सोनि लिव पर आया भारत की स्वतंत्रता पर आधारित वेब सीरीज 'फ्रीडम एट मिडनाइट'

सोनि लिव पर आया भारत की स्वतंत्रता पर आधारित वेब सीरीज 'फ्रीडम एट मिडनाइट'

सोनि लिव पर आया भारत की स्वतंत्रता पर आधारित वेब सीरीज 'फ्रीडम एट मिडनाइट'

नवंबर 16, 2024 इंच  मनोरंजन विकास शर्मा

द्वारा विकास शर्मा

भारत की स्वतंत्रता पर आधारित 'फ्रीडम एट मिडनाइट' वेब सीरीज

वेब सीरीज 'फ्रीडम एट मिडनाइट' का आगमन भारतीय ओटीटी प्लेटफार्मों पर बड़ा समय मान्य किया जा सकता है। यह सीरीज 1947 के विभाजन की महत्वपूर्ण और ज्वलंत घटनाओं को दर्शाती है, जो भारत और पाकिस्तान की स्वतंत्रता के दौर को प्रकाश में लाने का कार्य करती है। इस श्रृंखला का निर्माण और निर्देशन निक्ल एडवानी द्वारा किया गया है, जिन्होंने इस कथा को जीवंत करने के लिए समर्पणपूर्वक प्रयास किया है। यह सीरीज Larry Collins और Dominique Lapierre की विश्वप्रसिद्ध पुस्तक 'फ्रीडम एट मिडनाइट' पर आधारित है।

सीरीज में सिदांत गुप्ता जवाहरलाल नेहरू के किरदार में हैं जबकि चिराग वोहरा महात्मा गांधी की भूमिका में दिखाई देते हैं। इसके अलावा, राजेन्द्र चावला सरदार वल्लभभाई पटेल, ल्यूक मैकगिबनी लॉर्ड लुइस माउंटबेटन, कॉर्डेलिया बुगेजा एडविना माउंटबेटन, अरिफ जकारिया मोहम्मद अली जिन्नाह, और इरा दुबे फातिमा जिन्नाह के पात्र में शामिल हैं। इस प्रकार के ऐतिहासिक पात्रों को पर्दे पर प्रस्तुत कर, इस सीरीज ने बीते समय की जटिलताओं को उजागर करने का प्रयास किया है।

सीरीज की विशिष्टता और पटकथा पर विचार

'फ्रीडम एट मिडनाइट' में सिर्फ ऐतिहासिक घटनाओं का ही प्रदर्शन नहीं किया गया है, बल्कि इसमे धार्मिक और सामाजिक-राजनीतिक सम्बंधों की झलक भी पेश की जाती है। यह सात एपिसोड की इस सीरीज में विभाजन के पीछे के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य की गहरी जाँच की गई है। महत्वपूर्ण यह है कि सीरीज ने किसी एक पक्ष का समर्थन करने की बजाय निष्पक्ष और संतुलित दृष्टिकोन अपनाने की कोशिश की है। दर्शकों को यह स्वतंत्रता दी गई है कि वे खुद तय करें कि सही कौन था और गलत।

सीरीज के निर्माता ने कहानी को प्रभावी बनाने के लिए कुछ रचनात्मक स्वतंत्रताएँ ली हैं। इसने इसे और भी रोचक और दिलचस्प बना दिया है। हालाँकि, इन बदलावों को स्पष्ट करने के लिए एक डिस्क्लेमर आपने देखा होगा, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कहानी की विश्वसनीयता खोने न पाए।

प्रदर्शन और आलोचना

सीरीज की समीक्षाओं पर नज़र डालें तो 'फ्रीडम एट मिडनाइट' को विशेष प्रशंसा मिली है। विशेष रूप से अरिफ जकारिया की जिन्नाह के किरदार में उत्कृष्ट भूमिका के लिए तारीफें की जा रही हैं। इस सीरीज की प्रस्तुति सरल और सहज है जो विभिन्न घटनाओं और पात्रों को ऐसे अद्वितीय तरीके से जोड़ती है कि एक गहराईपूर्ण कथा उभर कर आती है। यह सीरीज न केवल इतिहास को पुनः भाने देती है बल्कि इसके माध्यम से कई राजनीतिक चर्चाओं को भी जनम देती है।

उम्मीद की जा रही है कि श्रृंखला के गहन उपचार और शक्तिशाली चित्रण के चलते कुछ लोग इससे असहमत भी हो सकते हैं। भारत की स्वतंत्रता और पाकिस्तान के गठन के इस जटिल दौर को देखना एक रोमांचक लेकिन चिंतनशील अनुभव हो सकता है। यह सीरीज न केवल ऐतिहासिक घटनाओं का चित्रण करती है, बल्कि उसके समकालीन प्रभावों को समझने का एक प्रयास भी है।


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विकास शर्मा

विकास शर्मा

मैं एक प्रतिष्ठित पत्रकार और लेखक हूँ, जो दैनिक खबरों से जुड़े मुद्दों पर लिखना पसंद करता हूँ। मैंने कई प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों में कार्य किया है और मुझे जनता को सही और सटीक जानकारी प्रदान करने में खुशी मिलती है।

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