NEET के बिना MBBS: विदेशी डिग्री पर 30 लाख खर्च, रजिस्ट्रेशन में फंसी मुश्किलें

NEET के बिना MBBS: विदेशी डिग्री पर 30 लाख खर्च, रजिस्ट्रेशन में फंसी मुश्किलें

NEET के बिना MBBS: विदेशी डिग्री पर 30 लाख खर्च, रजिस्ट्रेशन में फंसी मुश्किलें

जून 10, 2025 इंच  शिक्षा विकास शर्मा

द्वारा विकास शर्मा

विदेशी MBBS डिग्री और NEET नियम: एक छात्र की असली कहानी

सोचिए, 30 लाख रुपये खर्च करने के बाद भी किसी युवा डॉक्टर का सपना अधूरा रह जाए। हाल ही में एक भारतीय छात्र के साथ यही हुआ। उसने विदेश से MBBS की पढ़ाई पूरी की, लेकिन NEET क्वालिफाई नहीं किया था। जब वह Medical Council of India (अब नेशनल मेडिकल कमिशन) में डॉक्टर बनने के लिए आवेदन करने पहुंचा तो आगे मुश्किलें खड़ी हो गईं।

भारत में 2018 के बाद से विदेश में MBBS करने के इच्छुक सभी भारतीय छात्रों के लिए NEET क्वालिफाई करना जरूरी है। यह नियम छात्र विदेश जाने से पहले लागू हो गया था ताकि डॉक्टर बनने का न्यूनतम स्तर तय रहे। फिर भी, कुछ एजेंट्स और संस्थान ऐसे हैं जो छात्रों को गुमराह कर देते हैं या नियमों की अनदेखी करते हैं। ऐसा ही हाल इस छात्र के साथ हुआ।

रजिस्ट्रेशन की बाधा और नियमों की असलियत

रजिस्ट्रेशन की बाधा और नियमों की असलियत

MCI में रजिस्ट्रेशन के समय छात्र को पता चला कि बिना NEET, विदेशी डिग्री की मान्यता नहीं होगी। यह सिर्फ पैसे की बर्बादी नहीं, बल्कि सालों के अनुभव और भविष्य की उम्मीदों पर भी पानी फेर देता है। NMC (नेशनल मेडिकल कमिशन) के मुताबिक, NEET पास करना विदेश में MBBS एडमिशन के लिए अनिवार्य है। NEET का स्कोरकार्ड, 12वीं की मार्कशीट, और कई जरूरी कागजात मांगे जाते हैं। कुछ विश्वविद्यालयों में इंटरव्यू और सिफारिश-पत्र भी लगे रहते हैं। लेकिन भारत में प्रैक्टिस के लिए NEET और फिर FMGE (Foreign Medical Graduates Examination) पास करना हर हाल में जरूरी है।

पिछले कुछ सालों में सरकार ने इस पर विचार जरूर किया था कि विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट्स के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट को खत्म कर दिया जाए, ताकि देश में डॉक्टरों की कमी दूर हो सके। लेकिन असल में अब भी दोनों परीक्षाएं अनिवार्य हैं और नियमों में कोई बड़ी ढील नहीं दी गई है। विदेशी संस्थान और एजेंट्स अक्सर छात्रों को बताते हैं कि सिर्फ पैसा देने या डॉक्युमेंट्स दिखाने से बात बन जाएगी। सच्चाई यह है कि ऐसा करने पर न तो डिग्री मान्य होती है, न ही भारत में डॉक्टर के तौर पर काम करने की इजाजत मिलती है।

हर साल ऐसे कई छात्र फंसते हैं, जिनका पैसा और वक्त दोनों खराब हो जाता है। वजह है – न सही जानकारी, न ही ठोस गाइडेंस। इसलिए जो भी छात्र विदेश जाकर MBBS करना चाहते हैं, उन्हें इस बात का पूरा ख्याल रखना चाहिए कि NEET क्वालिफाई करना ही सबसे पहली शर्त है। बिना इसके विदेश की डिग्री भारत में किसी काम की नहीं।


साझा:
विकास शर्मा

विकास शर्मा

मैं एक प्रतिष्ठित पत्रकार और लेखक हूँ, जो दैनिक खबरों से जुड़े मुद्दों पर लिखना पसंद करता हूँ। मैंने कई प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों में कार्य किया है और मुझे जनता को सही और सटीक जानकारी प्रदान करने में खुशी मिलती है।

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