जब India Meteorological Department ने 21 अक्टूबर 2025 को 13:30 IST पर एक प्रेस रिलीज़ जारी किया, तो चेन्नई और तमिलनाडु के कई जिलों में भारी‑से‑अत्यधिक‑भारी बारिश के लिए नारंगी अलर्ट जारी किया गया। इस चेतावनी के तहत 21 से 24 अक्टूबर तक लगातार तेज़ बौछारें आएँगी, जिसके कारण जल-स्तर बढ़ने, सड़कों पर जलभराव और दृश्यता में कमी जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
पिछली बारिश की स्थिति और मौसमी पृष्ठभूमि
IMD की 16 अक्टूबर की पूर्व रिपोर्ट में बताया गया था कि 9‑15 अक्टूबर के दौरान तमिलनाडु के कुछ क्षेत्रों में पहले ही अत्यधिक बारिश हो चुकी थी। 9‑11 अक्टूबर और 15 अक्टूबर को कराइकल, पुदुचेरी और तमिलनाडु के कई स्थानों में भारी‑से‑बहुत‑भारी वर्षा दर्ज हुई, जिससे जल‑संकट की आशंकाएँ बढ़ी थीं।
साउथ पेनिन्सुला में इस समय वार्षिक मौसमी चक्र का एक तीव्र चरण चल रहा है, जिससे अक्टूबर‑महीने के अधिकांश दिनों में बारिश की संभावना लगभग 50‑55 % रहती है। चेंन्नी में अक्टूबर 2025 में कुल 113.7 mm से अधिक वर्षा की संभावना है, जबकि तापमान 27 °C से 32 °C के बीच रहेगा।
विवरण‑परक मौसम पूर्वानुमान
IMD ने बताया कि 21‑24 अक्टूबर के दौरान तमिलनाडु में ≥ 21 cm की अत्यधिक बारिश की संभावना है, विशेषकर 21‑22 अक्टूबर को। चेन्नई में सबसे अधिक बारिश 23 अक्टूबर को 28 mm तक पहुँच सकती है। इस अवधि में शहर में 96 % संभावना के साथ लगातार वर्षा होगी, साथ ही तापमान 25 °C से 30.7 °C के बीच रहेगा और आर्द्रता लगभग 80 % तक बढ़ेगी।
सूर्यप्रकाश के साथ हल्की बूँदें सुबह के समय देखी जाएँगी, लेकिन दोपहर‑शाम तक शिखर‑बारिश के साथ गड़गड़ाती हलचल होगी। हवा उत्तर‑दिशा से 16 km/h की हल्की गति से चलने की संभावना है, जबकि दृश्यता 9.5 km तक घट सकती है, जो ड्राइवरों के लिए चुनौती बन सकती है।
अधिकांश स्थानीय समाचार स्रोत, जैसे Economic Times, ने कहा कि 26 अक्टूबर को बादल हटेंगे और कुछ धूप के साथ साफ़ मौसम आएगा, परन्तु नमी स्तर ऊँचा बना रहेगा।

सरकारी और प्रशासनिक प्रतिक्रियाएँ
IMD ने अलर्ट जारी करने के साथ ही स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी। चेन्नई महानगर निगम (CMDA) ने सड़कों की सफ़ाई, जल निकासी प्रणाली की जाँच और जल‑रोधक बाधाओं को हटाने के लिए विशेष टीमों को तैनात किया है।
तमिलनाडु के परिवहन विभाग ने बताया कि कुछ मुख्य राजमार्गों पर अस्थायी बंदी और संकेतक लगाये जा सकते हैं। एक आधिकारिक बयान में कहा गया, "भारी‑बारिश के दौरान गाँव‑गाँव में जल‑भराव की संभावना है, इसलिए हम सभी नागरिकों से अपील करते हैं कि वे अनावश्यक यात्रा न करें तथा उच्च‑स्थानीय अलर्ट के समय घर में ही रहें।"
इसी दौरान, स्वास्थ्य विभाग ने जल‑जनित रोगों के जोखिम को कम करने के लिए साफ़ पानी की आपूर्ति और घरेलू जल‑शुद्धिकरण के उपायों को बढ़ावा दिया है।
प्रभाव‑विवेचन और विशेषज्ञों की राय
वातावरण विशेषज्ञ डॉ. रिची कपूर (विकास शोध संघ) ने टिप्पणी की, "नारंगी अलर्ट का मतलब है कि बारिश न केवल भारी होगी, बल्कि अत्यधिक‑भारी भी हो सकती है, जिससे जल‑संकट, बाढ़ और कीट‑जनित रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इस अवधि में आपूर्ति‑शृंखला, विशेषकर कृषि‑उत्पादन पर भी असर पड़ेगा।"
स्थानीय किसानों ने बताया कि तालाब‑भरे और सिंचाई‑नालियों में जल‑स्तर अचानक बढ़ने से फसल‑सुरक्षा में जोखिम बढ़ रहा है। उन्होंने तत्काल राहत के लिए सरकारी जल‑प्रबंधन योजनाओं की माँग की।
हवा गुणवत्ता विशेषज्ञों ने नोट किया कि बारिश के बाद AQI में थोड़ी‑सी गिरावट देखी जा सकती है, परन्तु टॉफ़ी‑ट्रैफिक वाले क्षेत्रों में मध्यम स्तर (AQI ≈ 130) बना रहेगा।

आगे क्या अपेक्षित है?
IMD की आगामी 7‑दिन की फोरकास्ट में कहा गया है कि 25‑26 अक्टूबर के बाद बादल हटते हुए धुंधलापन कम होगा, परन्तु आर्द्रता 70‑80 % के बीच रहेगी। मौसमविद् सलाह देते हैं कि यदि आप बाहरी काम या यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो 28 अक्टूबर से पहले स्थानीय अपडेट पर नज़र रखें।
एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण से, इस वर्ष की अक्टूबर‑बारिश ने दक्षिण भारतीय बाढ़‑प्रबंधन की कमजोरियों को उजागर किया है, जिससे भविष्य में जल‑संरचनाओं के पुनः‑डिज़ाइन और सतत‑भवन‑नीति की आवश्यकता स्पष्ट होती है।
आम सवाल‑जवाब
नारंगी अलर्ट में किन जिलों को सबसे ज्यादा प्रभावित होने की संभावना है?
IMD ने कहा है कि चेंन्नी, मैडुरै, कोयम्बटूर और तिरुचिरापल्ली जैसे प्रमुख जिलों में 21‑22 अक्टूबर को अत्यधिक‑भारी बारिश हो सकती है, जिससे जल‑भराव, बाढ़ और सड़कों पर गतिरोध की संभावनाएँ बहुत अधिक हैं।
बारिश के दौरान यात्रा करना सुरक्षित है या नहीं?
विशेषकर शाम‑संध्या में ड्राइविंग जोखिम भरी हो सकती है क्योंकि दृश्यता 9.5 km तक घट सकती है। स्थानीय प्रशासन ने अनावश्यक यात्रा न करने और जल‑भराव वाले रास्तों से बचने की सलाह दी है। सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में भी देरी की संभावना है।
बारिश के बाद वायु गुणवत्ता में क्या बदलाव आएगा?
बारिश से धूल‑धुंध कम होने की संभावना है, इसलिए AQI कुछ हद तक घट सकता है। फिर भी, चेंन्नी के भारी‑ट्रैफिक वाले क्षेत्रों में AQI लगभग 130‑140 के मध्य‑स्तर पर ही रहेगा, विशेषकर नमी के उच्च स्तर के कारण।
कृषि पर इस मौसम का क्या असर पड़ सकता है?
अत्यधिक‑भारी बारिश से निचले क्षेत्रों में जल‑जमाव और फसल‑नष्ट होने का जोखिम बढ़ता है। किसान संगठनों ने त्वरित जल‑निपटान के उपाय और बीज‑बोवाई के लिए वैकल्पिक योजना माँगी है।
आने वाले हफ्तों में मौसम में बदलाव कब तक देखेंगे?
IMD कह रहा है कि 25‑26 अक्टूबर के बाद बादल घटेंगे और हल्की धूप देखी जा सकती है, परन्तु आर्द्रता 70‑80 % के बीच बनी रहेगी। इसलिए, पूरी तरह से साफ़ मौसम की अपेक्षा के लिए कम से कम दो हफ्ते इंतज़ार करना होगा।
Kanhaiya Singh
21 अक्तूबर 2025भारी बारिश से सड़कों पर जलभराव की समस्या बढ़ रही है।