विंबलडन 2024: सुमित नागल की दिलेरी, पहले राउंड में हार के बावजूद संघर्षपूर्ण मुकाबला
भारत के 26 वर्षीय शीर्ष रैंक वाले एकल खिलाड़ियों में से एक, सुमित नागल ने इस वर्ष अपने पहले विंबलडन का मुकाबला खेला। हालांकि उनका मुकाबला सर्बियाई खिलाड़ी मियामिर केकमानोविच से था, जिसमें वे हार गए, लेकिन उनका प्रदर्शन दिल को छू लेने वाला था।
मुकाबला कुल 2 घंटे और 48 मिनट तक चला, जिसमें केकमानोविच ने 6-2, 3-6, 6-3, 6-4 से जीत हासिल की। पहले सेट में नागल को अपनी संयताबी बनाए रखने में कठिनाई हुई, जिसके कारण वे सेट 2-6 से हार गए। परंतु, दूसरे सेट में उन्होंने शानदार वापसी की और 6-3 से जीत दर्ज की।
तीसरे सेट में, केकमानोविच ने दोबारा बढ़त बनाई और 6-3 से सेट को अपने नाम किया। चौथे सेट में, नागल ने एक बार फिर से वापस आने की कोशिश की और तीन लगातार अंक जीते जिससे स्कोर 5-4 तक पहुंच गया। लेकिन अंततः, केकमानोविच ने चौथे मैच प्वाइंट पर जीत दर्ज की और नागल का सफर पहले ही राउंड में समाप्त हो गया।
भावी उम्मीदें
हार के बावजूद, सुमित नागल के लिए यह टूर्नामेंट समाप्त नहीं हुआ है। वे पुरुष डबल्स प्रतियोगिता में भाग लेंगे, जिसमें उनका जोड़ीदार सर्बियाई साथी दुसान लाजोविच होंगे। नागल ने नौ वर्ष पहले विंबलडन बॉयज़ डबल्स का खिताब जीता था, लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकार किया है कि घास के कोर्ट उनका सबसे मजबूत पक्ष नहीं हैं।
प्रतियोगिता के बाद, नागल ने दर्शकों को धन्यवाद कहते हुए कहा, “यह मेरे लिए एक अद्वितीय अनुभव था। मैंने अपनी पूरी कोशिश की, और मुझे खुशी है कि मैंने इस मंच पर खेलने का अनुभव प्राप्त किया।”
उन्होंने अपने प्रदर्शन के बारे में कहा कि पहले सेट में वे थोड़ा नर्वस महसूस कर रहे थे, लेकिन दूसरे सेट में वे अधिक आत्मविश्वास से भर गए थे। “मैंने अपनी रणनीति को सरल बनाए रखने की कोशिश की और इसने काम किया। केकमानोविच एक मजबूत खिलाड़ी हैं, और मुझे उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला।”
ओलिंपिक की तैयारियाँ
विंबलडन से पहले, सुमित नागल ने पेरिस ओलिंपिक्स के लिए क्वालीफाई किया था। यह भारतीय टेनिस के प्रशंसकों के लिए एक बड़ा गर्व का विषय है। नागल ने इसपर अपनी प्रतिक्रया में कहा, “ओलिंपिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए एक बड़ा सम्मान है। मैं अपनी तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ूंगा और देश के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का लक्ष्य रखूंगा।”
नागल के इस प्रतियोगिता में हार के बावजूद, उनका आत्मविश्वास और गतिशीलता देखने लायक है। भारतीय टेनिस प्राशंसीकों को उनसे अभी भी काफी उम्मीदें हैं, और वे आगामी टूर्नामेंटों में बेहतर प्रदर्शन की और देख रहे हैं।
भारतीय टेनिस का भविष्य
भारतीय टेनिस की वर्तमान स्थिति को देखते हुए, सुमित नागल जैसे खिलाड़ियों का प्रदर्शन हमारे देश के बाल और युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत है। नागल ने अपने खेल से यह साबित कर दिया है कि प्रतिभा और मेहनत के बल पर कोई भी बड़ा मंच जीत सकता है।
कुल मिलाकर, सुमित नागल की इस विंबलडन यात्रा ने हमें यह सिखाया है कि हार में भी शान होती है और हर कठिनाई के बाद एक नई शुरुआत होती है।