नोवाक जोकोविच ने सेमीफाइनल में बनाई जगह
इस वर्ष के विंबलडन टूर्नामेंट में एक महत्वपूर्ण मोड़ सामने आया जब ऑस्ट्रेलियाई टेनिस खिलाड़ी एलेक्स डी मिनौर ने अपने हिप की चोट के चलते नवम्बरक जोकोविच के खिलाफ अपने क्वार्टरफाइनल मैच से नाम वापस ले लिया। डी मिनौर, जो इस वर्ष के टूर्नामेंट में नौवे वरीयता प्राप्त थे, ने पिछले मैच के दौरान अपनी हिप में असहजता महसूस की थी, लेकिन उसने पहले इसे गंभीरता से नहीं लिया था।
चोट के कारण वापस लेना पड़ा नाम
हालांकि, मैच के दिन अभ्यास सत्र के बाद डी मिनौर ने महसूस किया कि खेलना उनके लिए अधिक जोखिम भरा होगा। चिकित्सकों की सलाह और अपनी दीर्घकालीन स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए, उसने अपने स्वास्थ्य पर और अधिक संकट न डालने का निश्चय किया और मैच से नाम वापस ले लिया। यह निर्णय विशेष रूप से कठिन था, क्योंकि यह उनके करियर के महत्वपूर्ण क्षणों में से एक था।
जोकोविच को मिला आसान रास्ता
इस वापस लेने की प्रक्रिया से नोवाक जोकोविच को बिना खेले ही सेमीफाइनल में प्रवेश मिल गया। यह जोकोविच के करियर का 13वां विंबलडन सेमीफाइनल है, जो रॉजर फेडरर के सर्वाधिक पुरुष खिलाड़ी की तारीख के बराबर है। जोकोविच ने अपनी निरंतरता और मजबूत खेल से एक बार फिर अपने आप को बड़ी प्रतियोगिताओं में साबित किया है।
आगे की चुनौती
अब सेमीफाइनल में जोकोविच का मुकाबला या तो टेलर फ्रिट्ज या लोरेन्जो मुस्सेटी से होगा। यह मुकाबले दोनों ही खिलाड़ियों के लिए महत्वपूर्ण होंगे, लेकिन जोकोविच अपने अनुभव और आज के समय के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक होने के कारण उनके खिलाफ खेलेंगे।
इस प्रकार, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या जोकोविच अपना अच्छा फॉर्म बनाए रख सकते हैं और एक और विंबलडन खिताब जीत सकते हैं।
Jitender j Jitender
12 जुलाई 2024जोकोविच का ये रिकॉर्ड असली जबरदस्त है। 13 सेमीफाइनल्स? ये कोई खेल नहीं बल्कि एक इंस्टिट्यूशन है। चोट के कारण वॉकओवर होना भी टेनिस का हिस्सा है। अब फ्रिट्ज या मुस्सेटी को देखना होगा कि क्या वो इस लीजेंड को रोक सकते हैं।
Jitendra Singh
12 जुलाई 2024इस वॉकओवर को रियलिटी शो कहना चाहिए। एक खिलाड़ी की चोट दूसरे के लिए एक गिफ्ट हो गई। ये खेल अब स्वास्थ्य के बजाय स्टैटिस्टिक्स पर चल रहा है। जोकोविच की निरंतरता तो बढ़िया है, लेकिन इस तरह के मैच खेल की आत्मा को मारते हैं।
VENKATESAN.J VENKAT
14 जुलाई 2024ये सब बकवास है। डी मिनौर ने बस डर दिखाया। अगर वो असली लड़ाकू होता तो खेलता। जोकोविच के लिए ये आसान रास्ता नहीं, ये उसकी ताकत का परीक्षण है। चोट? बस बहाना। असली खिलाड़ी चोट में भी खेलते हैं।
Amiya Ranjan
14 जुलाई 2024क्या ये सिर्फ टेनिस का मैच है या फिर ये एक बड़ी नीति का हिस्सा है? चोट के बाद वॉकओवर तो अब नियम बन गया है। कोई न कोई हमेशा लाभ उठा रहा है।
vamsi Krishna
16 जुलाई 2024jokovic ki ye sab kahani sun ke lagta hai jaise koi superman hai. d minour ko chot thi ya nahi koi nahi jaanta. bas ek aur bda naam ban gaya.
Narendra chourasia
17 जुलाई 2024ये वॉकओवर का खेल अब खत्म हो गया! जोकोविच को इतनी आसानी से सेमीफाइनल में नहीं जाने देना चाहिए! ये खेल का नियम है या फिर एक बड़ा धोखा? डी मिनौर को बहाना बनाने का अधिकार नहीं है! ये खेल नहीं, ये एक राजनीति है!
Mohit Parjapat
18 जुलाई 2024जोकोविच के लिए ये वॉकओवर भारत के लिए भी बड़ी बात है! हमारे देश के खिलाड़ियों को भी ऐसा मौका मिले! अब तो विंबलडन का राज बदल रहा है! जोकोविच जीतेगा, तो दुनिया बदल जाएगी! 🇮🇳🔥
Sumit singh
19 जुलाई 2024इस वॉकओवर को आप जीत कहते हैं? ये तो एक अनुचित लाभ है। जोकोविच अपनी लंबी जीत के लिए नहीं, बल्कि दूसरों की कमजोरी के लिए जाने जाते हैं। ये खेल नहीं, ये एक राज्य है।
fathima muskan
20 जुलाई 2024क्या आपने कभी सोचा है कि ये सभी चोटें जानबूझकर बनाई जाती हैं? टूर्नामेंट के बाहर एक बड़ा नेटवर्क है जो नतीजे तय करता है। जोकोविच को फाइनल में पहुंचाना एक बिजनेस डिसीजन है। ये सब बहुत बड़ा कॉन्सिर्पेसी है।
Devi Trias
22 जुलाई 2024डी मिनौर का निर्णय उचित था। खिलाड़ी के दीर्घकालीन स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना खेल की नैतिकता का हिस्सा है। जोकोविच का अनुभव और निरंतरता अद्वितीय है। इस प्रकार, वह अपनी श्रेष्ठता को बरकरार रख रहे हैं।
Kiran Meher
22 जुलाई 2024जोकोविच के लिए ये सिर्फ एक मैच नहीं, ये एक अवसर है। उन्होंने हमेशा अपने आप को बेहतर बनाया है। अब फ्रिट्ज या मुस्सेटी को अपनी ताकत दिखानी होगी। खेल जीतने के लिए नहीं, बल्कि खुद को साबित करने के लिए।
Tejas Bhosale
23 जुलाई 2024चोट या नहीं, ये सब टेनिस का हिस्सा है। जोकोविच की जीत का अर्थ है कि वो हमेशा तैयार रहता है। अगर दूसरा खिलाड़ी नहीं खेल सका तो ये उसकी कमजोरी है। जीत वो जिसने खेला, न कि जिसने चोट लगाई।
Asish Barman
23 जुलाई 2024d minour ne chot ka bahan banaya kya? jokovic ko toh har match mein fight karna padta hai. ye walkover koi jeet nahi hai. ye toh escape hai.
Abhishek Sarkar
25 जुलाई 2024आप सब इतने आसानी से जोकोविच की जीत को मान रहे हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ये सब एक बड़ी योजना है? जोकोविच के लिए विंबलडन एक ट्रेन है जिस पर सभी खिलाड़ी चढ़ जाते हैं और उसे चलाने का दायित्व उनके हाथ में है। चोट? बस एक शोर है। असली खेल तो बाहर होता है।
Niharika Malhotra
26 जुलाई 2024हर खिलाड़ी की चोट अलग होती है। डी मिनौर ने अपने शरीर को सम्मान दिया। ये निर्णय उसकी बहादुरी का प्रमाण है। जोकोविच के लिए ये आसान रास्ता नहीं, ये एक नए चुनौती की शुरुआत है। अगला मैच उनकी वास्तविकता का परीक्षण होगा।
Baldev Patwari
27 जुलाई 2024jokovic ki jeet ka matlab ye nahi ki wo sabse best hai. d minour ne chot ki wajah se walkover diya, matlab wo khelne ke layak nahi tha. ab jokovic ko jeetne ka koi asar nahi hai. ye sab fake hai.
harshita kumari
28 जुलाई 2024ये सब एक बड़ा नियोन बाजार है। चोटें जानबूझकर बनाई जाती हैं, फिर उन्हें ड्रामा बनाया जाता है। जोकोविच को फाइनल में ले जाने के लिए एक नियम बनाया गया है। ये टेनिस नहीं, ये एक बड़ा फिल्म स्क्रिप्ट है।
SIVA K P
28 जुलाई 2024तुम लोग इतने गंभीर क्यों हो रहे हो? ये खेल है, न कि एक धर्म। डी मिनौर को चोट लगी, तो वो नहीं खेला। जोकोविच आगे बढ़ गया। बस इतना ही। अब इसके लिए नाटक क्यों कर रहे हो?
Neelam Khan
29 जुलाई 2024जोकोविच को ये मौका मिला है, लेकिन उन्हें अब अपने आप को साबित करना होगा। डी मिनौर की चोट उनकी जीत नहीं है। अगले मैच में देखेंगे कि क्या वो अपने दिमाग और दिल से खेल पाते हैं।