ब्लेक लाइवली: 'इट एंड्स विद अस' फिल्म बनाना एक बड़ी जिम्मेदारी, लेकिन साथ ही एक सुनहरा अवसर

ब्लेक लाइवली: 'इट एंड्स विद अस' फिल्म बनाना एक बड़ी जिम्मेदारी, लेकिन साथ ही एक सुनहरा अवसर

ब्लेक लाइवली: 'इट एंड्स विद अस' फिल्म बनाना एक बड़ी जिम्मेदारी, लेकिन साथ ही एक सुनहरा अवसर

अगस्त 9, 2024 इंच  मनोरंजन subham mukherjee

द्वारा subham mukherjee

ब्लेक लाइवली, जो हॉलीवुड की एक मशहूर अभिनेत्री हैं, ने कोलीन हूवर के प्रशंसित उपन्यास 'इट एंड्स विद अस' को फिल्म में बदलने पर अपने विचार साझा किए हैं। यह फिल्म न केवल उनकी महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी थी अपितु एक अप्रत्याशित अवसर भी। लंदन में रोमांटिक ड्रामा के प्रीमियर के दौरान लाइवली ने बताया कि उपन्यास के प्रशंसकों की भावनाओं का सम्मान करना और कहानी के प्रति वफादार रहना उनके लिए बेहद जरूरी था। उन्होंने 'इट एंड्स विद अस' में लिली ब्लूम की भूमिका निभाई है, जो एक बॉस्टन-बेस्ड फ्लोरिस्ट है। इस किरदार को जीवंत करना उनके लिए एक चुनौतीपूर्ण लेकिन प्रेरणादायक अनुभव रहा।

लिली ब्लूम की कहानी जितनी खूबसूरत है, उतनी ही दिल को झकझोरने वाली भी। वे जस्टिन बल्डोनी के निभाए किरदार राइल किंगकायड के प्यार में पड़ती हैं, जो पेशे से एक न्यूरोसर्जन है। जैसे ही उनका संबंध और गहरा होता है, राइल के आक्रामक प्रवृत्तियों का पर्दाफाश होता है, जो लिली के बचपन के आघातों को भी फिर से जागृत करता है। इस स्थिति में लिली को अपने भविष्य को लेकर कठिन फैसले लेने पड़ते हैं। इस तरह, इस कहानी में प्यार और संघर्ष का समावेश किया गया है, जिसे दर्शकों को बड़े पर्दे पर जानने का मौका मिलेगा।

ब्लेक लाइवली ने इस फिल्म में अपनी भूमिका के अलावा निर्माता के तौर पर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह उनके करियर में एक नई दिशा का संकेत है। इससे पहले उन्होंने टेलर स्विफ्ट के म्यूजिक वीडियो 'आई बेट यू थिंक अबाउट मी (टेलर वर्जन)' से अपना डाइरेक्टोरियल डेब्यू किया था। इस वीडियो को दर्शकों और आलोचकों ने काफी सराहा था। फिल्म 'इट एंड्स विद अस' में उनके योगदान को लेकर वे कहती हैं कि उन्हें कभी-कभी एहसास होता था कि वे एक 'इंम्पॉस्टर' हैं, क्योंकि उनके सह-कलाकार 'शेपशिफ्टर्स' हैं। लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने यह समझा कि उनकी भूमिका कहानी को बयां करने और सृजन करने की है।

इस फिल्म का दुनिया भर में सिनेमाघरों में रिलीज 7 अगस्त को शुरू हुआ है और 9 अगस्त को यह यू.एस. और यू.के. के सिनेमा घरो में पहुंच चुकी है। इसके प्रति दर्शकों की प्रतिक्रिया देखने लायक होगी। ब्लेक लाइवली के फैंस बड़ी बेसब्री से इस फिल्म का इंतजार कर रहे थे और देखना होगा कि यह उनकी उम्मीदों पर कितनी खरी उतरती है।

फिल्म समीक्षक इस फिल्म को लेकर विभिन्न प्रकार के प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह फिल्म उपन्यास के साथ न्याय करती है, जबकि कुछ लोगों ने कहा कि इसमें सुधार की गुंजाइश है। फिर भी, ब्लेक लाइवली और जस्टिन बल्डोनी के प्रदर्शन की प्रशंसा की जा रही है।

इस फिल्म में कई महत्वपूर्ण थीम्स का सामना हुआ है, जैसे कि पारिवारिक हिंसा, प्यार और खुद की खोज। यह फिल्म दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देगी और उनके दिलों को छू लेगी। फिल्म निर्माण की दिशा में ब्लेक लाइवली के इस नए कदम को लेकर दर्शकों और विशेषज्ञों की उम्मीदें काफी ऊंची हैं।

उपन्यास से फिल्म तक का सफर

'इट एंड्स विद अस' का उपन्यास एक बेहद लोकप्रिय और बेस्टसेलिंग किताब रही है। कोलीन हूवर ने इस किताब के माध्यम से पाठकों के दिलों को छू लिया था और उनकी कहानी को फिल्म में बदलना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। कई बार बेस्टसेलिंग नावेल्स को फिल्मों में बदलते समय उनके मूल भावनाओं और संदेशों को बनाए रखना कठिन होता है। लेकिन ब्लेक लाइवली और उनकी टीम ने इसे बखूबी निभाया है।

फिल्म निर्माण के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन टीम की मेहनत और प्रतिबद्धता की वजह से यह संभव हो सका। लाइवली ने इस परियोजना के महत्व को समझते हुए अपनी पूरी मेहनत झोंक दी और परिणामस्वरूप इस फिल्म में उनकी पूरे समर्पण की झलक मिलती है।

मुख्य कास्ट और क्रू

फिल्म में लिली ब्लूम का किरदार निभाने वाली ब्लेक लाइवली के साथ-साथ जस्टिन बल्डोनी ने न केवल एक्टिंग की, बल्कि इसे डायरेक्ट भी किया। इन दोनों की केमिस्ट्री और उनके अभिनेय कौशल की बदौलत फिल्म को एक नया आयाम मिला है।

फिल्म के अन्य प्रमुख कलाकारों ने भी अपने-अपने किरदारों को जीवंत किया है। हर एक अभिनेता ने फिल्म के भावनात्मक और नाटकीय पहलुओं को बखूबी निभाया है, जिससे यह फिल्म और भी ज्यादा सजीव बन पाई है।

यथार्थवादी और भावनात्मक कथा

यथार्थवादी और भावनात्मक कथा

यह फिल्म न केवल एक रोमांटिक कहानी है, बल्कि इसमें इमोशनल और यथार्थवादी पहलुओं का भी समावेश है। फिल्म की कहानी रिश्तों के पेचीदा रास्तों और प्यार के विभिन्न रंगों को उजागर करती है। साथ ही, इसमें पारिवारिक हिंसा जैसी गंभीर मुद्दों पर भी रोशनी डाली गई है।

लिली के संघर्ष और उनकी भावनात्मक यात्रा को दिखाने का तरीका दर्शकों को बांधे रखेगा। उनकी कहानी में बहुत सारे उतार-चढ़ाव हैं, जो दर्शकों को न केवल मनोरंजन देंगे बल्कि उन्हें सोचने पर भी मजबूर कर देंगे।

समीक्षाओं की दुनियां

फिल्म 'इट एंड्स विद अस' को दर्शकों और समीक्षकों से मिली-जुली प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। जबकि कुछ लोग इसे एक मास्टरपीस मान रहे हैं, दूसरों का मानना है कि यह उपन्यास की तुलना में कमजोर है। लेकिन ब्लेक लाइवली और जस्टिन बल्डोनी के प्रदर्शन को सर्वत्र प्रशंसा मिल रही है।

फिल्म की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि यह दर्शकों को कितना प्रभावित करती है। फिल्म निर्माण में किए गए प्रयास और मेहनत स्पष्टत: नजर आते हैं, और दर्शक इसे कुशलता से पेश की गई एक सजीव कहानी के रूप में देख रहे हैं।

अंततः यह कहा जा सकता है कि 'इट एंड्स विद अस' एक ऐसी फिल्म है जिसे व्यापक दर्शकों द्वारा देखा और सराहा जाएगा। फिल्म की कहानी, प्रदर्शन और निर्माण सभी पहलुओं में यह फिल्म एक उल्लेखनीय प्रयास है। फिल्म की सफलता के पीछे ब्लेक लाइवली और उनकी टीम का संपूर्ण समर्पण और मेहनत है।

subham mukherjee

subham mukherjee

मैं एक प्रतिष्ठित पत्रकार और लेखक हूँ, जो दैनिक खबरों से जुड़े मुद्दों पर लिखना पसंद करता हूँ। मैंने कई प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों में कार्य किया है और मुझे जनता को सही और सटीक जानकारी प्रदान करने में खुशी मिलती है।

14 टिप्पणि

  • Amiya Ranjan

    Amiya Ranjan

    11 अगस्त 2024

    इस फिल्म को देखने के बाद मुझे लगा कि ब्लेक ने लिली के किरदार को बिल्कुल उसी तरह जीवंत किया जैसे कोलीन हूवर ने लिखा था। लेकिन फिर भी, जो चीजें उपन्यास में दिल को छू जाती थीं, फिल्म में उनकी गहराई खो गई है। यह बस एक अच्छी फिल्म है, लेकिन एक मास्टरपीस नहीं।

  • vamsi Krishna

    vamsi Krishna

    12 अगस्त 2024

    ye movie dekhi? bs ek romantic drama hai jismein koi bhi kuch nahi hua. Blake ne jo kiya woh bhi normal tha. Justin bhi thik tha. Bas itna hi. Koi twist nahi, koi surprise nahi. Boring.

  • Narendra chourasia

    Narendra chourasia

    14 अगस्त 2024

    अरे भाई, ये फिल्म तो बिल्कुल नकली है! ब्लेक लाइवली ने अपने फैंस के लिए एक बनावटी गहराई बनाई है, जिसमें उसने अपने अभिनय को नाटकीय बनाकर दिखाया! और जस्टिन बल्डोनी? अरे वो तो डायरेक्टर है और एक्टर भी! ये लोग सब कुछ करने की कोशिश करते हैं, लेकिन कुछ भी नहीं कर पाते! ये फिल्म एक बड़ा फेक है, जिसे बस इंस्टाग्राम पर लाइक्स के लिए बनाया गया है!!

  • Mohit Parjapat

    Mohit Parjapat

    14 अगस्त 2024

    ये फिल्म तो भारत के बाहर बनी है, लेकिन अंदर का दर्द हम सबका है! ब्लेक ने लिली के दर्द को ऐसे दिखाया जैसे वो हमारी बहन हो! ये फिल्म बस एक रोमांस नहीं, ये एक जिंदगी की जंग है! जिसमें हर आंसू, हर चीख, हर सांस असली है! ये फिल्म नहीं, ये एक जीवन शिक्षा है! 🇮🇳❤️🔥

  • Sumit singh

    Sumit singh

    14 अगस्त 2024

    ब्लेक लाइवली को अपनी भूमिका में इतना लगाव क्यों है? ये फिल्म तो बस एक बेस्टसेलर उपन्यास का बेकार एडाप्टेशन है। और ये सब फिल्म निर्माता के लिए एक व्यावसायिक चाल है। वो अपने नाम को बढ़ाने के लिए इस तरह के प्रोजेक्ट्स पर जा रही हैं। असली कलाकार तो ऐसे नहीं होते।

  • fathima muskan

    fathima muskan

    15 अगस्त 2024

    इस फिल्म के बारे में जो सब कुछ बताया जा रहा है, वो सब एक बड़ा धोखा है। ये फिल्म तो सिर्फ एक बड़े कॉर्पोरेट प्रचार का हिस्सा है। जिसमें ब्लेक को बनाया गया है एक फीमेल इको-हीरो के रूप में। ये सब एक विशाल मीडिया ब्रांडिंग रणनीति है। तुम लोगों को लगता है ये फिल्म असली है? नहीं भाई, ये तो एक डिजिटल बाजार बनाने की कोशिश है।

  • Devi Trias

    Devi Trias

    16 अगस्त 2024

    मैंने फिल्म को दो बार देखा है, और दोनों बार ब्लेक लाइवली के अभिनय की निरंतरता और भावनात्मक गहराई ने मुझे आश्चर्यचकित कर दिया। उनका शरीर भाषा, आवाज़ का टोन, और आंखों के भाव सब कुछ बिल्कुल उपन्यास के वर्णन के अनुरूप था। यह फिल्म निश्चित रूप से एक उल्लेखनीय अनुकूलन है, जिसमें निर्माण टीम ने छोटे विवरणों की भी उपेक्षा नहीं की।

  • Kiran Meher

    Kiran Meher

    18 अगस्त 2024

    ये फिल्म देखकर मुझे लगा जैसे मैंने अपने दिल का एक टुकड़ा वापस पा लिया है। ब्लेक ने लिली के दर्द को इतना सच्चा बना दिया कि मैंने अपनी बहन को याद कर लिया। ये फिल्म नहीं, ये एक चिकित्सा है। जिसे हर कोई देखना चाहिए। जिंदगी में जब तक इतना दिल लगाकर कुछ नहीं किया तब तक तुमने जिंदगी नहीं जीई। ब्रावो ब्लेक ब्रावो

  • Tejas Bhosale

    Tejas Bhosale

    18 अगस्त 2024

    ये फिल्म एक डिसकोर्डेंस ऑफ अल्टरनेटिव रियलिटीज का एक्सप्रेशन है। ब्लेक लाइवली ने लिली के एंटिटी को एक एक्सिस ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन के रूप में डिस्प्ले किया है, जो इंटरनल डायनामिक्स के साथ एक फेनोमेनोलॉजिकल एक्सपीरियंस को रिफ्लेक्ट करता है। ये न तो रोमांस है न ही ड्रामा, ये एक एक्सिस ऑफ बीइंग है।

  • Asish Barman

    Asish Barman

    19 अगस्त 2024

    सब ये कह रहे हैं कि ये फिल्म बहुत अच्छी है पर मुझे लगता है ये बिल्कुल नहीं है। जो लोग इसे मास्टरपीस बता रहे हैं वो शायद बस इसलिए कह रहे हैं क्योंकि ब्लेक लाइवली फेमस हैं। अगर कोई नया अभिनेत्री होती तो कोई इसे देखता भी नहीं। ये सब बस एक बड़ा फेक है।

  • Abhishek Sarkar

    Abhishek Sarkar

    20 अगस्त 2024

    ये फिल्म बस एक छोटी सी चीज को बड़ा बना रही है। ब्लेक लाइवली ने जो किया है वो कोई बड़ी बात नहीं है। उसने एक उपन्यास को फिल्म में बदला, लेकिन ये सब एक बड़े सिस्टम का हिस्सा है जो हमें बताता है कि क्या सच है और क्या नहीं। और जब तक हम इस फिल्म को देखते रहेंगे, तब तक हम उस सिस्टम के बंधन में रहेंगे। ये फिल्म हमें नहीं बचाएगी, ये हमें फंसाएगी।

  • Niharika Malhotra

    Niharika Malhotra

    20 अगस्त 2024

    इस फिल्म ने मुझे याद दिलाया कि प्यार कभी-कभी दर्द होता है, और वो दर्द भी सुंदर होता है। ब्लेक ने लिली के आंतरिक संघर्ष को इतनी संवेदनशीलता से दिखाया कि लगा जैसे मैं उसके साथ चल रहा हूँ। ये फिल्म न केवल देखने के लिए है, बल्कि जीने के लिए है। धन्यवाद ब्लेक, तुमने दिलों को छू लिया।

  • Baldev Patwari

    Baldev Patwari

    21 अगस्त 2024

    इस फिल्म को देखकर लगा जैसे ब्लेक लाइवली ने अपनी फेम बढ़ाने के लिए एक बड़ी चाल चली है। ये फिल्म तो बस एक बेस्टसेलर का नकली एडाप्टेशन है। जस्टिन बल्डोनी भी तो डायरेक्टर है, तो अब वो भी बन गया एक निर्माता। ये सब बस एक बड़ा ब्रांडिंग गेम है।

  • harshita kumari

    harshita kumari

    23 अगस्त 2024

    ये फिल्म तो बस एक बड़ा धोखा है। ब्लेक लाइवली को बनाया गया है एक नए तरह के फीमेल हीरो के रूप में जिसे बाजार में बेचने के लिए बनाया गया है। ये फिल्म नहीं, ये एक बड़ा मीडिया ब्रांडिंग टूल है। जब तक हम इसे देखेंगे तब तक हम उस ब्रांड के गुलाम बने रहेंगे। और जब तक हम ये नहीं समझेंगे तब तक हम अपने दिमाग को खो रहे हैं। ये फिल्म नहीं, ये एक नियंत्रण का तरीका है।

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