IAS अधिकारी पूजा खेडकर की माँ मनोरमा खेडकर पर FIR: किसान को धमकाने का वीडियो हुआ वायरल

IAS अधिकारी पूजा खेडकर की माँ मनोरमा खेडकर पर FIR: किसान को धमकाने का वीडियो हुआ वायरल

IAS अधिकारी पूजा खेडकर की माँ मनोरमा खेडकर पर FIR: किसान को धमकाने का वीडियो हुआ वायरल

जुलाई 13, 2024 इंच  समाचार subham mukherjee

द्वारा subham mukherjee

भूमि विवाद के चलते मनोरमा खेडकर पर एफआईआर

हाल ही में वायरल हुए एक वीडियो ने सबका ध्यान खींच लिया है, जिसमें मनोरमा खेडकर, जो कि IAS अधिकारी पूजा खेडकर की माता हैं, एक किसान को पिस्तौल से धमकाते हुए नजर आ रही हैं। यह वीडियो कम से कम एक साल पुराना है और यह घटना पुणे जिले के मुल्शी तालुका में एक भूमि विवाद के समय की है।

इतनी पुरानी घटना का वीडियो अचानक वायरल होने के बाद, पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मनोरमा खेडकर, उनके पति दिलीप खेडकर और पांच अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह मामला उस समय का है जब यह परिवार एक किसान से भूमि विवाद के चलते भिड़ा। वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि मनोरमा खेडकर एक पॉकेट पिस्तौल लेकर किसान को धमका रही हैं।

पुलिस जाँच में जुटी

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुणे ग्रामीण पुलिस ने शिकायत के आधार पर मजिस्ट्रेट के सम्मुख एक एफआईआर दर्ज कर दी है। शिकायतकर्ता, जो कि विवादित भूमि पर किसान हैं, का आरोप है कि मनोरमा खेडकर उन्हीं की जमीन पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रही थीं। पुलिस अब यह भी जाँच कर रही है कि क्या मनोरमा के पास उस पिस्तौल का लाइसेंस था या नहीं।

इस घटना के पश्चात, IAS अधिकारी पूजा खेडकर को पुणे से वाशिम ट्रांसफर कर दिया गया है। इस मामले में पूजा खेडकर पर भी अपने सिविल सेवक पद का दुरुपयोग करने का आरोप है। इसके अलावा, केंद्रीय सरकार ने पूजा की उम्मीदवारी की सत्यता की जांच के लिए एक एकल सदस्य समिति की भी स्थापना की है। यह आरोप है कि पूजा ने विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बनवाकर सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की थी।

समिति की सिफारिशें और आगे की कार्रवाई

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, केंद्रीय सरकार ने पूजा खेडकर के खिलाफ मामले की तह तक जाने के लिए समिति बनाई है। यह समिति उनकी उम्मीदवारी से जुड़े सभी आरोपों की जाँच करेगी और सत्यापित करेगी कि क्या वास्तव में विकलांगता और ओबीसी प्रमाणपत्र फर्जी थे या नहीं।

वर्तमान परिदृश्य में इस मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना से यह संदेश जाता है कि कैसे किसी भी व्यक्ति, चाहे वह कितने भी उच्च पद पर क्यों न हो, को कानून का पालन करना आवश्यक है। वर्तमान में पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है और आगे की कार्रवाई में जुटी है।

समाज में बढ़ते भूमि विवाद

समाज में बढ़ते भूमि विवाद

मानव समाज में भूमि विवाद एक आम घटना होती जा रही है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, भूमि विवाद के मामलों में तेजी देखी जा रही है। ऐसी स्थिति में इस तरह की घटनाएँ समाज के लिए एक चिंताजनक संकेत है। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि भूमि विवाद के मामलों में हिंसा और धमकियों का इस्तेमाल किस हद तक बढ़ता जा रहा है।

इस मामले में सामने आई डिटेल्स ने एक बार फिर समाज में बढ़ते भूमि विवादों की ओर इशारा किया है। प्रशासन को भी अब इस बात पर ध्यान देने की आवश्यकता है कि कैसे भूमि विवाद को बिना हिंसा और धमकियों के सुलझाया जा सकता है।

हमें उम्मीद है कि कानून-संविधान का पालन करते हुए यह मामला जल्द सुलझे और दोषियों को सजा मिले। जब तक इस तरह के विवादों का शांति पूर्वक समाधान नहीं होता, समाज में न्याय और सही का भरोसा कमजोर होता रहेगा।

इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि कानून के पथ पर चलना सभी के लिए अनिवार्य है। यह जरूरी है कि लोग कानून का पालन करें और विवादों को कानूनी तरीके से सुलझाएं, बजाय कि हिंसा और धमकियों का सहारा लें।

subham mukherjee

subham mukherjee

मैं एक प्रतिष्ठित पत्रकार और लेखक हूँ, जो दैनिक खबरों से जुड़े मुद्दों पर लिखना पसंद करता हूँ। मैंने कई प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों में कार्य किया है और मुझे जनता को सही और सटीक जानकारी प्रदान करने में खुशी मिलती है।

10 टिप्पणि

  • Tejas Bhosale

    Tejas Bhosale

    14 जुलाई 2024

    ये सिस्टम फेल हो गया है। जब एक IAS ऑफिसर की माँ पिस्तौल घुमाती है तो ये बताता है कि एलिट क्लास के लिए कानून एक सुझाव है, न कि एक नियम। बैरियर टू एक्सेस ऑफ जस्टिस का क्लास डायनामिक्स यहीं पर दिख रहा है।

  • Asish Barman

    Asish Barman

    15 जुलाई 2024

    पुलिस ने FIR की तो अच्छा हुआ पर अब तक कोई IAS नहीं गिरा जो अपनी जमीन के लिए बंदूक निकाले ये बात सबको पता है बस कोई बोल नहीं पाता

  • Abhishek Sarkar

    Abhishek Sarkar

    16 जुलाई 2024

    ये सब एक बड़ी षड्यंत्र है। जब एक गरीब किसान के खिलाफ एक IAS की माँ के खिलाफ FIR दर्ज होती है तो ये सिर्फ शुरुआत है। अगले 6 महीने में आपको पता चलेगा कि ये सब एक वैश्विक जमीन नियंत्रण अभियान का हिस्सा है जिसमें गैर-सरकारी संगठन और विदेशी एजेंसियाँ शामिल हैं। आपको ये सब नहीं दिख रहा क्योंकि आपको इंटरनेट पर जो दिखाया जा रहा है वो एक फिल्टर बबल है।

  • Niharika Malhotra

    Niharika Malhotra

    16 जुलाई 2024

    हर किसी के पास बदलाव का मौका होता है। ये घटना एक चेतावनी है, न कि एक अंत। अगर पूजा खेडकर अपनी जिम्मेदारियों को समझती हैं और अपने परिवार के लिए जिम्मेदारी लेती हैं, तो ये उनके लिए एक नई शुरुआत का मौका बन सकता है। बस एक बार दिल से सोचें - अगर आपकी जमीन पर कोई बंदूक घुमाता है तो आप क्या महसूस करेंगे?

  • Baldev Patwari

    Baldev Patwari

    17 जुलाई 2024

    फिर वो ही कहानी। ओबीसी कार्ड फर्जी, विकलांगता का झूठ, अब बंदूक भी निकाल दी। इन लोगों के लिए नौकरी बस एक लॉटरी है जिसे वो चीटिंग से जीत लेते हैं। और अब तो बंदूक भी लगा दी जो इनकी एलिट असलियत को दर्शाती है। इनके लिए न्याय का मतलब होता है दूसरों को दबाना।

  • harshita kumari

    harshita kumari

    18 जुलाई 2024

    ये सब एक बड़ा इंटरनल एजेंसी ऑपरेशन है जिसमें आर्मी और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी भी शामिल है क्योंकि ये जमीन एक नए सुपरस्ट्रक्चर के लिए जरूरी है जिसके बारे में आपको बताया नहीं जा रहा। ये वीडियो फर्जी है ये सब एक ट्रिगर है जिससे लोगों को अस्थिर किया जा रहा है।

  • SIVA K P

    SIVA K P

    18 जुलाई 2024

    अरे भाई ये माँ ने बंदूक निकाली तो क्या हुआ? उसका बेटा IAS है ना तो जमीन उसकी होनी चाहिए। तुम लोग बस इसलिए चिल्ला रहे हो क्योंकि तुम्हारी जमीन नहीं ली गई। जब तक तुम अपनी जमीन नहीं बेचोगे तब तक तुम इस तरह की बातें करोगे।

  • Neelam Khan

    Neelam Khan

    19 जुलाई 2024

    हर बड़ी घटना के पीछे एक छोटी दर्द भरी कहानी होती है। शायद इस माँ के पास भी कोई दर्द था जिसे वो नहीं बता पाई। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि उसका काम सही था। अगर हम एक दूसरे के लिए जगह बना सकें तो ये घटनाएँ रुक सकती हैं। दर्द को समझो, लेकिन गलती को नहीं।

  • Jitender j Jitender

    Jitender j Jitender

    19 जुलाई 2024

    ये मामला एक सिस्टमिक फेलियर का प्रतीक है। जब एक परिवार के पास एडमिनिस्ट्रेटिव कैपेबिलिटी और रिसोर्सेज होते हैं तो वो न्याय को रिडफाइन कर देते हैं। ये जमीन का विवाद नहीं, ये पावर डायनामिक्स का मुद्दा है। हमें लोकतंत्र को रिफॉर्म करने की जरूरत है न कि इस तरह के स्कैंडल्स को बस वायरल करने की।

  • Jitendra Singh

    Jitendra Singh

    21 जुलाई 2024

    ये देखो न कैसे एक आम इंसान की जमीन पर एक IAS की माँ बंदूक घुमाती है और फिर उसका बेटा देश का नेतृत्व करता है। ये न्याय नहीं ये एक अधिकार का अभिमान है। तुम्हारा बच्चा जितना बड़ा होगा तुम्हारी जमीन उतनी ही छोटी हो जाएगी। ये नहीं कि तुम गरीब हो या अमीर, ये तो ये है कि तुम किसके खिलाफ लड़ रहे हो। और यहाँ तुम लड़ रहे हो एक सिस्टम के खिलाफ जो तुम्हें नहीं चाहता।

एक टिप्पणी करना