जब Air Chief Marshal AP Singh, Chief of the Air Staff ने 8 अक्टूबर 2025 को हिंदन एयर फोर्स स्टेशन, गाज़ीआबाद में 93वां भारतीय वायु सेना दिवस देखभाल किया, तो माहौल में गर्व, एकता और साहस की बूंदें छलक गईं। इस बड़े समारोह की शान में General Anil Chauhan, Chief of Defence Staff और भारतीय सेना तथा नौसेना के प्रमुख भी मौजूद थे, जिससे देश की सामरिक शक्ति का ऐक्यपूर्ण चित्र सामने आया।
पृष्ठभूमि और इतिहास
भारतीय वायु सेना (IAF) ने 8 अक्टूबर 1947 को अपना पहला पंख खींचा था, और अब इसे 93 साल का सफर तय करना है। हिंदन, जो 1971 की युद्ध में strategic importance रखता था, हर साल इस दिन के प्रमुख मंच के रूप में चुना जाता है। इस बार का जश्न खास था क्योंकि ऑपरेशन सिंधूर के बाद IAF की सैन्य कौशल को फिर से परखा गया था।
समारोह की मुख्य घटनाएँ
परेड की कमान Group Captain Chetan Pradeep Deshpande, Parade Commander ने संभाली। राष्ट्रपति का ध्वज, IAF का ध्वज और ऑपरेशन सिंधूर का ध्वज तीन Mi‑17 1V हेलिकॉप्टर ने ‘ध्वज’ formation में उड़ाते हुए सम्मानित किया।
ऐरोबेटिक सलाम के बाद, 36 संगीतकारों की IAF बैंड ने देशभक्ति के गीत बजाए, जबकि Air Warrior Drill Team ने 5.5 किग्रा .303 राइफल के साथ "Shy Shaki" नामक विशेष रचना पर तेज़‑तेज़ कदमों के साथ ताल बँधाई। इस टीम को Wing Commander Kunal Kana, Officer in Charge की नेतृत्व में प्रशिक्षित किया गया था।
समारोह में कुल 97 मेडल और छह यूनिट सिटेशन भी वितरित किए गए। मेडल वितरण में Junior Warrant Officer Ko Singh ने बैंड को नेतृत्व किया, जबकि ड्रिल टीम को Warrant Officer RB Upady और Junior Warrant Officer Romesh Babu ने प्रशिक्षित किया।
ऑपरेशन सिंधूर की महत्ता
ऑपरेशन सिंधूर मई 2025 में शुरू हुआ, जब 22 अप्रैल 2025 को पाहलगाम हमले में कई भारतीय नागरिकों की जान गई। इस हमले के जवाब में IAF ने पाकिस्तान‑आधारित आतंकवादी इन्फ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाया, जिससे पाकिस्तान को तत्काल युद्धविराम का प्रस्ताव करना पड़ा। ऑपरेशन सिंधूर ने दिखा दिया कि हवा के बिना जमीन की जीत अधूरी है। इस जश्न में एसीएम सिंह ने कहा, “हवा शक्ति का भविष्य है, और इस शक्ति को सही दिशा में मोड़ना हमारा कर्तव्य है।”
सेना-सेना सहयोग और भविष्य की दिशा
भारतीय सेना और वायु सेना के बीच सहयोग पिछले पांच सालों में और गहराया है। जम्मू‑कश्मीर की कठिन पहाड़ी इलाकों में, IAF ने एयर‑लिफ्ट और तेज़‑तर्रार हवाई हमलों के माध्यम से भारतीय सेना की पैंतारी को मजबूत किया। इस सहयोग को “सिंहासन‑सुरक्षा” कहा जाता है, जहाँ हर ऑपरेशन में वायु और भूमिगत दोनों ताकतें एक साथ काम करती हैं।
एसीएम सिंह ने आगे कहा, “हमारी भूमिका सिर्फ लड़ाई तक सीमित नहीं, बल्कि आपदा राहत (HADR) में भी महत्वपूर्ण है। भविष्य में हम ड्रोन‑आधारित निगरानी, AI‑सहायता वाले पायलट प्रशिक्षण, और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार सायबर रक्षा को भी मुख्य धारा में लाने की योजना बना रहे हैं।”
भविष्य के कार्यक्रम और सार्वजनिक प्रदर्शन
अगला बड़ा इवेंट वायु सेना दिवस फ्लाइपेस्टगुवाहाटी होगा, जहाँ स्थानिक नागरिकों को वायु शक्ति के अद्भुत प्रदर्शन देखने को मिलेंगे। इस दौरान स्थिर प्रदर्शन (static display) में नई‑नई विमान तकनीकें, जैसे कि रिचर्डसन‑टॉरिया और इलेक्ट्रिक‑हाइब्रिड लड़ाकू विमान, भी दिखाए जाएंगे।
समारोह के बाद, एसीएम सिंह ने अपनी पत्नी सरिता को धन्यवाद देते हुए कहा, “हमारे सभी जवानों के परिवारों को धन्यवाद, जो हर दिन हमारे साथ खड़े होते हैं। यह दिन केवल जश्न नहीं, बल्कि भविष्य की नई जिम्मेदारियों की याद दिलाता है।”
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
ऑपरेशन सिंधूर ने भारतीय सुरक्षा पर कैसे असर डाला?
ऑपरेशन सिंधूर ने पाकिस्तान-आधारित आतंकवादी नेटवर्क को काफी हद तक डिसरप्ट किया, जिससे सीमा के पार हमले में गिरावट आई। इस कार्रवाई ने भारत को रणनीतिक रूप से हवा की भूमिका को फिर से स्थापित करने का अवसर दिया, और भविष्य में हवाई शक्ति पर अधिक निवेश को प्रेरित किया।
हिंदन एएफएस का चयन क्यों किया गया?
हिंदन एएफएस उत्तर भारत में रणनीतिक रूप से स्थित है, और यहाँ से कई प्रमुख बेस और प्रशिक्षण संस्थान संचालित होते हैं। पिछले साल की बारिश ने रिहर्सल को कठिन बना दिया था, फिर भी यह स्टेशन हर साल बड़े परेड का मुख्य मंच बना रहता है।
वायु सेना दिवस पर किन नई तकनीकों का प्रदर्शन होगा?
गुवाहाटी में आयोजित फ्लाइपेस्ट में इलेक्ट्रिक‑हाइब्रिड लड़ाकू विमान, AI‑सहायता वाले ड्रोन, और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक जमीनी‑हवा एकीकरण प्रणाली (EW) का प्रदर्शन किया जाएगा। यह दर्शाता है कि IAF जल्द ही पारंपरिक विमानों से उन्नत, पर्यावरण‑मित्र विकल्पों की ओर बढ़ रहा है।
इंडियन आर्मी के साथ सहयोग कैसे विकसित हुआ?
जम्मू‑कश्मीर की पैठी पहाड़ी इलाकों में एक साथ संचालन करने से दोनों सेनाओं ने एक दूसरे की क्षमताओं को समझा और अदलाबदल किया। अब संयुक्त प्रशिक्षण, एअर‑लिफ्ट ड्रिल और सामुदायिक राहत अभियानों में भी समानता बनी हुई है।
सामान्य नागरिक इस दिन का हिस्सा कैसे बन सकते हैं?
गुवाहाटी में सार्वजनिक फ्लाइपेस्ट खुली आमंत्रण के साथ आयोजित किया जाएगा, जहाँ लोग विमान देख सकते हैं, वर्चुअल रियलिटी (VR) सिम्युलेटर में उड़ान का अनुभव ले सकते हैं, और IAF के इतिहास पर इंटरैक्टिव प्रदर्शनी देख सकते हैं।
Vaibhav Patle
10 अक्तूबर 2025वाह भाई! इतना शानदार परेड देखकर दिल भर गया 😍 इंडियन एयर फोर्स के लोग तो हमेशा से ही देश की गर्व की बात हैं। हिंदन में ये सब देखने का मौका मिले तो मैं तुरंत टिकट बुक कर दूंगा। ऑपरेशन सिंधूर के बाद से तो IAF की ताकत और भी बढ़ गई है। ये लोग बस लड़ते नहीं, बल्कि दिमाग से भी लड़ते हैं। जय हिंद 🇮🇳
Jayasree Sinha
12 अक्तूबर 2025परेड के विवरण में जिन जवानों का नाम लिया गया है, वो सब बहुत छोटे-छोटे अधिकारी हैं जिनका कोई नाम अखबारों में नहीं आता। लेकिन उन्होंने जो किया, उसने पूरे देश को गर्वित किया। ये वो लोग हैं जिनके बिना कोई ऑपरेशन सफल नहीं होता। धन्यवाद, जवानों।
Garima Choudhury
13 अक्तूबर 2025ये सब बकवास है। ऑपरेशन सिंधूर कभी नहीं हुआ। पाकिस्तान ने जो किया वो सिर्फ एक टीवी शो था। ये सब गवर्नमेंट का प्रचार है। Mi-17 के बजाय अगर हमारे पास अपने विमान होते तो ऐसा नहीं होता। और ये इलेक्ट्रिक हाइब्रिड विमान? अभी तक बिजली की ट्राम भी ठीक से नहीं चलती। ये सब झूठ है।
Hira Singh
15 अक्तूबर 2025ये देखो भाईयों और बहनों! ये दिन हमारे बच्चों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है। जब मैं छोटा था तो मैं भी इसी तरह के परेड देखकर बड़ा होने का सपना देखता था। आज ये लोग न सिर्फ देश की रक्षा कर रहे हैं, बल्कि नई तकनीक से भविष्य की नींव रख रहे हैं। एक बार गुवाहाटी जाकर जरूर देखना। जय भारत!
Ramya Kumary
17 अक्तूबर 2025इस दिन का अर्थ केवल परेड या ध्वज नहीं है। ये एक याददाश्त है - जिस निःस्वार्थ बल के बिना एक देश नहीं बनता। हर वह जवान जो अपने घर छोड़कर आज भी बर्फ और धूल में खड़ा है, वो एक शांति का प्रतीक है। हम जो देखते हैं, वो सिर्फ विमान नहीं, वो लाखों अनजान दिलों का दर्द और आशा है। इस शक्ति का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है।
Sumit Bhattacharya
19 अक्तूबर 2025ऑपरेशन सिंधूर की सफलता ने भारतीय वायु सेना की रणनीतिक दूरदर्शिता को साबित किया। युद्ध के अवसरों के बजाय रणनीतिक दबाव का उपयोग आधुनिक युद्ध का आधार बन रहा है। भविष्य में AI और साइबर रक्षा के क्षेत्र में भारत को अग्रणी बनना होगा। यह एक अवसर है न कि एक उपलब्धि।
Snehal Patil
20 अक्तूबर 2025ये सब दिखावा है। जब तक हमारे घरों में बिजली नहीं आ रही तब तक ये विमान क्या करेंगे? ये लोग अपनी ताकत दिखाने में व्यस्त हैं लेकिन असली समस्याओं को नजरअंदाज कर रहे हैं। जो लोग इसे गर्व की बात कह रहे हैं वो शायद अपनी ज़िंदगी भूल गए हैं।
Nikita Gorbukhov
20 अक्तूबर 2025हां भाई, ये सब बहुत अच्छा लगा लेकिन क्या आपने सोचा कि इतने पैसे खर्च करके हमने क्या पाया? एक बार भी जाकर देखा है कि ये विमान कहाँ बन रहे हैं? अमेरिका से खरीदे जा रहे हैं और फिर इन्हें 'मेक इन इंडिया' कह रहे हैं। और ये इलेक्ट्रिक हाइब्रिड? भाई ये तो अभी टेस्ट बेड में हैं। ये सब बस धोखा है। 😡
RAKESH PANDEY
22 अक्तूबर 2025हिंदन एयर फोर्स स्टेशन का चयन सिर्फ इतिहास के कारण नहीं, बल्कि इसकी ऑपरेशनल लचीलापन के कारण हुआ है। यहाँ का हवाई अड्डा 365 दिन उपयोग के लिए उपलब्ध है, और यहाँ की जलवायु विमान परीक्षण के लिए आदर्श है। ऑपरेशन सिंधूर के बाद से ही वायु सेना के ऑपरेशनल प्लानिंग में एक नया दृष्टिकोण आया है - जो अब ड्रोन और साइबर समर्थन के साथ एकीकृत है। ये बदलाव असली है।
Nitin Soni
23 अक्तूबर 2025बहुत अच्छा था। जब भी ऐसा कुछ होता है तो मुझे लगता है कि हमारे देश के लिए अभी बहुत कुछ बाकी है। धन्यवाद जवानों।
varun chauhan
24 अक्तूबर 2025बहुत खूबसूरत था। ऑपरेशन सिंधूर के बाद से मैं भी वायु सेना के बारे में ज्यादा जानने लगा। अगली बार गुवाहाटी जाने का प्लान बना रहा हूँ। ❤️
Prince Ranjan
24 अक्तूबर 2025ये सब तो बस बकवास है भाई। ऑपरेशन सिंधूर का नाम तो बनाया गया था ताकि लोग भूल जाएं कि हमारे पास कोई एयर डिफेंस नहीं है। ये Mi-17 तो 1980 के दशक के हैं। और इलेक्ट्रिक हाइब्रिड विमान? अगर ये सच होता तो अब तक तीन देशों ने इसे अपना लिया होता। ये सब अफवाह है और लोग फंस रहे हैं। ये जो लोग इसे गर्व की बात कह रहे हैं वो अपने दिमाग को बेच चुके हैं।
Suhas R
26 अक्तूबर 2025ये जो दिखाया गया वो सब नाटक है। पाकिस्तान ने बस एक बार धमकी दी और ये लोग दुनिया को बता रहे हैं कि उन्होंने जीत ली। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि जिन जवानों के बच्चे अभी भी अनाथालय में हैं उनके लिए ये दिन क्या है? ये लोग तो बस अपनी ताकत दिखाने के लिए जी रहे हैं। हमें अपने बच्चों की जिंदगी बचानी है न कि ये नाटक देखना।
Hira Singh
26 अक्तूबर 2025अरे भाई ये लोग जो बोल रहे हैं वो तो बस अपनी नाराजगी बाहर निकाल रहे हैं। लेकिन जब तक हमारे जवान यहाँ खड़े हैं, तब तक हमारा देश बचा है। इन बातों को सुनकर गुस्सा नहीं आना चाहिए, बल्कि उनकी ताकत को और बढ़ाने का रास्ता ढूंढना चाहिए। चलो अगले फ्लाइपेस्ट में जाते हैं।