भारत के दो सबसे बड़े शेयर बाजार — NSE और BSE — 21 अक्टूबर 2025 को दिवाली-लक्ष्मी पूजा और 22 अक्टूबर 2025 को बलिप्रतिपदा के कारण पूरी तरह बंद रहेंगे। इस बीच, एक विशेष घटना होगी: मुहूर्त ट्रेडिंग। यह एक घंटे की पारंपरिक ट्रेडिंग सेशन है, जो भारतीय नए विक्रम संवत् 2082 की शुरुआत का प्रतीक है। यह सेशन 21 अक्टूबर, दोपहर 1:45 बजे से 2:45 बजे तक होगा, और पूर्व खुलासा सेशन 1:30 बजे से शुरू होगा।
दिवाली के साथ शेयर बाजार का अनुष्ठान
दिवाली के दौरान बाजार का बंद होना केवल एक छुट्टी नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक और आर्थिक परंपरा है। यह तीन दिनों की शुरुआत है — 18 अक्टूबर को धनतेरस, जो शनिवार को पड़ा और बाजार पहले से ही बंद था, फिर 19 अक्टूबर को रविवार की छुट्टी, और फिर 20 अक्टूबर को सामान्य ट्रेडिंग। इसके बाद ही दिवाली की वास्तविक छुट्टियां शुरू होती हैं।
मुहूर्त ट्रेडिंग का अर्थ है कि बाजार एक घंटे के लिए खुलता है — लेकिन इसका मकसद लाभ कमाना नहीं, बल्कि नए वित्तीय वर्ष की शुभ शुरुआत करना है। इस घंटे में निवेशक छोटे-छोटे लेन-देन करते हैं, अक्सर शेयर खरीदते हैं जिनके नाम में लक्ष्मी, धन, या शुभ अक्षर होते हैं। यह एक ऐसा अनुष्ठान है जिसे बाजार के सभी बड़े ब्रोकरेज फर्म्स — Angel One, Groww, और Economic Times — अपने ग्राहकों को बड़े उत्साह से बताते हैं।
कौन-कौन बंद रहेगा?
सिर्फ NSE और BSE ही नहीं, MCX भी 21 अक्टूबर को अपनी कमोडिटी डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग बंद कर देगा। NSE के लिए यह बंदी इक्विटी, इक्विटी डेरिवेटिव्स, और सिक्योरिटीज लेंडिंग (SLB) सेगमेंट के लिए लागू होगी। दोनों एक्सचेंज ने अपने 2025 के आधिकारिक छुट्टी कैलेंडर में इन दिनों को स्पष्ट रूप से चिह्नित किया है।
बीएसई के अनुसार, 2025 में इक्विटी सेगमेंट के लिए कुल 13 छुट्टियां हैं। दिवाली-बलिप्रतिपदा इनमें से 12वीं है। एनएसई के कैलेंडर में यह दिन “Diwali-Laxmi Pujan (Muhurat trading session)” और “Diwali-Balipratipada” के रूप में दर्ज है। यह विस्तार से बताता है कि यह दिन न सिर्फ एक धार्मिक छुट्टी है, बल्कि एक आर्थिक आयोजन भी है।
मुहूर्त ट्रेडिंग: एक निश्चित रूप, अनिश्चित नियम
यहां एक दिलचस्प बात है: दोनों एक्सचेंज ने मुहूर्त ट्रेडिंग के समय को “subsequently notified” के रूप में छोड़ दिया है। लेकिन वास्तविकता यह है कि यह समय पिछले कई वर्षों से लगभग एक जैसा ही रहा है — दोपहर 1:45 से 2:45। एंजल वन के वित्तीय लेखक कुसुम कुमारी ने इसे स्पष्ट किया है कि यह समय धार्मिक पंचांग के अनुसार तय होता है, जिसमें शुभ मुहूर्त का निर्धारण तारीख और समय के आधार पर होता है।
इसलिए, जब एक्सचेंज कहते हैं कि “समय बाद में घोषित किया जाएगा”, तो वास्तव में वे कह रहे हैं कि वे अंतिम रूप से पंचांग की पुष्टि कर रहे हैं। इसलिए, जब आप एक निवेशक के रूप में इस दिन ट्रेड करना चाहते हैं, तो आपको 1:30 बजे से तैयार रहना होगा।
अन्य छुट्टियां और बाजार का साल
दिवाली के बाद भी बाजार के लिए कई छुट्टियां बाकी हैं। 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी जयंती, 5 नवंबर को गुरुनानक जयंती, और 25 दिसंबर को क्रिसमस — ये सभी बाजार के लिए बंद दिन हैं। इसके अलावा, 26 फरवरी को महाशिवरात्रि, 14 मार्च को होली, और 31 मार्च को ईद भी शामिल हैं।
यह सब एक बड़े चित्र का हिस्सा है — जहां भारतीय बाजार न केवल वैश्विक आर्थिक चक्र के साथ जुड़ा है, बल्कि देश की सांस्कृतिक धाराओं से भी गहराई से जुड़ा है। जब बाजार बंद होता है, तो यह सिर्फ एक आर्थिक निर्णय नहीं, बल्कि एक सामाजिक संकेत है: भारतीय अर्थव्यवस्था अपने धार्मिक जीवन के साथ साथ चलती है।
अगला कदम: कब वापसी?
22 अक्टूबर के बाद बाजार बंद रहेगा। अगला ट्रेडिंग दिन 23 अक्टूबर, गुरुवार होगा। इस दिन शुरू होने वाली ट्रेडिंग को बाजार के विश्लेषक बहुत ध्यान से देखेंगे — क्योंकि दिवाली के बाद अक्सर निवेशकों में उत्साह बढ़ जाता है। कई बार बाजार इस दिन ऊपर की ओर खुलता है, क्योंकि लोग नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के लिए निवेश करने के लिए तैयार होते हैं।
इसके बाद, बाजार का अगला बड़ा अवसर नवरात्रि और दशहरा होगा — जिसके बाद अक्टूबर के अंत तक ट्रेडिंग नियमित रूप से चलती रहेगी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
मुहूर्त ट्रेडिंग में क्या खरीदा जाता है?
मुहूर्त ट्रेडिंग में निवेशक अक्सर उन शेयर्स को खरीदते हैं जिनके नाम में शुभ अक्षर होते हैं — जैसे लक्ष्मी, धन, या शुभ। उदाहरण के लिए, लक्ष्मी विश्व निगम, धन राशि इंफ्रास्ट्रक्चर, या शुभ इंडस्ट्रीज जैसे कंपनियों के शेयर लोकप्रिय होते हैं। यह सिर्फ आस्था का मामला नहीं, बल्कि एक व्यापारिक परंपरा भी है।
21 अक्टूबर को बाजार बंद है, तो मुहूर्त ट्रेडिंग कैसे होगी?
मुहूर्त ट्रेडिंग एक अपवाद है। इस एक घंटे के लिए, बाजार अस्थायी रूप से खुल जाता है — लेकिन यह सिर्फ एक रिमाइंडर है कि बाजार बंद नहीं है, बल्कि उसका नया वर्ष शुरू हो रहा है। इस दौरान केवल ब्रोकरेज फर्म्स के लिए एक विशेष टर्मिनल चलता है, और आम निवेशक इसमें भाग ले सकते हैं।
क्या डेरिवेटिव्स और कमोडिटीज का बाजार भी बंद रहेगा?
हां। NSE के डेरिवेटिव्स और कमोडिटी सेगमेंट 21 अक्टूबर को बंद रहेंगे। MCX भी इसी दिन बंद रहेगा। हालांकि, 22 अक्टूबर को कमोडिटी बाजार भी बंद रहेगा, जबकि इक्विटी बाजार इस दिन बंद रहेगा।
क्या बैंक भी इन दिनों बंद रहेंगे?
हां, भारतीय बैंक भी 21 और 22 अक्टूबर को बंद रहेंगे। यह राष्ट्रीय छुट्टियों का हिस्सा है। हालांकि, ऑनलाइन बैंकिंग और ATM सेवाएं उपलब्ध रहेंगी। शेयर बाजार के बंद होने के साथ-साथ बैंकिंग सेवाएं भी बंद हो जाती हैं, जिससे निवेशकों को शेयर खरीदने के लिए फंड ट्रांसफर करने में दिक्कत हो सकती है।
पिछले साल भी ऐसा ही हुआ था?
हां, पिछले तीन वर्षों में भी दिवाली के दिनों पर NSE और BSE बंद रहे, और मुहूर्त ट्रेडिंग दोपहर 1:45 से 2:45 बजे तक हुई। यह पैटर्न लगभग 20 सालों से अपरिवर्तित है। इसलिए, 2025 का कैलेंडर भी इसी तरह का है — बस तारीखें बदल गई हैं।
दिवाली के बाद बाजार में तेजी आने की संभावना क्यों होती है?
दिवाली के बाद अक्सर निवेशकों के मन में नई शुरुआत की उम्मीद होती है। लोग नए वित्तीय वर्ष के लिए पैसा लगाने की सोचते हैं। इसके अलावा, अक्टूबर-नवंबर में कंपनियां अपनी तिमाही रिपोर्ट्स जारी करती हैं, जिससे बाजार में निश्चितता आती है। यह दोनों कारण मिलकर अक्सर तेजी का कारण बनते हैं।
Dev Toll
5 नवंबर 2025दिवाली पर बाजार बंद होना तो सिर्फ एक परंपरा नहीं, ये तो भारत की जिंदगी का हिस्सा है। एक घंटे की मुहूर्त ट्रेडिंग में लोग शेयर खरीदते हैं, लेकिन असली लाभ तो उस शुभ भावना में है जो इस दिन बाजार में फैलती है।
utkarsh shukla
5 नवंबर 2025भाई ये मुहूर्त ट्रेडिंग तो बिल्कुल जबरदस्त है! एक घंटे में लाखों का भावनात्मक निवेश हो जाता है! जब लक्ष्मी विश्व निगम का शेयर खरीदते हैं तो लगता है जैसे देवी स्वयं आपके पोर्टफोलियो में घुस रही हैं! ये नहीं तो क्या है भारतीय बाजार की जान? 🙌
Amit Kashyap
5 नवंबर 2025अगर ये मुहूर्त ट्रेडिंग बंद हो गई तो क्या होगा? ये तो हमारी संस्कृति का हिस्सा है! अमेरिका के बाजार में क्या ऐसा होता है? नहीं! वो तो बस डॉलर के लिए लड़ते हैं! हमारे यहां तो धर्म और धन एक साथ चलते हैं। ये जो बाहरी लोग कहते हैं वो सब बकवास है। भारत की जड़ें मजबूत हैं।
DEVANSH PRATAP SINGH
7 नवंबर 2025इस मुहूर्त ट्रेडिंग को लेकर बहुत सारे लोग गलत फहमी में हैं। ये सिर्फ शुभ शुरुआत का रिवाज है, लाभ कमाने का मौका नहीं। अगर आप इसे ट्रेडिंग का एक तरीका समझेंगे तो आप खुद को धोखा दे रहे होंगे। ब्रोकर्स इसे बड़े उत्साह से बताते हैं क्योंकि ये उनके लिए भी एक ब्रांडिंग मौका है।
SUNIL PATEL
8 नवंबर 2025ये मुहूर्त ट्रेडिंग का नाम लेकर लोग गलत उम्मीदें बांधते हैं। अगर आप इस घंटे में लाभ कमाने की उम्मीद करते हैं, तो आपका निवेश बेकार है। ये एक रिवाज है, न कि एक रणनीति।
Avdhoot Penkar
9 नवंबर 2025मुहूर्त ट्रेडिंग? ये तो बस एक बहाना है जिससे ब्रोकर्स अपने कमीशन बढ़ा लेते हैं 😏
Akshay Patel
10 नवंबर 2025ये सब धार्मिक बहानेबाजी है। अगर बाजार बंद हो रहा है तो बंद हो जाए, लेकिन इसे मुहूर्त का नाम देकर भावनात्मक दबाव डालना बेकार है। निवेश का मतलब तो विश्लेषण होता है, न कि लक्ष्मी के नाम पर शेयर खरीदना।
Raveena Elizabeth Ravindran
12 नवंबर 2025मुहूर्त ट्रेडिंग? ये तो बस एक बाजार का नाटक है... और लोग इसमें भाग लेते हैं जैसे गुरु के आशीर्वाद के लिए भेंट दे रहे हों 😴
Krishnan Kannan
12 नवंबर 2025मुझे लगता है कि ये मुहूर्त ट्रेडिंग असल में बहुत सुंदर है। एक ऐसा दिन जब लोग न सिर्फ शेयर खरीदते हैं, बल्कि अपने जीवन में नई शुरुआत की उम्मीद करते हैं। मैं हर साल इस दिन एक छोटा सा शेयर खरीदता हूं - नहीं तो लाभ के लिए, बल्कि आशा के लिए।
Pankaj Sarin
13 नवंबर 2025मुहूर्त ट्रेडिंग का नाम लेकर लोग लक्ष्मी विश्व निगम खरीद रहे हैं लेकिन क्या उनका बैलेंस शेष भी लक्ष्मी वाला है या बस नाम ही लक्ष्मी है
Mahesh Chavda
15 नवंबर 2025इस तरह के अनुष्ठान आधुनिक बाजार के लिए अनावश्यक हैं। वैश्विक बाजार तो 24x7 चलते हैं, और हम एक घंटे के लिए भावनाओं के आधार पर बाजार खोल रहे हैं। यह एक निर्णय नहीं, एक रिवाज है - और रिवाज बदलते हैं।
Sakshi Mishra
15 नवंबर 2025यह दिवाली का एक अद्भुत संकेत है - जहां आध्यात्मिकता और आर्थिक चेतना एक ही विमान में सफर करती हैं। लेकिन क्या हम इसे एक आयोजन के रूप में नहीं, बल्कि एक आत्मिक अनुभव के रूप में देख सकते हैं? जब हम शेयर खरीदते हैं, तो क्या हम अपने भीतर के धन को भी खोज रहे होते हैं? क्या यह एक बाजार की शुरुआत है, या एक आत्मा की?
Radhakrishna Buddha
16 नवंबर 2025अरे भाई ये मुहूर्त ट्रेडिंग तो बहुत जबरदस्त है! लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि अगर लक्ष्मी विश्व निगम का शेयर खरीदकर भी लाभ नहीं हुआ तो क्या लक्ष्मी जी ने आपको धोखा दिया? 😂
Govind Ghilothia
17 नवंबर 2025भारतीय अर्थव्यवस्था की शक्ति इसी में है कि वह आधुनिकता और परंपरा के बीच संतुलन बनाए रखती है। मुहूर्त ट्रेडिंग एक ऐसा अद्वितीय उदाहरण है - जहां वैज्ञानिक विश्लेषण और आध्यात्मिक विश्वास एक साथ चलते हैं। यह दुनिया के किसी भी अन्य बाजार में नहीं देखा जा सकता।
Sukanta Baidya
19 नवंबर 2025मुहूर्त ट्रेडिंग? ये तो बस एक बड़ा फेक ट्रेंड है। लोग लक्ष्मी विश्व निगम खरीद रहे हैं जबकि उनका बैंक बैलेंस भी तो लक्ष्मी नहीं बल्कि शून्य है।
Adrija Mohakul
20 नवंबर 2025मैंने पिछले साल इस मुहूर्त ट्रेडिंग में शेयर खरीदा था... और अगले दिन उसकी कीमत गिर गई 😅 लेकिन फिर भी मैं इस दिन खरीदती हूं - क्योंकि ये मुझे अच्छा लगता है। बस इतना ही।
Dhananjay Khodankar
21 नवंबर 2025मुझे लगता है कि ये दिन बाजार के लिए नहीं, बल्कि हमारे लिए है। एक ऐसा रुकने का मौका जहां हम अपने निवेश के बारे में सोच सकें - न कि बस लाभ के बारे में। दिवाली के बाद बाजार ऊपर जाता है क्योंकि लोग नई शुरुआत के लिए तैयार होते हैं - और ये तो बहुत अच्छी बात है।