़कियों ने एक बार फिर बाज़ी मार ली है। इस साल 91.64% लड़कियां पास हुई हैं, जबकि लड़कों का पास प्रतिशत 85.70% रहा। मतलब, लड़कियों ने करीब 5.94% की बढ़त बना रखी है। शिक्षा के क्षेत्र में बेटियों की यह लगातार कामयाबी संसाधनों और सोच में बदलाव का संकेत भी है।
अगर टॉप करने वाले क्षेत्रों की बात करें, तो तेलंगाना और आंध्र प्रदेश फिर से आगे निकले हैं। इन राज्यों के विद्यार्थियों ने पिछले सालों की तरह इस बार भी नंबरों के मामले में बाज़ी मारी। वहीं, शहरों में विजयवाड़ा सबसे टॉप पर रहा, जहां से सबसे ज्यादा छात्र उत्तीर्ण हुए। यह साफ है कि दक्षिण भारत के कुछ इलाके शैक्षिक उपलब्धियों के मामले में सबसे मजबूत बने हुए हैं।
सफलता की कहानियाँ: ट्रांसजेंडर और विशेष जरूरतों वाले बच्चों की उपलब्धियां
इस बार ट्रांसजेंडर श्रेणी के लिए रिजल्ट खास समभावना लेकर आया। 2024 में इनमें सिर्फ 50% छात्र ही पास हो पाए थे, जबकि 2025 में यह आंकड़ा सीधे 100% जा पहुंचा। यह एक बड़ी और सकारात्मक छलांग है, जिन्होंने समाज में अलग पहचान बनाकर न केवल खुद को, बल्कि शिक्षा व्यवस्था को भी मजबूत संदेश दिया है।
स्पेशल नीड्स वाले बच्चों यानी CWSN—Children With Special Needs—की बात करें तो, कुल 5,668 में से 5,280 बच्चे पास हुए हैं। इनमें से 290 छात्रों ने 90% से अधिक अंक हासिल किए, जबकि 55 बच्चों ने 95% से ज्यादा फैसिलिटी के बावजूद बेहतरीन मार्क्स पाए। ऐसे बच्चों की सफलता यह जता रही है कि अब सुविधाएं और समावेशी शिक्षा व्यवस्था उन तक सही मायनों में पहुंच रही है।
अंक के लिहाज से देखें तो बोर्ड ने बताया कि इस साल 1.11 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं ने 90% से अधिक अंक हासिल किए हैं। वहीं, 24,867 विद्यार्थियों ने 95% से भी ऊपर नंबर पाए हैं—यानी प्रतियोगिता बेहद तीव्र हो गई है।
जो छात्र रिजल्ट से संतुष्ट नहीं हैं, उनके लिए उम्मीद बनी हुई है। CBSE जल्दी ही मार्क्स वेरिफिकेशन और री-इवैल्यूएशन के लिए आवेदन का लिंक एक्टिव करेगा। साथ ही, जो छात्र फेल हो गए हैं, उन्हें सप्लीमेंट्री परीक्षा (पूरक परीक्षा) का मौका भी मिलेगा।
यानी सीबीएसई 12वीं 2025 के परिणाम, न सिर्फ अच्छे नंबरों से, बल्कि विविधता और समावेशिता की मिसाल के तौर पर भी याद रखे जाएंगे।
Rakesh Joshi
14 मई 2025ये रिजल्ट देखकर लग रहा है कि बेटियां अब सिर्फ पढ़ रही हैं, बल्कि देश की शिक्षा की दिशा भी बदल रही हैं। लड़कों को भी अपनी आलसी आदतों से निकलना होगा, वरना अगली बार तो लड़कियां 95% पास कर देंगी 😤
HIMANSHU KANDPAL
15 मई 2025क्या ये सब बस एक नियंत्रित नाटक है? क्या आपने कभी सोचा कि ये नंबर बढ़ाने के लिए परीक्षा आसान कर दी गई है? ये सब एक बड़ा धोखा है जिसे सरकार ने समाज को खुश रखने के लिए बनाया है।
Arya Darmawan
15 मई 2025अरे भाई, ये रिजल्ट तो बहुत खुशी की बात है! लड़कियों का 91.64% पास होना, ट्रांसजेंडर छात्रों का 100% पास होना, CWSN बच्चों के 55 लड़कों ने 95% से ज्यादा नंबर लिए-ये सब एक बड़ी जीत है! शिक्षा में समावेशिता आ रही है, और ये बहुत जरूरी है! अब ये रुझान बनाए रखना है, और अगले साल और भी बेहतर बनाना है! 🙌👏
Raghav Khanna
17 मई 2025इस वर्ष के परिणामों को एक सामाजिक उपलब्धि के रूप में देखना चाहिए। शिक्षा प्रणाली में समावेशी दृष्टिकोण का विकास, लैंगिक समानता की ओर एक स्पष्ट कदम है। विशेष रूप से, ट्रांसजेंडर छात्रों के लिए 100% पास रेट एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। यह संकेत देता है कि नीतियाँ अब वास्तविक रूप से कार्यान्वित हो रही हैं।
Rohith Reddy
18 मई 2025ये सब झूठ है भाई साहब बस नंबर बढ़ा दिए हैं ताकि सरकार का नाम रोशन रहे लड़कियों के नंबर बढ़े हैं तो लड़कों के नंबर घटे हैं ये तो बहुत साफ है ये सब बस एक चाल है जिसमें बच्चों को नुकसान पहुंच रहा है
Vidhinesh Yadav
20 मई 2025क्या कभी सोचा है कि इतनी अच्छी उपलब्धि के पीछे टीचर्स, माता-पिता और स्कूलों की कितनी मेहनत है? ये नंबर सिर्फ छात्रों के नहीं, बल्कि पूरे समुदाय की साझा सफलता है। अगर हम इसे एक आम बात बना दें, तो भविष्य बहुत अलग हो जाएगा।
Puru Aadi
20 मई 2025लड़कियां ने फिर जीत ली 🎉 और ट्रांसजेंडर दोस्तों का 100% पास होना? ये तो बस जाने दो भाई, ये देश की असली ताकत है! 🙏💪 अब बस ये रुझान बना रहे और अगले साल और भी ज्यादा बेहतर बनाएं!
Nripen chandra Singh
20 मई 2025इस रिजल्ट का मतलब ये नहीं कि शिक्षा बेहतर हुई है बल्कि ये दिखाता है कि हमने अपने आप को कैसे बेहतर बनाने के लिए झूठ बोलना सीख लिया है जब तक हम अपनी नीतियों को नहीं बदलेंगे तब तक ये सब बस एक नाटक होता रहेगा और हम इसे सफलता कहेंगे
Arya Darmawan
22 मई 2025अगर तुम्हारा मतलब है कि नंबर बढ़ाए गए हैं, तो बता दूं कि 2024 में भी लगभग उतने ही छात्र थे, और इस बार उनमें से 5,668 CWSN बच्चों में से 5,280 पास हुए-ये नंबर बढ़ाने का नहीं, बल्कि समावेशिता का परिणाम है। अगर आपको लगता है कि ये सब बस नंबर हैं, तो आपने इसका मतलब ही नहीं समझा।