रतन टाटा की वसीयत का अनावरण
प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा की 10,000 करोड़ की वसीयत का अनावरण हो चुका है। इसमें उनकी समाज सेवा की दिशा में की गई पहलें, करीबी सहयोगियों के फायदे और यहां तक कि उनके प्यारे जर्मन शेफर्ड पेट डॉग टीटो का भी विशेष ध्यान रखा गया है। रतन टाटा द्वारा 2022 में स्थापित रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF) इस वसीयत का मुख्य लाभार्थी है, जो उनके समाज कल्याण के कार्यों को आगे बढ़ाएगा।
फाउंडेशन को टाटा सन्स और अन्य टाटा ग्रुप कंपनियों के स्टेक्स के साथ-साथ टाटा टेक्नोलॉजीज और टाटा डिजिटल में निवेश विरासत में मिलेगा। यह फाउंडेशन टाटा सन्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन की निगरानी में कार्य करेगा।
परिवार और करीबी सहयोगियों के लिए विशेष प्रावधान
रतन टाटा के परिवार के सदस्य जैसे उनके भाई जिमी टाटा और सौतेली बहनें शिरीन और दीअन्ना जेज़ेभॉय इस वसीयत में शामिल हैं। साथ ही उनके लंबे समय तक सेवा देने वाले कर्मचारी जैसे कुक राजन शॉ और बटलर सुविया भी इसका हिस्सा हैं। राजन शॉ पर टीटो के देखभाल की जिम्मेदारी होगी, जहां टीटो की बेहतरी के लिए अनलिमिटेड संसाधन उपलब्ध होंगे।
रतन टाटा के पूर्व एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट और करीबी सहयोगी शान्तनु नायडू भी इस वसीयत के विशेष लाभार्थी हैं। रतन टाटा ने नायडू की शिक्षा के लिए लिए गए व्यक्तिगत ऋण को माफ कर दिया और नायडू के स्टार्टअप गुडफेलोज में अपने हिस्से को छोड़ दिया। यह टाटा के नायडू के प्रति भरोसे और मार्गदर्शन को दर्शाता है।
टाटा की संपत्ति में अलिबाग का 2,000 वर्ग फुट का बीच बंगलो, मुंबई स्थित निवास, 350 करोड़ से अधिक की फिक्स्ड डिपॉजिट और 20–30 लग्ज़री कारों का संग्रह शामिल है। इन संपत्तियों के भविष्य का फैसला अभी लंबित है, जिसमें नीलामी या सार्वजनिक प्रदर्शन के विकल्प शामिल हैं। इस वसीयत की औपचारिकता के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में प्रोबेट प्रक्रिया चल रही है।
Shreyash Kaswa
19 मार्च 2025रतन टाटा ने जो किया, वो भारतीय उद्योग का एक अद्भुत उदाहरण है। धन का उपयोग समाज कल्याण के लिए करना ही सच्ची सफलता है। टीटो को अनलिमिटेड संसाधन? बिल्कुल सही। एक जानवर जिसने आपके दिन भर का दर्द भुला दिया, उसकी देखभाल करना इंसानियत का प्रतीक है।
Sweety Spicy
20 मार्च 2025अरे भाई, ये सब नाटक है। 10,000 करोड़? और टीटो के लिए अनलिमिटेड बजट? ये तो बस एक बड़े बाप का अहंकार है। जिसने दुनिया को बेच दिया, अब अपने कुत्ते को राजा बना रहा है। शान्तनु नायडू को शेयर देना? ये तो एक नौकर को राजा बनाने जैसा है।
Maj Pedersen
21 मार्च 2025इस वसीयत को पढ़कर मेरा दिल भर गया। रतन टाटा ने न सिर्फ धन का बंटवारा किया, बल्कि इंसानियत का भी बंटवारा किया। राजन शॉ को टीटो की देखभाल का जिम्मा देना - ये वो छोटी सी बात है जो बड़े दिल की गवाही देती है। इस तरह के लोग ही देश के लिए आशा के किरण हैं।
Ratanbir Kalra
23 मार्च 2025टाटा ने दिया जो दिया और जो नहीं दिया वो भी दिया और शान्तनु नायडू को जो दिया वो उसके लिए जिंदगी बदल गई और टीटो को जो दिया वो उसके लिए दुनिया बदल गई और ये सब एक आदमी के अंदर था जिसने कभी अपना नाम नहीं लिखा और अब जब वो नहीं है तो दुनिया उसे याद कर रही है
Seemana Borkotoky
23 मार्च 2025अलिबाग का बंगलो और 350 करोड़ की FD... और फिर टीटो के लिए अनलिमिटेड वैकेंसी। ये भारत का अलग ही अंदाज़ है। जहां एक आदमी अपने कुत्ते को राजा बना दे, और दुनिया उसे गले लगा ले। कभी-कभी इंसानियत बहुत छोटी चीज़ों में छिपी होती है।
Sarvasv Arora
25 मार्च 2025ये सब जो लिखा है, वो बस एक अमीर आदमी का गुनहगार फैसला है। टीटो के लिए अनलिमिटेड बजट? अरे भाई, अगर ये गरीबों के लिए होता तो देश बदल जाता। अब ये तो एक लग्ज़री कुत्ते के लिए बैंक खोल दिया। अपने नौकरों को भी जितना दिया, उतना देते तो आज भारत में कोई भूखा नहीं होता।
Jasdeep Singh
27 मार्च 2025इस वसीयत का एक बड़ा असर है - ये दर्शाता है कि भारतीय उद्योग का नेतृत्व अब फैमिली बेस्ड नहीं, बल्कि फाउंडेशन-बेस्ड हो रहा है। टाटा सन्स के चेयरमैन की निगरानी में ये फाउंडेशन काम करेगा, जिससे गवर्नेंस की गुणवत्ता बढ़ेगी। टीटो के लिए बजट? ये इमोशनल एसेट मैनेजमेंट का एक उदाहरण है - जहां लॉयल्टी को फाइनेंशियल वैल्यू दी जा रही है। ये एक नया अर्थव्यवस्था है।
Rakesh Joshi
28 मार्च 2025ये वसीयत देखकर मुझे गर्व हुआ। रतन टाटा ने सिर्फ धन नहीं छोड़ा, बल्कि एक विचार छोड़ा - जिसमें इंसान, जानवर, और समाज एक ही साथ चलते हैं। टीटो के लिए अनलिमिटेड बजट? बिल्कुल सही। जिसने तुम्हारा दिल छू लिया, उसके लिए अनलिमिटेड ही होना चाहिए। ये भारत की असली शक्ति है।
HIMANSHU KANDPAL
30 मार्च 2025टीटो के लिए अनलिमिटेड बजट... और लाखों गरीबों के लिए कुछ नहीं। ये न्याय है? ये न्याय नहीं, ये अहंकार है। जिसने दुनिया को देखा, उसने अपने कुत्ते को देवता बना लिया। इंसानियत तो बहुत बड़ी बात है, लेकिन इस वसीयत में वो बहुत छोटी लग रही है।