अगस्त 2025 की किस्त: फंड मंजूर, तारीख पर नजर
क्या अगस्त की किस्त आपके खाते में नहीं आई? यही सवाल इस समय लाखों महिलाओं का है। राज्य सरकार ने 9 सितंबर 2025 को 344.30 करोड़ रुपये अगली किस्त के लिए मंजूर कर दिए हैं। यानी पैसा जारी करने की प्रशासनिक प्रक्रिया आगे बढ़ चुकी है। लेकिन क्रेडिट की सटीक तारीख अभी आधिकारिक रूप से घोषित नहीं हुई।
Ladki Bahin Yojana को 28 जून 2024 को मंजूरी मिली थी और लाभ जुलाई 2024 से शुरू हुए। योजना का मकसद 21 से 65 वर्ष की पात्र महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये (कुछ श्रेणियों को 500 रुपये) देना है, ताकि साल भर में 18,000 रुपये की सीधी मदद मिले। यह पैसा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) से सीधे बैंक खाते में भेजा जाता है।
सरकारी पोर्टल पर अगस्त 2025 की 13वीं किस्त “कम्प्लीटेड” दिखने की जानकारी कई जिलों से मिल रही है, जबकि सितंबर 2025 को 14वीं किस्त के तौर पर “अपकमिंग” बताया गया है। पिछली बार जुलाई महीने की किस्त 8 अगस्त 2025 को रक्षाबंधन के मौके पर खातों में डाली गई थी। इस बार भी संभावना है कि बैंकिंग बैच और जिलेवार प्रोसेस के कारण क्रेडिट अलग-अलग दिनों में दिखे।
महिला व बाल विकास मंत्री अदिती तटकरे लगातार अपडेट दे रही हैं। उनके मुताबिक घर-घर सत्यापन फिलहाल तेज रफ्तार से चल रहा है, ताकि अपात्र आवेदन छांटे जा सकें और पात्र महिलाओं तक भुगतान बिना रुकावट पहुंचता रहे। विभाग कह रहा है—फंड की मंजूरी मिलते ही ट्रेजरी से बैंकों को फाइलें भेजी जाती हैं, और फिर NPCI तथा बैंक की प्रोसेसिंग के बाद रकम खाते में दिखती है। इस चक्र में अकसर 2–7 कार्यदिवस लग जाते हैं, खासकर जब एक साथ बड़ी संख्या में ट्रांजैक्शन हों।
योजना की हेल्पलाइन 181 सक्रिय है और आधिकारिक पोर्टल (ladakibahin.maharashtra.gov.in) पर आवेदन व भुगतान की स्थिति देखी जा सकती है। कई जिलों में ई-केवाईसी, आधार-बैंक सीडिंग और खाते के सत्यापन की स्थिति भी वहीं से ट्रैक की जा सकती है।

सत्यापन क्यों जरूरी, भुगतान में देरी के आम कारण और समाधान
इस बार सबसे बड़ा मुद्दा अपात्र आवेदनों का रहा। सरकार ने करीब 26 लाख अपात्र लाभार्थियों की सूची चिन्हित की है—इनमें वे लोग शामिल हैं जिनके दस्तावेज गलत पाए गए या वे निर्धारित मानदंडों पर खरे नहीं उतरे। जिला प्रशासन को इन मामलों की फिजिकल वेरिफिकेशन सौंपी गई है। इस बीच, 1,183 अधिकारियों/कर्मचारियों पर भी कड़ी कार्रवाई हुई है, जो फर्जी दस्तावेजों के जरिए लाभ उठाते पकड़े गए। विभाग का कहना है कि पात्र महिलाओं का लाभ बाधित नहीं होगा—यानी जिनकी कागजी स्थिति और बैंकिंग विवरण सही हैं, उनका भुगतान चलता रहेगा।
अब बात उस देरी की, जिसका असर असली लाभार्थियों पर पड़ता है। जब लाखों ट्रांजैक्शन एक साथ प्रोसेस होते हैं, तो बैंकिंग सिस्टम उन्हें बैच में निपटाता है। कुछ खातों में पैसा पहले दिखता है, कुछ में 48–72 घंटे बाद। इसके अलावा ये तकनीकी कारण भी भुगतान रोक सकते हैं:
- आधार-बैंक सीडिंग नहीं होना या NPCI मैपर में खाता एक्टिव न होना।
- नाम, जन्मतिथि या IFSC/खाता नंबर में टाइपो—डेटा मिसमैच से ऑटो-रिजेक्शन।
- KYC लंबित होना या खाता निष्क्रिय/पेंडिंग स्टेटस में होना।
- बैंक मर्जर/IFSC बदलाव के बाद नई डिटेल्स अपडेट न करना।
- डुप्लिकेट आवेदन या परिवार में एक से अधिक आवेदन—सिस्टम होल्ड पर डाल देता है।
इन समस्याओं का हल क्या है? सरल कदम उठाइए:
- अपने बैंक में जाकर KYC री-डू कराएं और आधार-सीडिंग की रसीद लें।
- NPCI मैपर में आधार-सीडेड खाता एक्टिव है या नहीं—बैंक ब्रांच से लिखित पुष्टि लें।
- यदि IFSC बदला है (बैंक मर्जर के कारण), तो नया IFSC पोर्टल पर अपडेट करें।
- पोर्टल पर नाम/जन्मतिथि वही दर्ज रखें जो आधार और बैंक में है—एक जैसी स्पेलिंग जरूरी।
- डुप्लिकेट आवेदन वापस लें; परिवार से केवल पात्र सदस्य का एक वैध आवेदन रखें।
सत्यापन टीम आपके घर आकर दस्तावेज देख सकती है। ये सामान्य दस्तावेज साथ रखें—आधार, राशन कार्ड, बैंक पासबुक/कैंसिल्ड चेक, निवास प्रमाण, और आवेदन की रसीद/आइडी। किसी एजेंट को पैसे न दें; योजना पूरी तरह ऑनलाइन/ऑफलाइन सरकारी चैनलों से ही चल रही है।
किस्त की स्थिति कैसे जांचें? आसान तरीके ये हैं:
- बैंक एसएमएस/पासबुक एंट्री देखें और नेट बैंकिंग/यूपीआई पर ‘सब्सिडी/क्रेडिट’ हिस्ट्री चेक करें।
- योजना पोर्टल पर आवेदन नंबर/मोबाइल से लॉगिन कर स्टेटस देखें—किस्त, वेरिफिकेशन, ऑब्जेक्शन नोट्स।
- हेल्पलाइन 181 पर कॉल करें; शिकायत दर्ज कराएँ और टिकट नंबर सुरक्षित रखें।
- जिला महिला व बाल विकास कार्यालय में जाकर भुगतान फेल/रीटर्न हुए तो रेमिटेंस एरर कोड पूछें—बैंकिंग टीम उसे सही कर सकती है।
कौन पात्र है और कितना मिलता है? योजना 21–65 वर्ष की उन महिलाओं को कवर करती है जो राज्य के तय मानदंडों में आती हैं। भुगतान दो स्तर पर दिखाई देता है—अधिकांश पात्रों को 1,500 रुपये, जबकि कुछ विशिष्ट श्रेणियों को 500 रुपये। आपका स्लैब पोर्टल प्रोफाइल पर दिखता है। यदि आपको लगता है कि आप उच्च स्लैब में आती हैं, तो दस्तावेज अपडेट करके पुनरीक्षण के लिए अनुरोध कर सकती हैं।
क्या 26 लाख अपात्र होने का मतलब सबकी किस्तें रुकेंगी? नहीं। यह संख्या ‘चिन्हित’ मामलों की है—अंतिम फैसला फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद होता है। कई केस दस्तावेज़ अपडेट के बाद सही हो जाते हैं। मंत्री अदिती तटकरे ने साफ कहा है कि पात्र महिलाओं का भुगतान रोका नहीं जाएगा।
अगले हफ्तों में क्या उम्मीद करें? फंड स्वीकृति के बाद सामान्यत: जिलों में बैच-वाइज क्रेडिट चलती है। जिनका बैंक/आधार सेटअप दुरुस्त है, उनके खाते में रकम पहले दिखती है। जिनके यहां डेटा मिसमैच है, उन्हें “रिटर्न/फेल” की एंट्री मिल सकती है—इसे ठीक कराने पर ही री-क्रेडिट होता है। इसलिए बैंक और पोर्टल दोनों ओर स्थिति साफ रखनी जरूरी है।
कुछ त्वरित जवाब:
- अगस्त की किस्त आई क्या?—सरकार ने धनराशि मंजूर कर दी है; क्रेडिट बैच में दिखेगा। आधिकारिक तारीख का ऐलान मिलते ही पोर्टल/हेल्पलाइन पर अपडेट आएगा।
- पोर्टल पर 13वीं किस्त कम्प्लीटेड दिख रही, पर खाते में पैसा नहीं?—संभव है ट्रेजरी–बैंक बैच अलग हो। 2–7 कार्यदिवस दें, फिर बैंक रेमिटेंस कोड से स्थिति पूछें।
- मेरा आवेदन ‘ऑब्जेक्शन’ में है—क्या करें?—जिले की सत्यापन टीम को मांगे गए दस्तावेज दें; पोर्टल पर स्कैन कॉपी भी अपलोड करें।
- क्या एजेंट के जरिए काम तेज होगा?—नहीं। कोई शुल्क नहीं लगता। OTP/आधार जानकारी साझा न करें।
- राशि 500 ही आ रही है, 1,500 क्यों नहीं?—आपकी पात्रता श्रेणी उसी के अनुसार सेट है। दस्तावेज बदलने योग्य हैं तो पुनरीक्षण का आवेदन दें।
जमीनी स्थिति बताते हुए जिला अधिकारियों का कहना है कि पहले से लंबित ई-केवाईसी और बैंक-मैपिंग वाले केसों को प्राथमिकता से क्लियर किया जा रहा है। जिन खातों में जुलाई की किस्त 8 अगस्त को समय से आ गई थी, उनके अगस्त क्रेडिट की संभावना भी ज्यादा है—बशर्ते बीच में कोई नया ऑब्जेक्शन न लगा हो। जिन परिवारों ने हाल में पता बदला है या बैंक खाता स्विच किया है, वे अपने डिटेल्स तुरंत अपडेट कर लें।
आखिर में, ध्यान रखने वाली बातें—(1) बैंक और पोर्टल पर एक जैसी डिटेल्स रखें, (2) हेल्पलाइन 181 पर शिकायत का टिकट नंबर सेव रखें, (3) फील्ड वेरिफिकेशन में सहयोग करें, (4) किसी भी गैर-आधिकारिक ऐप/लिंक से बचें, और (5) पासबुक/एसएमएस का रिकॉर्ड रखें। ऐसा करके आप भुगतान में अनावश्यक देरी से बच सकती हैं और योजना का पूरा लाभ समय पर ले सकती हैं।