चंपई सोरेन ने भाजपा का दामन थामा
झारखंड के राजनीतिक गलियारों में उस समय हलचल मच गई जब राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया। सोरेन का यह कदम झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) से पुरानी नाता तोड़ने के बाद सामने आया है। 28 अगस्त, 2024 को उन्होंने जेएमएम से इस्तीफा दे दिया था, और 30 अगस्त को रांची में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की मौजूदगी में वह भाजपा में शामिल हो गए।
जेएमएम से असंतुष्टि
चंपई सोरेन ने इस फैसले के पीछे जेएमएम की 'वर्तमान कार्यशैली और नीतियों' से असंतुष्टि को कारण बताया। उन्होंने कहा कि इस पार्टी में लंबे समय तक सेवा करने के बावजूद, उन्हें वर्तमान सरकार की कार्यशैली से निराशा हुई। हाल ही में, उन्होंने हेमंत सोरेन कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन कुछ ही दिनों में उन्होंने अपनी नाराज़गी जताते हुए इस्तीफा दे दिया।
मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने का विवाद
चंपई सोरेन कुछ समय के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री भी बने थे। 2 फरवरी, 2024 को उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, जब हेमंत सोरेन को एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) द्वारा मनी लॉन्डरिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, 4 जुलाई, 2024 को हेमंत सोरेन को जमानत मिल गई और उन्होंने मुख्यमंत्री पद फिर से संभाला, जिससे चंपई सोरेन ने 3 जुलाई को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया। इस प्रक्रिया ने सोरेन को अपमानित महसूस कराया।
राजनीतिक भविष्य के लेकर नई दिशा
चंपई सोरेन का भाजपा में शामिल होना उनके राजनीतिक करियर के लिए एक नई दिशा है। उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ काम करने में उन्हें अधिक पारदर्शिता और कार्यशैली की परिपूर्णता मिलेगी। हेमंत सोरेन सरकार में उन्हें अपने दृष्टिकोण प्रस्तुत करने और कार्य करने का वे अवसर नहीं मिल पाए, जो उन्हें भाजपा में आशा है।
जेएमएम में बदली परिस्थितियों का सामना
चंपई सोरेन के इस्तीफे के बाद, जेएमएम ने तेजी से कदम उठाए और रामदास सोरेन को मंत्री पद की शपथ दिलाई। समारोह का आयोजन राजभवन में हुआ, जहां राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने उन्हें शपथ दिलाई। इस अवधि में, जेएमएम की स्थिति को स्थिर रखने और किसी प्रकार का विभाजन न होने देने के प्रयास किए गए।
चंपई सोरेन का यह निर्णय उनके समर्थकों और झारखंड की राजनीतिक परिस्थितियों पर क्या प्रभाव डालेगा, यह देखना दिलचस्प होगा। निश्चित रूप से, जेएमएम और भाजपा दोनों ही आगामी चुनावों के लिए तैयारियों में जुट गए हैं। इस घटनाक्रम ने झारखंड की राजनीतिक स्थिति को और भी रोचक बना दिया है।
भाजपा की तैयारियाँ
भाजपा ने चंपई सोरेन के इस कदम का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि उनके साथ आने से पार्टी को मजबूती मिलेगी और झारखंड में पार्टी की राजनीतिक स्थिति में सुधार होगा। इस अवसर पर अन्य प्रमुख नेताओं ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए और स्वागत समारोह में गणमान्य लोगों की भारी भीड़ दिखाई दी।
आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को एक अनुभवी नेता के रूप में चंपई सोरेन का समर्थन प्राप्त होना एक महत्वपूर्ण चाल साबित हो सकता है। उनके आने से लोगों के बीच भाजपा का समर्थन और भी बढ़ सकता है।
भविष्य की रणनीति
इस बदलाव के साथ, दोनों दलों की रणनीतियां भी बदलेंगी। भाजपा के लिए यह एक अच्छा अवसर है, जबकि जेएमएम को नए सिरे से अपनी रणनीति बनानी होगी। यदि चंपई सोरेन भाजपा की नीतियों से संतुष्ट हो जाते हैं तो यह परिवर्तन कई और नेताओं को भी प्रभावित कर सकता है।
आखिरकार, झारखंड की राजनीति में चंपई सोरेन का यह कदम एक महत्वपूर्ण मोड़ है। आने वाले समय में यह देखना होगा कि इस परिवर्तन का परिणाम क्या होता है और इससे राज्य की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है।
Shivateja Telukuntla
2 सितंबर 2024इस तरह के राजनीतिक बदलाव तो हर दिन होते हैं, पर चंपई सोरेन का कदम अलग है। उन्होंने अपनी अनुभवी उम्र में भी बदलाव का फैसला किया, ये दिखाता है कि लोग अभी भी अपने विश्वास के लिए खड़े हो सकते हैं।
Ravi Kumar
3 सितंबर 2024अरे भाई ये तो बिल्कुल वैसा ही है जैसे किसी ने अपनी पुरानी गाड़ी फेंक दी और नई बीएमडब्ल्यू खरीद ली! जेएमएम तो अब बस एक नाम बच गया है, असली ताकत तो भाजपा में है। चंपई भाई ने सही फैसला किया, अब देखना है कि वो इस नई गाड़ी को कैसे चलाते हैं!
rashmi kothalikar
5 सितंबर 2024ये सब बदमाशी है! जेएमएम के खिलाफ जाना, ये धरती के बेटे के लिए बेवफाई है। चंपई सोरेन ने अपनी जड़ों को धोखा दिया, अब उसकी आत्मा भी रोएगी। भाजपा के नाम पर लोगों को भ्रमित किया जा रहा है।
vinoba prinson
6 सितंबर 2024ये राजनीति का एक नया अध्याय है, जिसमें व्यक्तिगत असंतोष और सामूहिक लाभ के बीच एक जटिल संतुलन बन रहा है। चंपई सोरेन का निर्णय केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि एक विचारधारा के अंतर्गत एक आंदोलन का हिस्सा है। ये बदलाव जेएमएम के आंतरिक दुरुपयोग का परिणाम है, जिसमें अनुभवी नेताओं को नजरअंदाज किया जाता रहा।
Shailendra Thakur
8 सितंबर 2024हर किसी का अपना रास्ता होता है। चंपई साहब ने जो फैसला किया, वो उनके लिए सही था। अब बस उनके काम को देखना होगा। राजनीति में बदलाव तभी सकारात्मक होता है जब व्यक्ति अपने विश्वास पर खड़ा हो।
Muneendra Sharma
10 सितंबर 2024असली सवाल ये है कि चंपई सोरेन को जेएमएम में क्यों नहीं मिल पाया जो उन्हें भाजपा में मिल रहा है? क्या ये सिर्फ एक नेता का बदलाव है या एक पार्टी के अंदर के तानाशाही का खुलासा? मुझे लगता है ये बहुत गहरा मुद्दा है।
Anand Itagi
11 सितंबर 2024जेएमएम में जब तक अपने अंदर के बदलाव नहीं होंगे तब तक और भी लोग चले जाएंगे चंपई सिर्फ शुरुआत है
Sumeet M.
11 सितंबर 2024चंपई सोरेन ने अपनी जाति के खिलाफ विश्वासघात किया है! जेएमएम तो अदालत में भी नहीं जाता जब जनता की आवाज़ उठती है, लेकिन भाजपा के साथ जाना? ये तो जनता के खिलाफ जाना है! ये नेता अब अपनी निंदा करेंगे, लेकिन उनके नाम के साथ जुड़ी गरिमा तोड़ दी गई है!
ASHOK BANJARA
12 सितंबर 2024इस दुनिया में जो लोग अपने विश्वास के लिए खड़े होते हैं, वो ही वास्तविक नेता होते हैं। चंपई सोरेन ने एक अहंकारी पार्टी के बजाय एक ऐसी पार्टी का चयन किया जो विकास की बात करती है। जेएमएम तो अब बस एक परिवार का नाम बन गया है, जहां कोई भी अपनी आवाज़ नहीं उठा सकता।
Sahil Kapila
13 सितंबर 2024अब तो ये सब एक नाटक हो गया है चंपई सोरेन ने जेएमएम छोड़ा और भाजपा में आ गए अब हेमंत सोरेन भी भाजपा में आ जाएंगे या फिर दोनों एक साथ भाजपा के साथ चलेंगे अब तो राजनीति का कोई नाम नहीं रहा
Rajveer Singh
14 सितंबर 2024चंपई सोरेन ने अपने आप को बेच दिया, ये तो भाजपा का एक नया तरीका है जिससे वो छोटे दलों को अपने अंदर खींच लेते हैं और उनकी जड़ों को नष्ट कर देते हैं ये नहीं कि वो बदल रहे हैं बल्कि वो खा रहे हैं
Ankit Meshram
14 सितंबर 2024सही फैसला। अब देखते हैं।
Shaik Rafi
14 सितंबर 2024हर एक नेता के पास अपना अलग रास्ता होता है। चंपई सोरेन का रास्ता उनके लिए सही रहा। जेएमएम के अंदर भी कुछ लोग बदलाव चाहते हैं, लेकिन उनकी आवाज़ दब जाती है। ये बदलाव न सिर्फ एक व्यक्ति का है, बल्कि एक जनता की उम्मीद का भी है।
Ashmeet Kaur
16 सितंबर 2024मैं तो बहुत खुश हूँ कि चंपई सोरेन ने इस फैसले को लिया। जेएमएम तो अब सिर्फ एक नाम बच गया है। भाजपा के साथ आने से उनके लोगों को विकास का अवसर मिलेगा। ये एक बड़ा कदम है जो झारखंड के लिए अच्छा है।
Nirmal Kumar
18 सितंबर 2024चंपई सोरेन का यह कदम राजनीति के लिए एक नया मानक स्थापित करता है। यह दिखाता है कि विश्वास, अनुभव और नैतिकता के साथ राजनीति करना संभव है। जेएमएम की अंदरूनी संरचना को फिर से देखने की जरूरत है।
Sharmila Majumdar
19 सितंबर 2024अगर चंपई सोरेन ने जेएमएम के अंदर अपनी आवाज़ उठाई होती तो ऐसा नहीं होता। लेकिन वो चुप रहे और अब भाजपा के लिए चले गए। ये तो बहुत बुरा है। अब तो लोगों को ये भी समझना होगा कि ये नेता किसके लिए लड़ रहे हैं।
amrit arora
20 सितंबर 2024इस राजनीतिक बदलाव को बहुत गहराई से समझना होगा। चंपई सोरेन का निर्णय उनके व्यक्तिगत अनुभवों के साथ-साथ राज्य की राजनीतिक वातावरण के विकास की आवश्यकता के आधार पर लिया गया है। जेएमएम की नीतिगत अस्थिरता और भाजपा के संस्थागत स्थिरता के बीच एक संघर्ष है, और चंपई सोरेन ने उस संघर्ष के अंतर्गत अपना विकल्प चुना है। यह बदलाव भविष्य के नेतृत्व के लिए एक नया मॉडल साबित हो सकता है।
Ambica Sharma
21 सितंबर 2024मैंने तो बस इतना सुना कि चंपई सोरेन भाजपा में आ गए और दिल टूट गया... ये कैसे हो सकता है? वो तो हमारे लिए एक नायक थे... अब तो मैं रोने लगी...