तमिलनाडु के तटपर चक्रवात फिंगल का कहर
चक्रवात फिंगल हाल ही में बंगाल की खाड़ी में सक्रिय हुआ, और इस समय तेज़ी से तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्वी तटीय क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि यह शक्तिशाली प्रणाली अगले कुछ दिनों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश का कारण बन सकती है। कड्डलूर और विल्लुपुरम सहित कई जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। चेन्नई में भी खराब मौसम की संभावना को ध्यान में रखते हुए पीला अलर्ट जारी किया गया है।
चक्रवात की वर्तमान स्थिति और संभावनाएं
28 नवंबर तक, फिंगल चेन्नई के दक्षिण-दक्षिणपूर्व से 500 किलोमीटर की दूरी पर स्थिर है और यह धीरे-धीरे उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ रहा है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, यह प्रणाली कमजोर होकर उथले निम्न दबाव में बदल सकती है जब यह 30 नवंबर के आसपास उत्तरी तमिलनाडु-पुडुचेरी तटों के नजदीक पहुंचेगी। इसके चलते चेन्नई और उसके उपनगरों में 1 दिसंबर तक भारी बारिश की संभावना है।
विकराल हो सकता है चक्रवात का प्रभाव
रेड अलर्ट के दौरान कई जिलों में बारिश की तीव्रता को देखते हुए तैयारी की जा रही है। क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के निदेशक श्री एन. सेंथमुराई कन्नन ने बताया कि यह भविष्यमान अनुमानों के साथ, विभिन्न एजेंसियों द्वारा व्यापक तैयारी की जा चुकी है। चक्रवात के आसपास की बादल छटाएं मौसम की तीव्रता को बढ़ा सकती हैं, जिससे खासकर चेन्नई के जलाशयों के क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता में सुधार हो सकता है।
सुरक्षा और राहत की तैयारी
राज्य सरकार ने एहतियाती कदम उठाते हुए 17 से अधिक दलों को तैनात कर रखा है। इसके साथ ही अप्रैल राज्य में 1600 से अधिक राहत केंद्र तैयार किए गए हैं जहां आपात स्थिति में लोगों को लाया जा सके। कई जिलों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं, विशेषकर चेन्नई में, जहां सुरक्षा पहले रखी गई है।
तटीय इलाकों में तैयारी का जायजा
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमों को तमिलनाडु के तटवर्ती जिलों में तैनात कर दिया गया है ताकि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में त्वरित सहायता उपलब्ध कराई जा सके। इसके अलावा, श्रीलंका में भी चक्रवात का प्रभाव देखने को मिल रहा है जहां भारी वर्षा के कारण एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है और आठ लोग लापता हो चुके हैं।
चक्रवात फिंगल का नामकरण और महत्व
उत्तर भारतीय महासागर चक्रवात सत्र में चक्रवात फिंगल को उसका नाम प्राप्त हुआ है। यह नामकरण देशों के बीच सहमति के आधार पर किया जाता है। इस चक्रवात के कारण श्रीलंका और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में भरी वर्षा हो रही है जिससे बाढ़ और भू-स्खलन जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं।