लोकसभा चुनाव 2024 का छठा चरण: दिल्ली की लड़ाई
लोकसभा चुनाव 2024 का छठा चरण अपने पूरे जोरों पर है और इस बार दिल्ली सबसे ज्यादा सुर्खियों में है। सात सीटों पर मतदान हो रहे हैं जिनमें मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और 'इंडिया ब्लॉक' की पार्टियों- कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच है। आप चार सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि कांग्रेस ने तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। यह एक महत्वपूर्ण पड़ाव है क्योंकि दिल्ली के नतीजों का सीधा असर राष्ट्रीय स्तर पर भी देखने को मिल सकता है।
बीजेपी का चुनाव प्रचार और रणनीति
बीजेपी ने पिछले चुनावों की तुलना में इस बार अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में सभी सात सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद, बीजेपी ने इस बार केवल एक मौजूदा सांसद को ही टिकट दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'विकास' एजेंडा इस बार भी पार्टी की मुख्य चुनावी थीम है। दिल्ली में बीजेपी का चुनाव प्रचार मुख्य रूप से अरविंद केजरीवाल और इंडिया ब्लॉक के खिलाफ प्रश्नचिह्न उठाने पर केंद्रित रहा है। पार्टी की पूरी कोशिश है कि वह दिल्ली में फिर से अपनी पकड़ को मजबूत बना सके।
इंडिया ब्लॉक का चुनाव प्रचार: 'जेल का जवाब वोट से'
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) ने आपसी सहमति से सीटें बांटकर 'इंडिया ब्लॉक' के तहत चुनाव लड़ा है। कांग्रेस ने जहां तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, वहीं आप चार सीटों पर मुकाबला कर रही है। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद 'जेल का जवाब वोट से' स्लोगन के साथ इंडिया ब्लॉक प्रचार में जुटा है। दोनों पार्टियों के नेताओं ने मतदाताओं से अपील की है कि वे बीजेपी को सत्ता से बाहर करें और दावा किया कि भाजपा ने राजधानी में विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न की है।
दिल्ली के सीटों पर दिलचस्प मुकाबला
दिल्ली की सात सीटें- नई दिल्ली, उत्तर पश्चिम दिल्ली, पश्चिम दिल्ली, दक्षिण दिल्ली, उत्तर पूर्व दिल्ली, पूर्व दिल्ली, और चांदनी चौक पर चुनाव होने जा रहे हैं। हर सीट पर विभिन्न पार्टियों के बीच रोमांचक मुकाबला हो रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार दिल्ली की जनता की राय जरा बदली हुई हो सकती है, खासकर पिछले वर्षों में हुए विभिन्न मुद्दों और घटनाओं को देखते हुए।
उम्मीदवारों की परख और मतदाताओं की उम्मीदें
दिल्ली के चुनावी मैदान में इस बार नए चेहरों को भी मौका दिया गया है। बीजेपी ने कई मौजूदा सांसदों को हटा कर नए उम्मीदवारों को उतारा है। वहीं कांग्रेस और आप दोनों ने भी कुछ नए चेहरों को मौका दिया है। मतदाताओं की उम्मीदें भी ज्यादा हैं, खासकर युवाओं और पहली बार वोट डालने वाले नागरिकों की। दिल्ली में बेरोजगारी, सुरक्षा, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दे प्रमुख हैं और इन्हीं पर आधारित चुनावी वादों पर जनता अपनी राय बनाएगी।
सोनिया गांधी की अपील: कांग्रेस की वापसी की उम्मीद
कांग्रेस पार्टी, जो पिछले कुछ वर्षों से दिल्ली की राजनीति में कमजोर पड़ती दिखी है, इस बार अपनी वापसी की उम्मीद कर रही है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दिल्ली के लोगों से इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवारों को समर्थन देने की अपील की है। कांग्रेस का कहना है कि वे दिल्ली में बदलाव और विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। दिल्ली में पार्टी की रणनीति मुख्य रूप से युवाओं और महिलाओं को केंद्र में रखते हुए बनाई गई है।
मतदान के बाद की स्थिति
मतदान के बाद सभी राजनीतिक दलों के उम्मीदवार और कार्यकर्ता परिणाम का इंतजार कर रहे हैं। चुनाव के दौरान मतदाताओं की राय और मिजाज को भांपना मुश्किल हो सकता है, लेकिन पोस्ट-पोल सर्वेक्षणों के आधार पर विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने अपने अपने दावे किए हैं। परिणाम 4 जून को घोषित किए जाएंगे और तब तक हर पार्टी की सांसे थमी हुई रहेंगी।