पटना में भीषण गर्मी से बचाव हेतु स्कूल‑कोचिंग के समय में बदलाव, डीएम का आदेश

पटना में भीषण गर्मी से बचाव हेतु स्कूल‑कोचिंग के समय में बदलाव, डीएम का आदेश

पटना में भीषण गर्मी से बचाव हेतु स्कूल‑कोचिंग के समय में बदलाव, डीएम का आदेश

अक्तूबर 22, 2025 इंच  समाचार subham mukherjee

द्वारा subham mukherjee

जब डॉ. त्यागराजन एस.एम., जिलाधिकारी पटना जिला प्रशासन ने 13 जून 2025 को देर रात आदेश जारी किया, तो पूरे पटना जिले में एक नया शैक्षणिक‑सत्र शुरू हो गया – यानी स्कूल‑कोचिंग के समय में अचानक बदलाव। मुख्य कारण? दरअसल, इस साल की गर्मी ने रिकॉर्ड‑टूटा 44 °C तक पहुंच कर लू और हीट‑स्ट्रोक के जोखिम को आसमान छू लिया था। इस आदेश के तहत कक्षा 8 तक के सभी सरकारी‑प्राइवेट और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध स्कूलों का संचालन सुबह 11 बजे के बाद बंद रहना तय किया गया, जबकि आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यशैली भी 10 बजे के बाद रोक दी गई।

पृष्ठभूमि: गर्मी की चिंगारी और पूर्व निर्देश

पटना, बिहार की राजधानी, गर्मी के मौसम में हमेशा से ही शैक्षणिक‑समय‑सारणी को चुनौती देती रही है। पिछले साल 7 अप्रैल से 1 जून तक, बिहार शिक्षा विभाग ने स्कूल‑सत्र को सुबह 6 बजे से शुरू करने का आदेश दिया था, ताकि छात्र‑छात्राओं को दोपहर की तेज़ धूप से बचाया जा सके। लेकिन इस साल की गर्मी ने सबको चकित कर दिया। 12 जून को मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की कि अगले तीन दिनों में तापमान 44 °C से अधिक पहुँच सकता है। इस पर स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि लू‑लक्षणों की शिकायतें पहले ही 30 % तक बढ़ चुकी थीं।

नवीन आदेश: स्कूल‑कोचिंग के समय में बदलाव

डॉ. त्यागराजन ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “बच्चों की सेहत हमारी प्राथमिकता है; यदि तापमान 44 °C तक पहुँचता है, तो सुबह 11 बजे के बाद कक्षा चलाना जोखिम भरा है।” आदेश के अनुसार:

  • सभी कक्षा 8 तक के विद्यालय (सरकारी, निजी और CBSE‑संबद्ध) को सुबह 11 बजे के बाद बंद रखा जाएगा।
  • आंगनबाड़ी केंद्रों को 10 बजे के बाद बंद किया जाएगा।
  • समय बदलने की अवधि 13 जून से 16 जून 2025 तक निर्धारित है, जबकि कुछ मीडिया स्रोतों ने 20 जून तक के विस्तार का उल्लेख किया है।
  • कोचिंग संस्थानों को भी वही समय‑सारणी अपनानी होगी।

यह आदेश भारी गर्मी के असर को देखते हुए लिया गया, जिससे दोपहर में बाहर निकलना मुश्किल हो गया था।

प्रभावित वर्ग और संस्थाएँ

इस नई व्यवस्था से हजारों छात्रों, माता‑पिता और शिक्षकों के दिन‑चर्या में बदलाव आएगा। पटना की प्रमुख निजी कोचिंग संस्थान “रायफल ट्यूशन सेंटर” के प्रबंधक ने कहा, “हमने पहले ही क्लास‑शेड्यूल को 11 बजे तक सीमित कर दिया है; अब हमें विद्यार्थियों को घर पर अतिरिक्त अध्ययन सामग्री उपलब्ध करानी होगी।” दूसरी ओर, सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्य “श्री राजेश सिंह” ने बताया, “अभ्यास‑पुस्तकों की उपलब्धता बढ़ाने के अलावा, हम शारीरिक शिक्षा को दोपहर के ठंडे समय पर ले जाने की योजना बना रहे हैं।”

जिला प्रशासन एवं विशेषज्ञों की राय

जिला प्रशासन एवं विशेषज्ञों की राय

पेट्रोलियम हेल्थ सेंटर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अनीता प्रसाद ने बताया, “44 °C के तापमान में बच्चों को बाहर ले जाना श्वसन और हृदय‑रोग जोखिम को बढ़ाता है; स्कूल‑समय को बदलना एक समझदार कदम है।” उन्होंने जोड़े, “यदि समय‑बदलाव 16 जून तक ही सीमित रहे, तो गर्मी‑लहर के बाद के चरण में भी सावधानी बरतनी चाहिए।”

माताओं की संघ “पटना माँ‑सहयोग सभा” की अध्यक्ष ने कहा, “अक्सर हमें याद दिलाया जाता है कि शिक्षा ही भविष्य है, पर भविष्य तभी सुरक्षित रहेगा जब स्वास्थ्य को प्राथमिकता मिले। हम प्रशासन से अनुरोध करते हैं कि एसी वाले वर्गों में उचित वेंटिलेशन या फैन सुविधा प्रदान की जाए।”

भविष्य की संभावनाएँ और तैयारियाँ

डॉ. त्यागराजन ने संकेत दिया कि यदि तापमान अगले हफ्ते भी 42 °C से ऊपर रहता है, तो आदेश को 20 जून तक बढ़ाया जा सकता है। वह आगे कहा, “हम मौसम विभाग के साथ समन्वय में रहेंगे, और अगर आवश्यकता होगी तो ‘ग्रीष्म‑रोक’ योजना लागू करेंगे, जिसमें वैकल्पिक एग्जाम‑डेट और ऑनलाइन शिक्षा का विस्तार शामिल होगा।”

इन उपायों से न केवल छात्रों की सुरक्षा होगी, बल्कि शिक्षकों को भी थकान‑रहित कार्य करने का अवसर मिलेगा। एक्स्ट्रा‑क्लास में डिजिटल लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग बढ़ाने की योजना है, जिससे गर्मी‑दिवसों में भी शिक्षा के स्तर में गिरावट न आए।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

यह आदेश बच्चों की पढ़ाई पर कैसे असर डालता है?

समय‑बदलाव के कारण कक्षा 8 तक के छात्र सुबह 11 बजे तक ही पढ़ेंगे, जिससे दोपहर की गर्मी के जोखिम से बचाव होगा। अतिरिक्त सामग्री ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएगी, इसलिए पढ़ाई में बड़ी कमी नहीं आएगी।

क्या निजी कोचिंग संस्थानों को भी यह आदेश मानना पड़ेगा?

हां, आदेश में कोचिंग संस्थानों को भी वही समय‑सीमा अपनाने को कहा गया है। कई निजी संस्थानों ने पहले ही क्लास‑शेड्यूल को 11 बजे तक सीमित कर लिया है और अतिरिक्त शैक्षणिक सामग्री ऑनलाइन प्रदान कर रहे हैं।

यदि तापमान 44 °C से नीचे गिर गया तो क्या आदेश रद्द होगा?

डॉ. त्यागराजन ने कहा है कि आदेश मौसम विभाग के अद्यतन रिपोर्ट पर निर्भर करेगा। यदि तापमान 42 °C से नीचे गिरता है, तो समय‑बदलाव को 16 जून के बाद समाप्त किया जा सकता है।

अंगनवाड़ी केंद्रों पर क्या नया नियम है?

अंगनवाड़ी केंद्रों को अब सुबह 10 बजे के बाद संचालन नहीं करने की निर्देशिका मिली है। इसका लक्ष्य छोटे बच्चों को अत्यधिक गर्मी से सुरक्षित रखना है।

भविष्य में ऐसी आदेशों से बचने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं?

पिछले अनुभवों को देखते हुए, पटना जिला प्रशासन ने स्कूल‑इन्फ्रास्ट्रक्चर में एसी, फैन और बेहतर वेंटिलेशन स्थापित करने की योजना बनाई है। साथ ही, जल भविष्यवाणी के आधार पर जल‑सुरक्षा उपायों को भी सुदृढ़ किया जा रहा है।

subham mukherjee

subham mukherjee

मैं एक प्रतिष्ठित पत्रकार और लेखक हूँ, जो दैनिक खबरों से जुड़े मुद्दों पर लिखना पसंद करता हूँ। मैंने कई प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों में कार्य किया है और मुझे जनता को सही और सटीक जानकारी प्रदान करने में खुशी मिलती है।

7 टिप्पणि

  • Aishwarya Raikar

    Aishwarya Raikar

    22 अक्तूबर 2025

    क्या आपको नहीं लगता कि इस गर्मी में स्कूल को देर तक खोलना कोई बड़ी साजिश है? सरकार शायद बारिश का नकली वादा करके लोगों को धोखा देने की योजना बना रही है। वैसे भी, बच्चों को धूप में जलाने से बेहतर तो हम सबको एसी वाले रूम में बंद रख दें।

  • Arun Sai

    Arun Sai

    31 अक्तूबर 2025

    मैं मानता हूँ कि यह बदलाव केवल प्रशासनिक अलार्म के कारण है, न कि वास्तविक लू‑स्टॉप जोखिम के। क्लास‑टाइम को 11 बजे तक सीमित करना सिर्फ शेड्यूलिंग कॉन्फ्लिक्ट को हल करने की हल्की पद्धति है।

  • vishal jaiswal

    vishal jaiswal

    9 नवंबर 2025

    समय‑बदलाव से छात्र‑छात्राओं की सुरक्षा पहले प्राथमिकता होनी चाहिए, और शिक्षकों को भी इस नई व्यवस्था में सहयोग देना चाहिए। इससे हम सभी एक साथ इस चुनौतीपूर्ण गर्मी को पार कर सकते हैं।

  • Amit Bamzai

    Amit Bamzai

    17 नवंबर 2025

    गर्मियों में स्कूल‑समय का पुन: नियोजन स्वास्थ्य में सुधार लाता है। जब तापमान 44 °C तक पहुंचता है तो श्वसन‑प्रणाली पर गंभीर दबाव बनता है। बच्चों की शारीरिक क्षमता उस स्तर की गर्मी में घट जाती है। अध्ययन दर्शाता है कि उच्च तापमान में ध्यान‑धारणा कम होती है। इसलिए सुबह 11 बजे के बाद क्लास बंद करना आवश्यक निर्णय है। प्रशासन ने मौसम विभाग के डेटा को विश्लेषण किया और तत्काल उपाय अपनाए। इस निर्णय से लू‑लक्षणों की रिपोर्ट में घटाव की संभावना है। साथ ही, शिक्षक‑छात्रों के बीच तनाव कम होगा। स्कूल‑इन्फ्रास्ट्रक्चर में एसी और फैन की व्यवस्था को भी मजबूती से लागू किया जाएगा। ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म को विस्तारित करने से पढ़ाई में कोई अंतर नहीं पड़ेगा। अभिभावकों को भी इस बदलाव से घर में अतिरिक्त अध्ययन सामग्री प्रदान करने का अवसर मिलेगा। प्राथमिक विद्यालयों में शारीरिक शिक्षा को ठंडे समय‑अवधि में स्थानांतरित किया जा सकेगा। यह पहल अन्य जिलों के लिए मॉडल बन सकती है। भविष्य में जलवायु‑परिवर्तन के जवाब में अधिक लचीली शैक्षणिक‑नीति अपनाई जाएगी। अंत में, सभी पक्षों का सहयोग इस योजना को सफल बनाता है।

  • ria hari

    ria hari

    26 नवंबर 2025

    ये बदलाव जरूरी है, बच्चों को बचाओ।

  • Alok Kumar

    Alok Kumar

    5 दिसंबर 2025

    आपके सहयोगी स्वर में यह छिपा है कि वास्तविक समस्याओं को हल नहीं किया जा रहा, सिर्फ समय‑बदलाव ही समाधान नहीं है; सच्ची सुविधाएँ और हाइड्रेशन की व्यवस्था अभी भी अधूरी है।

  • Nitin Agarwal

    Nitin Agarwal

    13 दिसंबर 2025

    समय‑बदलाव एक अस्थायी कदम है, लेकिन दीर्घकालिक योजना बनानी होगी।

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