जब हम बात भारत मौसम विभाग, भारत की राष्ट्रीय मौसम विज्ञान एजेंसी, जो मौसम का निरीक्षण, पूर्वानुमान और चेतावनी जारी करती है की करते हैं, तो कई जुड़े हुए पहलुओं को समझना ज़रूरी होता है। यह एजेंसी केवल आँकड़े नहीं देती; यह मौसम चेतावनी, जोरदार धूप, तेज़ बारिश या बवंडर जैसे खतरों की अग्रिम सूचना के माध्यम से लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। भारत मौसम विभाग के डेटा से तय होता है कि स्कूल‑कोचिंग के समय बदले, या किसानों को सिंचाई के लिए कब तैयार होना चाहिए।
इसलिए, अगर आप दैनिक जीवन में मौसम के बदलते रंग देखना चाहते हैं, तो इस टैग के नीचे एकत्रित लेखों को पढ़ना एक समझदार कदम है।
एक और महत्वपूर्ण भाग है बारिश अलर्ट, उत्तर प्रदेश, दिल्ली‑NCR और बिहार में भारी बूँदाबांदी की सूचना। पिछले महीने में इंदिया में बारिश अलर्ट ने ट्रैफ़िक जाम और फ्लूड मसले को रोकने में मदद की, और कई किसान अपनी फसलों को बचा पाए। इसी तरह, तापमान पूर्वानुमान, दैनिक उच्च‑न्यूनतम तापमान की भविष्यवाणी, जो औसत या अतिउच्च रीडिंग को दर्शाता है भी रोज़मर्रा के निर्णयों को प्रभावित करता है—जैसे कि आउटडोर इवेंट की योजना या ऊर्जा बिल के अनुमान। इन तीनों घटकों (मौसम चेतावनी, बारिश अलर्ट, तापमान पूर्वानुमान) का आपस में जुड़ाव एक सरल समीकरण बनाता है: बेहतर पूर्वानुमान ⇒ बेहतर तैयारी ⇒ कम नुकसान।
वायुमंडलीय विज्ञान, यानी वायुमंडलीय विज्ञान, वायुमंडल की संरचना, गति और ऊर्जा के अध्ययन, केवल अकादमिक नहीं है; यह आपदा प्रबंधन के लिए नींव है। जब बुंदेला के पास टॉर्नेडो हुआ, तो अमेरिकी राष्ट्रीय मौसम सेवा (NWS) ने सटीक ट्रैकिंग से 42 मौतों को सीमित किया—इसी तरह, भारत में तेज़ बवंडर की भविष्यवाणी से कई जिलों में क्षति कम हुई। इसलिए, भारत मौसम विभाग को जलवायु परिवर्तन की प्रवृत्तियों को ट्रैक करना पड़ता है, ताकि दीर्घकालिक योजना बनानी सके। जलवायु परिवर्तन → अधिक चरम मौसम → आपदा प्रबंधन की आवश्यकता बढ़ी, यही कारण है कि इस टैग में जलवायु‑परिवर्तन‑संबंधी लेख भी मिलेंगे।
हमारे पास नीचे कई लेख हैं – पटना में 44°C की सड़ती गर्मी से बचाव के आदेश, दिल्ली‑NCR में बारिश अलर्ट, और नेपाल‑भारत सीमा पर मौसम‑आधारित सुरक्षा उपाय। इन सबका मूल आधार वही आपूर्ति प्रबंधन, भौगोलिक और मॉसमी स्थितियों के हिसाब से संसाधनों का वितरण और बचत है। जब आप इन न्यूज़ को पढ़ेंगे, तो आप देख पाएँगे कि कैसे एक राष्ट्रीय एजेंसी का डेटा हर क्षेत्र—शिक्षा, कृषि, यातायात, स्वास्थ्य—में बसता है। अब ठीक है, आगे नीचे उन ख़बरों की सूची है जो आपको मौसम के हर पहलू को समझने में मदद करेगी।
India Meteorological Department ने 21‑24 अक्टूबर के बीच चेन्नई‑तमिलनाडु में भारी‑भारी बारिश का नारंगी अलर्ट जारी किया, जिससे जल‑भराव, ट्रैफ़िक बाधा और स्वास्थ्य जोखिम बढ़ रहे हैं।
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