बजट 2024 का भारतीय शेयर बाजार पर प्रभाव
23 जुलाई, 2024 का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए संघीय बजट 2024 ने बाजार में हलचल मचा दी और परिणामस्वरूप सेंसेक्स और निफ्टी 50 सूचकांकों में 1% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 253.62 अंकों की गिरावट के साथ 80,248.46 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 50 31.05 अंकों की गिरावट के साथ 24,478.20 पर बंद हुआ।
बजट 2024 की घोषणाओं ने निवेशकों में चिंताओं को बढ़ा दिया। प्रमुख कंपनियों, जैसे कि रिलायंस इंडस्ट्रीज और कोटक महिंद्रा बैंक, के शेयरों में तगड़ी कमी आई। यह गिरावट इस तथ्य को और भी महत्वपूर्ण बनाती है कि बजट की घोषणा से पहले के एक महीने में बाजार ने 4.3% की वृद्धि दर्ज की थी।
बजट की घोषणाएं और बाजार की प्रतिक्रिया
संघीय बजट 2024 की घोषणाओं ने कई निवेशकों को असमंजस में डाल दिया। बजट में कुछ कड़े कर नीतियों और खर्च में कटौतियों के बारे में बताया गया, जिससे बाजार में बिकवाली की लहर देखने को मिली। राष्ट्र के विदेशी निवेशक भी इस बात से प्रभावित हुए और उन्होंने भी अपनी होल्डिंग्स को बेचने का फैसला किया, जिससे बाजार में और भी ज्यादा गिरावट आई।
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि बजट की घोषणाएं बाजार के अपेक्षाओं के विपरीत रहीं। कई कंपनियां, विशेष रूप से वित्तीय और ऊर्जा क्षेत्रों में, बजट के परिणामस्वरूप प्रभावित हुईं, क्योंकि इन क्षेत्रों में कुछ कड़े नियम और कराधान की बात की गई थी।
खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी
आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 ने खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी को उजागर किया। सर्वेक्षण के अनुसार, 9.5 करोड़ से अधिक व्यक्तिगत निवेशक भारतीय शेयर बाजार में प्रत्यक्ष हिस्सेदारी के माध्यम से लगभग 36 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति रखते हैं, जो कुल बाजार का लगभग 10% है। इन आंकड़ों ने बाजार की बढ़ती स्थिरता और निवेश के स्तर को दिखाया, लेकिन साथ ही यह चेतावनी भी दी गई कि बाजार में अति-विस्वास स्थितियों से बचा जाए।
भविष्य के लिए क्या है संकेत?
भले ही 23 जुलाई को बाजार में गिरावट आई हो, लेकिन वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि इस गिरावट ने निवेशकों को अपने निवेश पोर्टफोलियो की समीक्षा करने और लंबे समय के लिए अधिक रणनीतिक रूप से सोचने का अवसर प्रदान किया है। आने वाले महीनों में, जब नए बजट की नीतियों का पूर्ण प्रभाव सामने आएगा, तब बाजार में स्थिरता लौटने की संभावना है।
संघीय बजट 2024 के चलते भारतीय शेयर बाजारों में आए इस उतार-चढ़ाव को देखते हुए निवेशकों को सतर्क और धैर्यपूर्ण रहना होगा। एक अनुशासित और दीर्घकालिक निवेश दृष्टिकोण ही इस समय की अनिश्चितताओं का सामना करने में मदद कर सकता है।