जब डॉ. त्यागराजन एस.एम., जिलाधिकारी पटना जिला प्रशासन ने 13 जून 2025 को देर रात आदेश जारी किया, तो पूरे पटना जिले में एक नया शैक्षणिक‑सत्र शुरू हो गया – यानी स्कूल‑कोचिंग के समय में अचानक बदलाव। मुख्य कारण? दरअसल, इस साल की गर्मी ने रिकॉर्ड‑टूटा 44 °C तक पहुंच कर लू और हीट‑स्ट्रोक के जोखिम को आसमान छू लिया था। इस आदेश के तहत कक्षा 8 तक के सभी सरकारी‑प्राइवेट और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध स्कूलों का संचालन सुबह 11 बजे के बाद बंद रहना तय किया गया, जबकि आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यशैली भी 10 बजे के बाद रोक दी गई।
पृष्ठभूमि: गर्मी की चिंगारी और पूर्व निर्देश
पटना, बिहार की राजधानी, गर्मी के मौसम में हमेशा से ही शैक्षणिक‑समय‑सारणी को चुनौती देती रही है। पिछले साल 7 अप्रैल से 1 जून तक, बिहार शिक्षा विभाग ने स्कूल‑सत्र को सुबह 6 बजे से शुरू करने का आदेश दिया था, ताकि छात्र‑छात्राओं को दोपहर की तेज़ धूप से बचाया जा सके। लेकिन इस साल की गर्मी ने सबको चकित कर दिया। 12 जून को मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की कि अगले तीन दिनों में तापमान 44 °C से अधिक पहुँच सकता है। इस पर स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि लू‑लक्षणों की शिकायतें पहले ही 30 % तक बढ़ चुकी थीं।
नवीन आदेश: स्कूल‑कोचिंग के समय में बदलाव
डॉ. त्यागराजन ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “बच्चों की सेहत हमारी प्राथमिकता है; यदि तापमान 44 °C तक पहुँचता है, तो सुबह 11 बजे के बाद कक्षा चलाना जोखिम भरा है।” आदेश के अनुसार:
- सभी कक्षा 8 तक के विद्यालय (सरकारी, निजी और CBSE‑संबद्ध) को सुबह 11 बजे के बाद बंद रखा जाएगा।
- आंगनबाड़ी केंद्रों को 10 बजे के बाद बंद किया जाएगा।
- समय बदलने की अवधि 13 जून से 16 जून 2025 तक निर्धारित है, जबकि कुछ मीडिया स्रोतों ने 20 जून तक के विस्तार का उल्लेख किया है।
- कोचिंग संस्थानों को भी वही समय‑सारणी अपनानी होगी।
यह आदेश भारी गर्मी के असर को देखते हुए लिया गया, जिससे दोपहर में बाहर निकलना मुश्किल हो गया था।
प्रभावित वर्ग और संस्थाएँ
इस नई व्यवस्था से हजारों छात्रों, माता‑पिता और शिक्षकों के दिन‑चर्या में बदलाव आएगा। पटना की प्रमुख निजी कोचिंग संस्थान “रायफल ट्यूशन सेंटर” के प्रबंधक ने कहा, “हमने पहले ही क्लास‑शेड्यूल को 11 बजे तक सीमित कर दिया है; अब हमें विद्यार्थियों को घर पर अतिरिक्त अध्ययन सामग्री उपलब्ध करानी होगी।” दूसरी ओर, सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्य “श्री राजेश सिंह” ने बताया, “अभ्यास‑पुस्तकों की उपलब्धता बढ़ाने के अलावा, हम शारीरिक शिक्षा को दोपहर के ठंडे समय पर ले जाने की योजना बना रहे हैं।”
जिला प्रशासन एवं विशेषज्ञों की राय
पेट्रोलियम हेल्थ सेंटर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अनीता प्रसाद ने बताया, “44 °C के तापमान में बच्चों को बाहर ले जाना श्वसन और हृदय‑रोग जोखिम को बढ़ाता है; स्कूल‑समय को बदलना एक समझदार कदम है।” उन्होंने जोड़े, “यदि समय‑बदलाव 16 जून तक ही सीमित रहे, तो गर्मी‑लहर के बाद के चरण में भी सावधानी बरतनी चाहिए।”
माताओं की संघ “पटना माँ‑सहयोग सभा” की अध्यक्ष ने कहा, “अक्सर हमें याद दिलाया जाता है कि शिक्षा ही भविष्य है, पर भविष्य तभी सुरक्षित रहेगा जब स्वास्थ्य को प्राथमिकता मिले। हम प्रशासन से अनुरोध करते हैं कि एसी वाले वर्गों में उचित वेंटिलेशन या फैन सुविधा प्रदान की जाए।”
भविष्य की संभावनाएँ और तैयारियाँ
डॉ. त्यागराजन ने संकेत दिया कि यदि तापमान अगले हफ्ते भी 42 °C से ऊपर रहता है, तो आदेश को 20 जून तक बढ़ाया जा सकता है। वह आगे कहा, “हम मौसम विभाग के साथ समन्वय में रहेंगे, और अगर आवश्यकता होगी तो ‘ग्रीष्म‑रोक’ योजना लागू करेंगे, जिसमें वैकल्पिक एग्जाम‑डेट और ऑनलाइन शिक्षा का विस्तार शामिल होगा।”
इन उपायों से न केवल छात्रों की सुरक्षा होगी, बल्कि शिक्षकों को भी थकान‑रहित कार्य करने का अवसर मिलेगा। एक्स्ट्रा‑क्लास में डिजिटल लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग बढ़ाने की योजना है, जिससे गर्मी‑दिवसों में भी शिक्षा के स्तर में गिरावट न आए।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
यह आदेश बच्चों की पढ़ाई पर कैसे असर डालता है?
समय‑बदलाव के कारण कक्षा 8 तक के छात्र सुबह 11 बजे तक ही पढ़ेंगे, जिससे दोपहर की गर्मी के जोखिम से बचाव होगा। अतिरिक्त सामग्री ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएगी, इसलिए पढ़ाई में बड़ी कमी नहीं आएगी।
क्या निजी कोचिंग संस्थानों को भी यह आदेश मानना पड़ेगा?
हां, आदेश में कोचिंग संस्थानों को भी वही समय‑सीमा अपनाने को कहा गया है। कई निजी संस्थानों ने पहले ही क्लास‑शेड्यूल को 11 बजे तक सीमित कर लिया है और अतिरिक्त शैक्षणिक सामग्री ऑनलाइन प्रदान कर रहे हैं।
यदि तापमान 44 °C से नीचे गिर गया तो क्या आदेश रद्द होगा?
डॉ. त्यागराजन ने कहा है कि आदेश मौसम विभाग के अद्यतन रिपोर्ट पर निर्भर करेगा। यदि तापमान 42 °C से नीचे गिरता है, तो समय‑बदलाव को 16 जून के बाद समाप्त किया जा सकता है।
अंगनवाड़ी केंद्रों पर क्या नया नियम है?
अंगनवाड़ी केंद्रों को अब सुबह 10 बजे के बाद संचालन नहीं करने की निर्देशिका मिली है। इसका लक्ष्य छोटे बच्चों को अत्यधिक गर्मी से सुरक्षित रखना है।
भविष्य में ऐसी आदेशों से बचने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं?
पिछले अनुभवों को देखते हुए, पटना जिला प्रशासन ने स्कूल‑इन्फ्रास्ट्रक्चर में एसी, फैन और बेहतर वेंटिलेशन स्थापित करने की योजना बनाई है। साथ ही, जल भविष्यवाणी के आधार पर जल‑सुरक्षा उपायों को भी सुदृढ़ किया जा रहा है।
Aishwarya Raikar
22 अक्तूबर 2025क्या आपको नहीं लगता कि इस गर्मी में स्कूल को देर तक खोलना कोई बड़ी साजिश है? सरकार शायद बारिश का नकली वादा करके लोगों को धोखा देने की योजना बना रही है। वैसे भी, बच्चों को धूप में जलाने से बेहतर तो हम सबको एसी वाले रूम में बंद रख दें।