क्राइस्टचर्च के हैगली ओवल में शुरू हुए न्यूजीलैंड और वेस्टइंडीज के बीच पहले टेस्ट का अंत ऐसे हुआ, जैसे किसी फिल्म का अंत हो। वेस्टइंडीज ने 531 के लक्ष्य का पीछा करते हुए चौथी पारी में 457 रन बनाए — और फिर भी जीत नहीं मिली। लेकिन ये ड्रॉ सिर्फ एक नतीजा नहीं, बल्कि एक अद्भुत जीत थी — जिसमें जस्टिन ग्रीव्स ने 385 गेंदों में अपराजित 202 रन बनाकर ऐतिहासिक निशान बनाया।
जब टीम ने खेल को अपने हाथों में ले लिया
न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की और 231 रन बनाए। उनकी पहली पारी में केन विलियमसन और माइकल ब्रेसवेल के आधारभूत शतक नहीं थे, बल्कि वेस्टइंडीज के बॉलर्स — खासकर जस्टिन ग्रीव्स और ओजे शील्ड्स — ने बहुत अच्छा गेंदबाजी किया। दूसरी पारी में वेस्टइंडीज केवल 167 रन बना पाया, जिससे न्यूजीलैंड को 64 रन का बड़ा लीड मिल गया। जैकब डफी ने 43 ओवर में 3 विकेट लेकर वेस्टइंडीज की बल्लेबाजी को बर्बाद कर दिया।
लेकिन फिर आया न्यूजीलैंड का दूसरा इनिंग्स — और वो बन गया एक भयानक लक्ष्य। टॉम लैथम ने 145 और रचिन रविंद्रा ने 176 रन बनाए, जिनके बीच 279 रन की भागीदारी ने न्यूजीलैंड को 466/8 तक पहुंचा दिया। डिक्लेयर करने का फैसला करते समय बहुत सवाल थे: क्या ये बहुत ज्यादा है? क्या वेस्टइंडीज को बचाने के लिए इतना लंबा समय देना जरूरी है? जवाब आया — नहीं।
ग्रीव्स और होप: एक अनोखी जोड़ी
वेस्टइंडीज की चौथी पारी शुरू हुई 72/4 पर — और लग रहा था कि ये खेल खत्म हो चुका है। लेकिन जब जस्टिन ग्रीव्स ने बल्ला उठाया, तो सब कुछ बदल गया। उन्होंने 385 गेंदों में 202 रन बनाए — वेस्टइंडीज के इतिहास में चौथे नंबर पर आने वाले दूसरे शतक के साथ दुनिया के सातवें खिलाड़ी बने। उनके साथ शाई होप ने 140 रन बनाए, जो अपने नियमित आक्रामक अंदाज़ के बजाय बेहद दृढ़ रहे।
ग्रीव्स की पारी का सबसे शानदार हिस्सा था — उन्होंने एक भी विकेट नहीं खोया। उनकी बल्लेबाजी ने बस इतना कहा: ‘हम यहां नहीं जा रहे।’ जब होप आउट हुए, तो केमर रोच ने 233 गेंदों में 58 रन बनाए — बिना एक भी रन खर्च किए। ये तीनों बल्लेबाज एक साथ दो दिनों तक बल्ला चलाते रहे।
क्यों ये ड्रॉ इतना खास है?
इस ड्रॉ के पीछे कई रिकॉर्ड छिपे हैं। पहला — वेस्टइंडीज का न्यूजीलैंड में पहला ड्रॉ 2013 के बाद। दूसरा — ये टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा चौथी पारी का कुल स्कोर है। तीसरा — ग्रीव्स वेस्टइंडीज के लिए चौथे नंबर पर चौथी पारी में दोहरा शतक बनाने वाले सातवें खिलाड़ी हैं।
सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क के कमेंटेटर ने कहा, ‘ये पल उनका है — जस्टिन ग्रीव्स।’ और वास्तव में, ये पल उनका था। एक ऐसा खिलाड़ी जिसने अपने टीम को बचाने के लिए अपनी शरीर की हर एनर्जी लगा दी। वो बस बल्ला नहीं चला रहे थे — वो इतिहास लिख रहे थे।
वेस्टइंडीज के लिए ये ड्रॉ एक नई शुरुआत है
इस टूर के शुरुआती दौर में वेस्टइंडीज को टी20 और ओडीआई सीरीज में सब खेल जीतने के बाद भी न्यूजीलैंड के खिलाफ एक बड़ी हार मिल चुकी थी। लेकिन ये ड्रॉ उनकी निराशा को बदल गया। अब उनके खिलाड़ियों को यकीन है कि वो टेस्ट में भी लड़ सकते हैं।
एसपीएन ने रिपोर्ट किया कि ‘इस जिद्दी टीम के प्रदर्शन ने उनके लिए नई आत्मविश्वास की नींव रख दी है।’ अब जब ग्रीव्स और होप ने दिखा दिया कि वो चौथी पारी में भी टेस्ट को बचा सकते हैं, तो अगले दो टेस्ट के लिए उनकी रणनीति बदल जाएगी।
अगले दो टेस्ट की तैयारी शुरू
दूसरा टेस्ट 10 दिसंबर, 2025 को वेलिंगटन के बेसिन रिजर्व में शुरू होगा। तीसरा और आखिरी टेस्ट 18 दिसंबर को हैमिलटन के सेडन पार्क में खेला जाएगा। अब न्यूजीलैंड के लिए भी एक बड़ा सवाल है — क्या उन्हें अगले टेस्ट में जल्दी डिक्लेयर करना चाहिए? या फिर फिर से एक लंबा इनिंग्स खेलना चाहिए?
वेस्टइंडीज के लिए तो अब बात बदल गई है। उन्हें अब लगता है कि वो जीत सकते हैं। ग्रीव्स की बल्लेबाजी ने उन्हें ये भावना दी है। और इस भावना के साथ वो वेलिंगटन जा रहे हैं — न सिर्फ लड़ने, बल्कि जीतने के लिए।
क्या ये न्यूजीलैंड के घरेलू अजेय रिकॉर्ड को खत्म कर सकता है?
न्यूजीलैंड ने 2021 के बाद से घरेलू टेस्ट सीरीज में कभी हार नहीं दी। लेकिन अब वेस्टइंडीज ने दिखा दिया कि ये रिकॉर्ड टूट सकता है। अगर वेस्टइंडीज अगले दो टेस्ट में भी इतना जिद्दी रहता है, तो न्यूजीलैंड को अपनी रणनीति बदलनी पड़ेगी।
इस ड्रॉ के बाद दोनों टीमों को 2025-2027 आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में 6-6 अंक मिले। न्यूजीलैंड के लिए ये अंक उनकी अजेयता को बनाए रखने में मदद करेंगे, लेकिन वेस्टइंडीज के लिए ये एक नई शुरुआत है — जिसमें वो अपने इतिहास को फिर से लिख रहे हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
जस्टिन ग्रीव्स की ये पारी किस तरह ऐतिहासिक है?
जस्टिन ग्रीव्स वेस्टइंडीज के इतिहास में चौथे नंबर पर चौथी पारी में दोहरा शतक बनाने वाले चौथे खिलाड़ी हैं, और दुनिया भर में सातवें। उन्होंने 385 गेंदों में 202 रन बनाए, जिसमें कोई भी विकेट नहीं खोया। ये टेस्ट क्रिकेट में चौथी पारी का सबसे ज्यादा स्कोर है — 457/6 के साथ।
वेस्टइंडीज को ये ड्रॉ क्यों महत्वपूर्ण है?
वेस्टइंडीज न्यूजीलैंड में 2013 के बाद पहली बार ड्रॉ में खेल रहे हैं। उनकी टीम लंबे समय से टेस्ट क्रिकेट में कमजोर रही है, लेकिन ये पारी उन्हें आत्मविश्वास देती है कि वो बड़े लक्ष्यों के खिलाफ भी लड़ सकते हैं। ये उनके भविष्य के टेस्ट मैचों के लिए एक नया मानक बन गया है।
न्यूजीलैंड के लिए ये डिक्लेयर करने का फैसला सही रहा?
न्यूजीलैंड ने 466/8 पर डिक्लेयर किया, जिसका मतलब था कि वो वेस्टइंडीज को 531 रन का लक्ष्य दे रहे थे। लेकिन वेस्टइंडीज ने दो दिन तक बल्लेबाजी की। अगर न्यूजीलैंड ने अधिक रन बनाए होते, तो भी शायद वे नहीं जीत पाते — क्योंकि ग्रीव्स और होप ने इतना समय खर्च कर दिया कि बाकी का समय खत्म हो गया।
अगले टेस्ट में वेस्टइंडीज क्या अपनाएगा?
अगले टेस्ट में वेस्टइंडीज की बल्लेबाजी क्रम बदल सकता है — ग्रीव्स को ऊपर लाया जा सकता है। उनकी बल्लेबाजी के बाद टीम का विश्वास बढ़ गया है। शायद वो अब चौथी पारी में भी जीत की ओर बढ़ने की रणनीति बनाएंगे, न कि सिर्फ बचाव की।
इस ड्रॉ ने आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप पर क्या प्रभाव डाला?
दोनों टीमों को 6-6 अंक मिले, जिससे न्यूजीलैंड का घरेलू अजेय रिकॉर्ड बना रहा, लेकिन वेस्टइंडीज का अंतर नहीं बढ़ा। अब दोनों टीमें अपने टूर्नामेंट में समान बिंदुओं के साथ आगे बढ़ रही हैं, और अगले दो टेस्ट में ये अंक फैसले कर सकते हैं।
क्या ग्रीव्स की ये पारी उनके भविष्य को बदल सकती है?
बिल्कुल। जस्टिन ग्रीव्स अब वेस्टइंडीज के लिए चौथी पारी के लिए खिलाड़ी बन गए हैं। उनकी इस पारी ने उन्हें एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है — अब वो टीम के नेता के रूप में देखे जाएंगे। उनके लिए अगला टेस्ट अपने बल्ले से नहीं, बल्कि अपने नेतृत्व से बनाना होगा।
Firoz Shaikh
8 दिसंबर 2025ये पारी बस एक बल्लेबाजी नहीं, बल्कि एक शास्त्रीय संगीत की तरह थी - जहां हर गेंद एक नोट था, हर रन एक ताना, और हर ओवर एक राग का विस्तार। जस्टिन ग्रीव्स ने न सिर्फ 202 रन बनाए, बल्कि एक ऐसी भावना जगाई जो आज तक क्रिकेट के इतिहास में दुर्लभ है: असंभव को संभव बनाने का विश्वास। उनकी धैर्य, उनकी तकनीक, उनकी आत्मनिर्भरता - सब कुछ एक ऐसे युग की याद दिलाता है जब बल्लेबाजी एक कला थी, न कि एक रणनीति। ये ड्रॉ एक नतीजा नहीं, बल्कि एक नया अध्याय है - जिसमें वेस्टइंडीज ने अपने आप को फिर से खोज लिया।