झारखंड हाई कोर्ट के फैसले के बाद हेमंत सोरेन की जेल से रिहाई

झारखंड हाई कोर्ट के फैसले के बाद हेमंत सोरेन की जेल से रिहाई

झारखंड हाई कोर्ट के फैसले के बाद हेमंत सोरेन की जेल से रिहाई

जून 29, 2024 इंच  राजनीति subham mukherjee

द्वारा subham mukherjee

झारखंड हाई कोर्ट के फैसले के बाद हेमंत सोरेन की जेल से रिहाई

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के प्रमुख हेमंत सोरेन को शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट के जमानत आदेश के बाद बिरसा मुंडा जेल से रिहा कर दिया गया। सोरेन को जनवरी में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित भूमि घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में गिरफ्तार किया था। उनकी रिहाई पर उनकी पत्नी कल्पना सोरेन और पार्टी के कई सदस्य मौजूद थे। कल्पना सोरेन ने इस अवसर पर खुशी जताते हुए कहा, 'यह दिन आखिरकार आ ही गया। हम माननीय हाई कोर्ट का बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।'

ED की कार्रवाई और हाई कोर्ट का आदेश

हेमंत सोरेन पर आरोप था कि उन्होंने नकली विक्रेताओं और खरीदारों के माध्यम से बड़ी संख्या में भूमि अधिग्रहण की थी। जांच एजेंसियों ने दावा किया कि इस गड़बड़ी के सामने आने के बाद सोरेन ने 8.5 एकड़ भूमि फर्जी तरीकों से खरीदी थी और इसके साथ ही 36 लाख रुपये की नकदी भी बरामद की थी। इस मामले में राँची पुलिस ने एक एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें सोरेन ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत शिकायत की थी।

झारखंड हाई कोर्ट ने बाद में ED के अधिकारियों के खिलाफ कोई दमनात्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया था, जब एजेंसी ने सोरेन की एफआईआर को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। सोरेन ने आरोप लगाया था कि ED के छापे उनके खिलाफ एक साजिश का हिस्सा थे और उनकी छवि को खराब करने और उन्हें परेशान करने की कोशिश कर रही थी।

सोरेन की रिहाई और राजनीतिक प्रतिक्रिया

हेमंत सोरेन की रिहाई के बाद, JMM के नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में जेल के बाहर इकट्ठा हो गए थे। उन्होंने इस अवसर पर खुशी और संतोष जताते हुए झारखंड हाई कोर्ट के प्रति आभार व्यक्त किया। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'हम मुश्किल समय में भी अपने नेता के साथ खड़े रहे और आज हमें न्याय मिला है।'

सोरेन की रिहाई के बाद झारखंड के राजनीतिक परिदृश्य में भी हलचल मच गई है। उनके समर्थकों का मानना है कि इस कदम से पार्टी की शक्तियों को फिर से मजबूती मिलेगी और आने वाले विधानसभा सत्र में वे और अधिक प्रबलता से अपनी आवाज रख सकेंगे। जेल से बाहर आने के बाद, सोरेन ने अपने समर्थकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि वह अब भी अपने राज्य और लोगों की सेवा में कटिबद्ध रहेंगे।

आगे की चुनौतियां

हालांकि हेमंत सोरेन को जमानत मिल चुकी है, लेकिन उनके ऊपर से कानूनी मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। यह मामला झारखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। आगे आने वाले दिनों में कैसे यह मामला विकसित होता है, और क्या यह उनकी राजनीतिक स्थिति को प्रभावित करेगा, यह देखने वाली बात होगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना झारखंड की राजनीति में एक अहम बदलाव का संकेत हो सकती है। सोरेन की रिहाई ने न केवल उनके व्यक्तिगत समर्थकों को उत्साह दिया है, बल्कि JMM के कार्यकर्ताओं को भी एक नई ऊर्जा दी है। राज्य में उनकी पार्टी की स्थिति मजबूत करने के लिए अभी भी कई कदम उठाने बाकी हैं।

हेमंत सोरेन की रिहाई और उनके खिलाफ जारी अन्य मामलों की जांच इस बात का संकेत देती है कि झारखंड की राजनीति में अभी भी कई मोड़ और उतार-चढ़ाव बाकी हैं। उनके समर्थक और विपक्षी दोनों ही इस मामले पर कड़ी नजर रखेंगे, क्योंकि इससे राज्य का राजनीतिक भविष्य प्रभावित हो सकता है।

subham mukherjee

subham mukherjee

मैं एक प्रतिष्ठित पत्रकार और लेखक हूँ, जो दैनिक खबरों से जुड़े मुद्दों पर लिखना पसंद करता हूँ। मैंने कई प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों में कार्य किया है और मुझे जनता को सही और सटीक जानकारी प्रदान करने में खुशी मिलती है।

10 टिप्पणि

  • Narendra chourasia

    Narendra chourasia

    1 जुलाई 2024

    ये सब झूठ है!! ED ने सिर्फ एक राजनीतिक दुश्मन को तोड़ना चाहा था! भूमि घोटाला? हाँ बिल्कुल! जब तक तुम शक्ति में हो तब तक तुम्हारे खिलाफ कोई भी आरोप चल सकता है! और अब जब अदालत ने उनकी रिहाई कर दी, तो ये सब निष्कर्ष बिल्कुल भी नहीं हैं!! ये तो सिर्फ एक राजनीतिक शोर है!!!

  • Mohit Parjapat

    Mohit Parjapat

    1 जुलाई 2024

    जय झारखंड! 🚩🔥 हेमंत सोरेन ने जेल में भी अपनी आत्मा को नहीं बेचा! ये आदमी तो असली नेता है! ED ने जो किया, वो राजनीति की बजाय अदालत के सामने गिर गया! अब देखो, कौन असली दुश्मन है - जो लोग न्याय की बात करते हैं या जो लोग दबाव डालते हैं? 🤷‍♂️💥

  • Sumit singh

    Sumit singh

    2 जुलाई 2024

    इतनी बड़ी राजनीतिक व्यक्तित्व की रिहाई के बाद भी लोग इसे 'न्याय' कह रहे हैं? क्या आप लोग असली कानून को नहीं जानते? जमानत मिलना बराबर निर्दोष होना नहीं होता! ये बस एक तकनीकी रिहाई है - अभी तक कोई गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिला, लेकिन ये बात नहीं कि वो निर्दोष हैं। आप लोग भावनाओं से बह गए हैं।

  • fathima muskan

    fathima muskan

    3 जुलाई 2024

    ED का ये सब एक बड़ा धोखा है... ये तो सिर्फ एक ट्रेनिंग ड्रिल है जो राजनीति के लिए बनाया गया है... जब भी कोई विपक्षी बल बढ़ता है, ED उसे डरा देता है... और जब लोग उसे नहीं डराते, तो वो बेकार हो जाता है... अब ये फैसला बस एक शोर है... जिसे वो खुद भी नहीं मानते... लेकिन लोगों को शांत करने के लिए दिया गया...

  • Devi Trias

    Devi Trias

    3 जुलाई 2024

    हेमंत सोरेन की जमानत का फैसला भारतीय न्याय प्रणाली के अनुसार पूर्णतः निष्पक्ष और कानूनी रूप से सही है। आरोपी को निर्दोष माना जाता है जब तक कि उसके खिलाफ प्रमाण नहीं दिखाए जाते। जमानत का आदेश इस सिद्धांत का ही पालन है। यह फैसला अदालत के अधिकार क्षेत्र के भीतर आता है और राजनीतिक दबाव से स्वतंत्र है।

  • Kiran Meher

    Kiran Meher

    5 जुलाई 2024

    ये जिंदगी है भाई... कभी ऊपर कभी नीचे... लेकिन जो असली है वो नीचे गिरने के बाद भी खड़ा हो जाता है... हेमंत ऐसा ही आदमी है... जेल से बाहर आया और फिर से लोगों के बीच आ गया... ये तो असली नेता है... बस जारी रखो... हम सब तुम्हारे साथ हैं... 💪❤️

  • Tejas Bhosale

    Tejas Bhosale

    6 जुलाई 2024

    स्ट्रक्चरल इम्पीरियलिज़म के तहत ये मामला एक प्रोटो-कोलोनियल एक्ट है... जमानत का आदेश बस एक लिक्विडेशन ऑफ़ फॉर्मल अथॉरिटी है... जब तक लोकतंत्र का फ्रेमवर्क नहीं बदलता, तब तक ये सब एक डायनामिक फ़िक्स है... बस एक टाइम-लैग जो बाद में रिवर्स हो सकता है... न्याय का नाम लेकर भी अभी तक ये एक ऑपरेशनल बायस है...

  • Asish Barman

    Asish Barman

    7 जुलाई 2024

    ED ne kuch nahi kiya bas ek naam ke liye dhanda kiya... log sochte hain ki yeh case hai par asal mein toh sirf ek political game tha... ab jaise hi court ne kuch kaha, sab ne kaha 'nyay hua'... bas ek bade show ka hissa tha... koi proof nahi, koi conviction nahi... bas ek headline...

  • Abhishek Sarkar

    Abhishek Sarkar

    9 जुलाई 2024

    इस रिहाई का असली मतलब यह है कि जब तक तुम राजनीति में शक्तिशाली हो, तब तक कानून तुम्हारे लिए लचीला होता है... जब तक तुम्हारे पास बड़ा नेटवर्क है, तब तक तुम्हारे खिलाफ कोई भी जांच नहीं चल सकती... ये न्याय नहीं है... ये एक बड़ा धोखा है... जब एक आम आदमी ऐसा करता है तो उसे 20 साल जेल मिलती है... लेकिन जब एक नेता करता है तो उसे जमानत मिल जाती है... ये न्याय क्या है? ये तो अन्याय है... और लोग इसे न्याय कह रहे हैं... ये देश का अंत है...

  • Niharika Malhotra

    Niharika Malhotra

    10 जुलाई 2024

    हेमंत सोरेन की रिहाई सिर्फ एक व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि झारखंड के हर उस आदमी के लिए एक नई उम्मीद है जो न्याय की गुहार लगाता है... ये फैसला दर्शाता है कि अदालतें अभी भी अपने नागरिकों के लिए खड़ी हैं... और इस बार न्याय की राह पर चलने वाले को समर्थन मिला... यह एक छोटा सा विजय है... लेकिन यह विजय बड़ी चीज़ों की शुरुआत है... अब आगे का काम हम सबका है... इस उम्मीद को बरकरार रखना है...

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