भारत में चुप रहें शेख हसीना, बांग्लादेश उनकी प्रत्यर्पण का इंतजार कर रहा है: मुहम्मद यूनुस

भारत में चुप रहें शेख हसीना, बांग्लादेश उनकी प्रत्यर्पण का इंतजार कर रहा है: मुहम्मद यूनुस

भारत में चुप रहें शेख हसीना, बांग्लादेश उनकी प्रत्यर्पण का इंतजार कर रहा है: मुहम्मद यूनुस

सितंबर 6, 2024 इंच  अंतरराष्ट्रीय विकास शर्मा

द्वारा विकास शर्मा

मुहम्मद यूनुस ने शेख हसीना पर साधा निशाना

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया, नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस, ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर भारत से राजनीतिक बयानबाजी करने की वजह से निशाना साधा है। एक इंटरव्यू के दौरान, यूनुस ने स्पष्ट किया कि हसीना का भारत से बयान देना बांग्लादेश और भारत दोनों के लिए असुविधाजनक हो रहा है। उन्होंने कहा कि शेख हसीना को तब तक चुप रहना चाहिए जब तक ढाका उनके प्रत्यर्पण की औपचारिकता पूरी नहीं कर लेता।

भारत और बांग्लादेश के बीच बने हैं तनावपूर्ण हालात

शेख हसीना ने 13 अगस्त को अपने बयान में हाल ही में हुई 'आतंकवादी घटनाओं', हत्याओं और तोड़फोड़ की जांच की मांग की थी। यूनुस ने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि शेख हसीना की टिप्पणी भारत से करना गलत है और उन्हें बांग्लादेश आकर न्याय का सामना करना चाहिए। यूनुस ने यह भी कहा कि शेख हसीना की टिप्पणियों से दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण माहौल पैदा हो रहा है, जिसे देखते हुए यह आवश्यक है कि हसीना बांग्लादेश वापस आएं और अपने खिलाफ लगे आरोपों का सामना करें।

भारत और बांग्लादेश के रिश्ते को सुधारने की दिशा में काम करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए यूनुस ने कहा कि भारत सरकार को समझना चाहिए कि केवल अवामी लीग ही बांग्लादेश की स्थिरता की गारंटी नहीं है। उन्होंने अन्य राजनीतिक दलों को भी मौका देने की बात कही और वर्तमान स्थिति में शेख हसीना के भगोड़े होने पर उत्पन्न अस्थिरता को नजरअंदाज किया।

हसीना का बांग्लादेश से पलायन और बढ़ती विवाद

शेख हसीना 5 अगस्त को बांग्लादेश छोड़ी और भारत आ गई। उस समय बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर छात्रों द्वारा सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण राष्ट्रीय उथल-पुथल का माहौल था। उनके जाने के बाद, बांग्लादेश सरकार ने हसीना और उनके परिवार के सदस्यों के कूटनीतिक पासपोर्ट रद्द कर दिए हैं, जिससे हसीना के भविष्य को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।

द्विपक्षीय संधियों पर फिर से विचार करने की आवश्यकता

द्विपक्षीय संधियों पर फिर से विचार करने की आवश्यकता

यूनुस ने कहा कि भारत-बांग्लादेश रिश्तों को सुधारने के लिए कुछ द्विपक्षीय संधियों, विशेषकर अडानी बिजली सौदे जैसे समझौतों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। उन्होंने जोर दिया कि दोनों देशों को आपसी संबंधों को मजबूती देने के लिए सामूहिक प्रयास करने चाहिए।

हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले की घटनाओं को नकारा

यूनुस ने बांग्लादेश में हाल ही में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हुए कथित हमलों की घटनाओं को लेकर कहा कि यह सब महज बहाना है और इसका इस्तेमाल तनाव बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश एक संप्रभु देश है और इसे बाहरी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।

मध्यस्थता और संतुलन की दिशा में दोनों देशों को मिलकर काम करने की सलाह देते हुए यूनुस ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के रिश्ते हमेशा भाईचारे और आपसी सहयोग पर आधारित रहे हैं।


साझा:
विकास शर्मा

विकास शर्मा

मैं एक प्रतिष्ठित पत्रकार और लेखक हूँ, जो दैनिक खबरों से जुड़े मुद्दों पर लिखना पसंद करता हूँ। मैंने कई प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों में कार्य किया है और मुझे जनता को सही और सटीक जानकारी प्रदान करने में खुशी मिलती है।

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