दिन में धूप इतनी तेज कि कोट-शर्ट चल रही है, और शाम को ऐसी सर्दी कि बिस्तर में लिपटकर सोना पड़ रहा है। उत्तराखंड का मौसम अक्टूबर 2025 में अपने आप को एक अजीब नाटक में बदल रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, महीने के पहले 21 दिनों में औसतन 41.5 मिमी बारिश हुई — सामान्य से 44% ज्यादा। लेकिन अब बारिश बंद है। अब तापमान दिन-रात बर्फ के बर्फ़ और धूप के धूप के बीच कूद रहा है।
बारिश का अचानक अंत, धूप का अचानक आगमन
अक्टूबर के शुरुआती दिनों में पश्चिमी विक्षोभ की वजह से उत्तराखंड के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई। रुद्रप्रयाग में 63.6 मिमी बारिश — सामान्य के मुकाबले 264% ज्यादा। बागेश्वर और चमोली में भी 200% से ज्यादा वर्षा। लेकिन फिर अचानक सब कुछ बंद। तीसरे सप्ताह से एक बूंद भी नहीं।
देहरादून में 41 मिमी बारिश, जो सामान्य से 21% अधिक है। लेकिन नैनीताल और पिथौरागढ़ में बारिश 6-7% कम रही। एक जगह बाढ़, दूसरी जगह जल अभाव। ये असंगति अब आम बात बन रही है।
दिन और रात के बीच 25°C का अंतर
ये मौसम का सबसे डरावना हिस्सा है। देहरादून में 13 अक्टूबर को अधिकतम तापमान 29.2°C रहा — सामान्य से एक डिग्री ज्यादा। लेकिन उसी रात न्यूनतम तापमान 11.5°C तक गिर गया। यानी एक दिन में 17.7°C का अंतर।
और ये सिर्फ शुरुआत है। Climate Data Organization के अनुसार, 2 अक्टूबर को तापमान 30.8°C तक पहुंच सकता है — अक्टूबर में ये बहुत गर्मी है। लेकिन 27 अक्टूबर को ये गिरकर 5.7°C हो सकता है। ये न सिर्फ अजीब है, बल्कि खतरनाक भी है।
29-31 अक्टूबर: हिमालय के लिए अलर्ट
अब भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 29, 30 और 31 अक्टूबर के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। पश्चिमी विक्षोभ फिर से सक्रिय हो रहा है। Pushpendra Kumar, Times Now Hindi के अनुसार, हिमालयी क्षेत्रों में हल्की बारिश के साथ बर्फबारी हो सकती है। चमोली की फूलों की घाटी और अन्य पहाड़ी इलाकों में कोहरा और बर्फ का खेल शुरू हो सकता है।
मैदानी इलाकों में धूप जारी रहेगी। दिन भर गर्मी का एहसास होगा। लेकिन शाम के बाद ठंडी हवाएं चलने लगेंगी। लोग अब दोपहर को टी-शर्ट पहनकर बाहर निकल रहे हैं, और शाम को गर्म कपड़े ओढ़कर घर में बैठ रहे हैं।
दीपावली के बाद भी ठंड नहीं आई — क्यों?
सामान्यतः अक्टूबर के अंत तक उत्तराखंड में ठंड शुरू हो जाती है। लेकिन इस साल दीपावली के बाद भी कहीं भी ठंड नहीं पड़ी। विजय जोशी, जागरण देहरादून के मौसम विश्लेषक, कहते हैं, "पश्चिमी विक्षोभ के बाद जब बारिश रुकी, तो हवाएं शुष्क और गर्म बन गईं। ये सामान्य से ज्यादा तापमान बनाए रख रही हैं।"
ये गर्मी बस दिन के लिए नहीं, बल्कि रात के लिए भी असर कर रही है। निकट भविष्य में बर्फबारी के साथ अचानक तापमान गिरने की आशंका है। ये तेजी से बदलता मौसम खेती, पर्यटन और स्वास्थ्य पर असर डाल रहा है।
असर क्या हो रहा है?
किसान अब अपनी फसलों के बारे में चिंतित हैं। अक्टूबर में बारिश ज्यादा होने से बाजरा और चना की फसल खराब हुई। अब जब धूप जारी है, तो जमीन बहुत जल्दी सूख रही है। देहरादून और नैनीताल के पर्यटन व्यवसायी भी उलझन में हैं — दिन में गर्मी तो आकर्षण है, लेकिन रात को ठंड से टूरिस्ट भाग रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने बुखार और सांस की बीमारियों में वृद्धि की चेतावनी दी है। बच्चे और बुजुर्ग दोनों इस तापमान के झटकों से पीड़ित हैं। एक डॉक्टर ने कहा, "हमारे अस्पताल में अक्टूबर के अंत तक बुखार के मामले 30% बढ़ गए हैं। ये तापमान के उतार-चढ़ाव की वजह से है।"
अगले 48-50 घंटे क्या लाएंगे?
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, अभी ये तापमान का उतार-चढ़ाव 48 से 50 घंटे तक जारी रह सकता है। अगले दो दिनों में हिमालयी इलाकों में बर्फबारी हो सकती है। देहरादून और नैनीताल में तापमान 28-29°C रहेगा, लेकिन रात को 10-12°C तक गिर सकता है।
क्या ये सिर्फ एक असामान्य मौसमी लहर है? या ये जलवायु परिवर्तन का पहला संकेत है? Climate Data Organization के डेटा के अनुसार, पिछले 15 सालों में अक्टूबर के दिनों का तापमान लगातार बढ़ रहा है — और रात का तापमान अब उतना नीचे नहीं गिर रहा जितना पहले गिरता था।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तराखंड में अक्टूबर 2025 में सबसे गर्म और सबसे ठंडा दिन कब रहा?
सबसे गर्म दिन 2 अक्टूबर 2025 रहा, जब तापमान 30.8°C तक पहुंचा। सबसे ठंडा दिन 27 अक्टूबर रहा, जब तापमान 5.7°C तक गिरा। ये 25°C से अधिक का अंतर अक्टूबर में असामान्य है — आमतौर पर ये अंतर 12-15°C तक होता है।
क्यों नैनीताल और पिथौरागढ़ में बारिश कम हुई?
ये क्षेत्र पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बाहर रहे। उत्तराखंड के पश्चिमी हिस्से — रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर — विक्षोभ के सीधे रास्ते में थे। लेकिन पूर्वी हिस्से जैसे नैनीताल और पिथौरागढ़ बादलों के छाया क्षेत्र में रहे, जिससे बारिश कम हुई।
दीपावली के बाद ठंड क्यों नहीं पड़ी?
पश्चिमी विक्षोभ के बाद जब बारिश रुकी, तो हवाएं शुष्क और गर्म बन गईं। ये हवाएं हिमालय के पीछे के क्षेत्रों से आ रही थीं, जो ठंडी नहीं थीं। इसलिए रात का तापमान भी अधिक रहा — जिससे ठंड का अहसास नहीं हुआ।
अगले कुछ दिनों में क्या उम्मीद कर सकते हैं?
29-31 अक्टूबर को पश्चिमी विक्षोभ फिर से सक्रिय होगा। हिमालयी इलाकों में बर्फबारी हो सकती है, जबकि मैदानी क्षेत्रों में दिन में गर्मी और रात में ठंड का अंतर बना रहेगा। यह अस्थिरता अगले 48 घंटे तक जारी रहेगी।
क्या ये मौसमी असामान्यता जलवायु परिवर्तन का संकेत है?
हां। Climate Data Organization के डेटा के अनुसार, पिछले 15 सालों में अक्टूबर के औसत तापमान में 1.5°C की वृद्धि हुई है। रात के तापमान का गिरना धीमा हो रहा है। ये जलवायु परिवर्तन के लक्षण हैं — न सिर्फ गर्मी बढ़ रही है, बल्कि उसका असर भी असंगठित हो रहा है।
किसानों और पर्यटकों के लिए क्या सलाह है?
किसानों को अपनी फसलों को बचाने के लिए नमी बनाए रखने के उपाय करने चाहिए। पर्यटकों को दिन के लिए हल्के कपड़े और रात के लिए गर्म कपड़े दोनों ले जाने चाहिए। बच्चों और बुजुर्गों को तापमान के तेज बदलाव से बचने के लिए घर में रहना चाहिए।
simran grewal
31 अक्तूबर 2025अरे भाई, दिन में टी-शर्ट, रात को कोट? ये मौसम है या बॉलीवुड का सीन? 😒 अब तो बस इतना ही काफी है कि हमारी जिंदगी भी इसी तरह उतार-चढ़ाव में फंस गई है।
Vinay Menon
1 नवंबर 2025मैं देहरादून से हूँ, और ये सब सच है। मेरी दादी को बुखार हो गया, और डॉक्टर ने कहा - ये तापमान के झटके हैं। अब घर में एक तरफ फैन, दूसरी तरफ हीटर। बच्चे भी बीमार हो रहे हैं। इसे सिर्फ मौसम का खेल नहीं कह सकते।
Monika Chrząstek
2 नवंबर 2025मैं भी नैनीताल से हूँ... और हाँ, बारिश नहीं हुई तो भी जमीन गीली रही है? अजीब बात है। लेकिन जब दिन में 30°C हो और रात को 10°C, तो लगता है जैसे प्रकृति हमें बता रही है - तुम भूल गए हो कि तुम कहाँ रह रहे हो। 🙏
Vitthal Sharma
2 नवंबर 2025गर्मी बढ़ रही है। रात गर्म रह रही है। ये जलवायु परिवर्तन है।
chandra aja
4 नवंबर 2025IMD झूठ बोल रहा है। ये सब जानबूझकर छुपाया जा रहा है। चीन और अमेरिका ने हिमालय पर बर्फ पिघलाने वाले लेजर लगा दिए हैं। बर्फबारी अचानक आएगी? नहीं, ये वेपन टेस्ट है।
Sutirtha Bagchi
4 नवंबर 2025मैंने देखा एक बच्चा दिन में टी-शर्ट पहनकर बाहर खेल रहा था... और शाम को बुखार में लेटा हुआ! 😭 ये बच्चों के लिए जिंदगी और मौत का खेल हो गया है। कोई इसे रोकेगा ना? कोई?!
Abhishek Deshpande
6 नवंबर 2025यहाँ बात यह है, कि... जब पश्चिमी विक्षोभ रुक जाता है, तो... वायुमंडलीय दबाव अचानक बदल जाता है, जिससे... निकट-भूमि की हवाओं में... उतार-चढ़ाव हो जाता है... और इसके कारण... तापमान का अंतर... असामान्य हो जाता है।
vikram yadav
7 नवंबर 2025मैं उत्तराखंड का लड़का हूँ। हमारे गाँव में बुजुर्ग कहते थे - "अक्टूबर में रात ठंडी होती है, दिन गर्म।" अब वो अंतर नहीं रहा। रात भी गर्म है। ये न सिर्फ मौसम का बदलाव है, ये हमारी जड़ों का बदलाव है।
Tamanna Tanni
8 नवंबर 2025ये बदलाव असली है। बस ध्यान दो।
Rosy Forte
8 नवंबर 2025यह एक अतिशयोक्ति नहीं, बल्कि एक ओपरेशनल एक्सिस ऑफ़ एंथ्रोपोजेनिक क्लाइमेट डिसरप्शन है। जब तापमान का वैरिएंस एक गतिशील फंक्शन बन जाता है, तो यह निर्दिष्ट करता है कि एक निरंतरता का टूटना हुआ है - जो विकास के निर्माण के आधार को चुनौती देता है। हम सिर्फ अंतर्जातीय तापीय असंगति के शिकार नहीं, बल्कि एक विश्वव्यापी एन्ट्रॉपी विकृति के भागीदार हैं।
Yogesh Dhakne
9 नवंबर 2025मैं रोज चलकर जाता हूँ। दिन में पसीना, रात को ठंड से काँपना। लोग कहते हैं ये बदलाव है। मैं कहता हूँ - ये बदलाव नहीं, बल्कि बर्बरता है।
kuldeep pandey
9 नवंबर 2025मुझे लगता है कि ये सब एक बड़ा नाटक है। जिसमें हम सब अभिनेता हैं। जलवायु परिवर्तन? नहीं। ये तो एक बड़ा धोखा है। और हम सब इसके लिए दाया देकर बैठे हैं। अब बस इतना ही काफी है।