इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने G7 नेताओं का 'नमस्ते' से स्वागत किया: वायरल हुई यह भारत की पारंपरिक भेंट

इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने G7 नेताओं का 'नमस्ते' से स्वागत किया: वायरल हुई यह भारत की पारंपरिक भेंट

इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने G7 नेताओं का 'नमस्ते' से स्वागत किया: वायरल हुई यह भारत की पारंपरिक भेंट

इटली की प्रधानमंत्री का अनोखा अभिवादन

इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने इस वर्ष के प्रतिष्ठित ग्रुप ऑफ सेवेन (G7) सम्मेलन में एक अनोखा और प्रभावशाली कदम उठाया। मेलोनी ने भारतीय पारंपरिक अभिवादन 'नमस्ते' से प्रमुख वैश्विक नेताओं का स्वागत किया, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक पहल थी। जॉर्जिया मेलोनी का यह अद्वितीय स्वागत वर्तमान वैश्विक महामारी के समय में सांस्कृतिक महत्त्व और स्वास्थ्य सुरक्षा के संदेश को भी बल देता है।

यह आयोजन इटली के दक्षिणी क्षेत्र पग्लिया के फसानो स्थित बोरगो एग्नाज़िया के आलीशान रिसॉर्ट में हुआ, जो अपनी सुंदर वनस्पतियों और ऐतिहासिक आकर्षण के लिए प्रसिद्ध है। सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज़ और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेयर लेयेन जैसे अन्य वैश्विक नेता उपस्थित थे। मेलोनी का 'नमस्ते' से इस सम्मानपूर्ण स्वागत ने सोशल मीडिया पर एक नई लहर पैदा कर दी।

नमस्ते का सांस्कृतिक और स्वास्थ्य महत्व

'नमस्ते' भारतीय सभ्यता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें दोनों हाथ जोड़कर सामने वाले व्यक्ति को अभिवादन किया जाता है। इस अभिवादन की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इससे शारीरिक संपर्क नहीं होता और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह संक्रमण के जोखिम को भी कम करता है। जॉर्जिया मेलोनी का यह कदम न केवल भारतीय संस्कृति के प्रति उनके सम्मान को दर्शाता है, बल्कि वर्तमान कोविड-19 महामारी के समय यह एक प्रासंगिक और सुरक्षित विकल्प के रूप में भी देखा जा रहा है।

इस अनोखे अभिवादन को कई वीडियो में रिकॉर्ड किया गया और ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गए। खासकर एक्स जैसे प्लैटफॉर्म्स पर इसे लाखों लोगों ने देखा, सराहा और साझा किया। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने मेलोनी की इस सूझ-बूझ और सांस्कृतिक प्रति-समर्पण की प्रशंसा की। मेलोनी ने जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज़ और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेयर लेयेन को 'नमस्ते' के माध्यम से स्वागत किया, जिसके बाद उमड़े तारीफों के ढेर ने इस सांस्कृतिक पहल को और भी प्रमुख बना दिया।

सम्मेलन का उद्देश्य और चर्चा के विषय

सम्मेलन का उद्देश्य और चर्चा के विषय

यह सम्मेलन 13 से 15 जून 2024 तक इटली के पग्लिया क्षेत्र के फसानो में आयोजित हुआ। ग्रुप ऑफ सेवेन (G7) का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना और आर्थिक अस्थिरता, जलवायु परिवर्तन, और वैश्विक स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करना है। इस वर्ष के सम्मेलन में विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन और आर्थिक अस्थिरता पर गहन चर्चाएं हुईं।

सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी महत्वपूर्ण बना दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में 2024 के लोकसभा चुनावों में भारी बहुमत से तीसरी बार सत्ता में लौटे हैं और यह सम्मेलन उनकी पहली विदेशी यात्रा थी। मोदी ने भी मेलोनी की 'नमस्ते' को समर्थन और प्रशंसा की, जिससे इस पहल को और अधिक महत्त्व मिला।

भाग लेने वाले नेताओं की प्रतिक्रियाएं

सम्मेलन में उपस्थित सभी प्रमुख नेताओं ने मेलोनी के इस कदम की सराहना की। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसे एक महत्वपूर्ण और सम्मानजनक पहल बताया। जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज़ ने भी अपनी खुशी जाहिर की और कहा कि इस सांस्कृतिक अभिवादन ने उन्हें बहुत प्रभावित किया है। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेयर लेयेन ने भी मेलोनी की इस पहल की प्रशंसा की और इसे वैश्विक महामारी के बीच एक सुरक्षित और सार्थक विकल्प बताया। विभिन्न देशों के नेताओं ने इस पहल को एक नया दिशा निर्देश और सांस्कृतिक संपर्क को बढ़ावा देने वाला कदम माना।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

सोशल मीडिया पर भी इस घटना की व्यापक सराहना हुई। कुछ यूजर्स ने इसे नई संस्कृति और परंपराओं के प्रति मेलोनी के खुलेपन और संबंधों को और मजबूत करने का संकेत माना। अन्य यूजर्स ने मेलोनी की इस पहल को वर्तमान स्वास्थ्य परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए सबसे सुरक्षित और सम्मानजनक विकल्प में से एक बताया। एक्स और अन्य सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर मेलोनी के 'नमस्ते' वीडियो ने लाखों व्यूज और हजारों कमेंट्स हासिल किए, जिसमें लोगों ने इस सांस्कृतिक पहल की प्रशंसा की।

सम्मेलन का समापन और भविष्य की दिशा

G7 सम्मेलन का समापन 15 जून को सफलतापूर्वक हुआ। इस सम्मेलन ने विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर गहन चर्चा के साथ-साथ आपसी समझ और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बल दिया। जॉर्जिया मेलोनी द्वारा 'नमस्ते' का उपयोग न केवल भारतीय संस्कृति के प्रति सम्मान दर्शाता है, बल्कि यह एक स्वस्थ और सुरक्षित अभिवादन के रूप में भी स्थापित हुआ। यह पहल न केवल इस वर्ष के G7 सम्मेलन के लिए एक यादगार क्षण बन गई, बल्कि आगे आने वाले सम्मेलनों और अंतरराष्ट्रीय बैठकों में भी सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करेगी।


साझा:
विकास शर्मा

विकास शर्मा

मैं एक प्रतिष्ठित पत्रकार और लेखक हूँ, जो दैनिक खबरों से जुड़े मुद्दों पर लिखना पसंद करता हूँ। मैंने कई प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों में कार्य किया है और मुझे जनता को सही और सटीक जानकारी प्रदान करने में खुशी मिलती है।

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