आपने टीवी या ऑनलाइन खबरों में "हौथी" शब्द सुना होगा, लेकिन असल में यह कौन है, क्यों लड़ रहा है, अक्सर साफ़ नहीं होता। आसान भाषा में बताएं तो हौथी यमन का एक सशस्त्र समूह है, जो ज़ायदी शिया मत के लोगों से बना है। 1990‑के दशक में ये छोटे‑छोटे विद्रोहियों की टोली थी, लेकिन धीरे‑धीरे बड़े आंदोलन में बदल गई।
जब सरकार और विभिन्न विदेशी ताकतें यमन की राजनीति में हस्तक्षेप करने लगीं, तब हौथी ने अपने अधिकार क्षेत्र को विस्तार किया। 2014 में उन्होंने राजधानी सना पर कब्जा कर ली और फिर से 2015‑2024 के बीच लगातार लड़ाई जारी रही। इस अवधि में कई बार अंतरराष्ट्रीय जहाज़ों का हमला हुआ, तेल की डिलिवरी रुक गई और सामान्य जनता को भारी कष्ट सहना पड़ा।
हौथी का मुख्य मकसद सरकार को बदल कर अपने विचारों के अनुसार शासन स्थापित करना रहा है। उनका मानना है कि यमन की बहुसंख्यक आबादी को आर्थिक, सामाजिक और धार्मिक असमानता से बचाया जाए। इसलिए वे अक्सर "न्याय" और "भ्रष्टाचार विरोधी" शब्दों का इस्तेमाल करके अपना समर्थन जुटाते हैं।
वास्तव में उनका लक्ष्य सिर्फ सत्ता नहीं है; वे अपने पड़ोसी देशों, खासकर सऊदी अरब के साथ सीमाओं को लेकर भी तनाव में रहे हैं। सऊदी ने हौथी पर कई बार सैन्य कार्रवाई की, जबकि इरान अक्सर उनके सहयोगी के रूप में सामने आया। इस जटिल गठजोड़ ने मध्य‑पूर्व में संतुलन बिगाड़ दिया है और दुनिया भर की राजनैतिक चर्चाओं को प्रभावित किया है।
दुनिया के बड़े खिलाड़ी हौथी को लेकर अलग‑अलग रुख अपनाते हैं। संयुक्त राष्ट्र ने कई बार शांति वार्ता की अपील की, लेकिन जमीन पर संघर्ष जारी रहा। यूरोपीय देशों ने मानवीय मदद भेजी, जबकि अमेरिका और सऊदी अरब ने सैन्य सहयोग बढ़ाया। इस बीच इरान की भूमिका अक्सर विवादास्पद रहती है; कुछ कहती हैं कि वह हौथी को हथियार सप्लाई करता है, तो कुछ इसे रणनीतिक समर्थन बताती हैं।
आगे क्या होगा? अगर वार्ता सफल हो तो यमन में स्थिरता आ सकती है और आम लोगों के जीवन स्तर में सुधार संभव है। लेकिन अगर लड़ाई जारी रही, तो आर्थिक नुकसान, जनसंख्या विस्थापन और मानवीय संकट बढ़ते रहेंगे। इस कारण से हर नई खबर का असर न केवल यमन पर बल्कि पूरी दुनिया की ऊर्जा कीमतों, शिपिंग रूट्स और राजनीतिक गठजोड़ों पर पड़ता है।
तो जब भी आप हौथी के बारे में कोई नया लेख या वीडियो देखें, तो इन बुनियादी बातों को याद रखें: यह एक स्थानीय आंदोलन से शुरू हुआ, लेकिन अब इसका असर वैश्विक स्तर पर महसूस किया जा रहा है। समझदारी से पढ़ें, सही जानकारी साझा करें और इस जटिल मुद्दे को सरल शब्दों में देखना न भूलें।
इजरायली जेट्स ने यमन में हौथी नियंत्रित लक्ष्यों पर हमला किया। यह हमला तेल अवीव पर हौथी विद्रोहियों द्वारा ड्रोन हमले के बाद किया गया। हवाई हमलों ने होदेइदाह बंदरगाह के पास ऊर्जा संरचना को निशाना बनाया, जिसमें तेल सुविधाएं और एक पावर स्टेशन क्षतिग्रस्त हो गए।
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