चंपई सोरेन ने अगामी विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड में बीजेपी का दामन थामा, जेएमएम की कार्यशैली से असंतुष्टि जताई

चंपई सोरेन ने अगामी विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड में बीजेपी का दामन थामा, जेएमएम की कार्यशैली से असंतुष्टि जताई

चंपई सोरेन ने अगामी विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड में बीजेपी का दामन थामा, जेएमएम की कार्यशैली से असंतुष्टि जताई

अगस्त 31, 2024 इंच  राजनीति विकास शर्मा

द्वारा विकास शर्मा

चंपई सोरेन ने भाजपा का दामन थामा

झारखंड के राजनीतिक गलियारों में उस समय हलचल मच गई जब राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया। सोरेन का यह कदम झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) से पुरानी नाता तोड़ने के बाद सामने आया है। 28 अगस्त, 2024 को उन्होंने जेएमएम से इस्तीफा दे दिया था, और 30 अगस्त को रांची में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की मौजूदगी में वह भाजपा में शामिल हो गए।

जेएमएम से असंतुष्टि

चंपई सोरेन ने इस फैसले के पीछे जेएमएम की 'वर्तमान कार्यशैली और नीतियों' से असंतुष्टि को कारण बताया। उन्होंने कहा कि इस पार्टी में लंबे समय तक सेवा करने के बावजूद, उन्हें वर्तमान सरकार की कार्यशैली से निराशा हुई। हाल ही में, उन्होंने हेमंत सोरेन कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन कुछ ही दिनों में उन्होंने अपनी नाराज़गी जताते हुए इस्तीफा दे दिया।

मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने का विवाद

चंपई सोरेन कुछ समय के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री भी बने थे। 2 फरवरी, 2024 को उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, जब हेमंत सोरेन को एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) द्वारा मनी लॉन्डरिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, 4 जुलाई, 2024 को हेमंत सोरेन को जमानत मिल गई और उन्होंने मुख्यमंत्री पद फिर से संभाला, जिससे चंपई सोरेन ने 3 जुलाई को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया। इस प्रक्रिया ने सोरेन को अपमानित महसूस कराया।

राजनीतिक भविष्य के लेकर नई दिशा

चंपई सोरेन का भाजपा में शामिल होना उनके राजनीतिक करियर के लिए एक नई दिशा है। उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ काम करने में उन्हें अधिक पारदर्शिता और कार्यशैली की परिपूर्णता मिलेगी। हेमंत सोरेन सरकार में उन्हें अपने दृष्टिकोण प्रस्तुत करने और कार्य करने का वे अवसर नहीं मिल पाए, जो उन्हें भाजपा में आशा है।

जेएमएम में बदली परिस्थितियों का सामना

चंपई सोरेन के इस्तीफे के बाद, जेएमएम ने तेजी से कदम उठाए और रामदास सोरेन को मंत्री पद की शपथ दिलाई। समारोह का आयोजन राजभवन में हुआ, जहां राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने उन्हें शपथ दिलाई। इस अवधि में, जेएमएम की स्थिति को स्थिर रखने और किसी प्रकार का विभाजन न होने देने के प्रयास किए गए।

चंपई सोरेन का यह निर्णय उनके समर्थकों और झारखंड की राजनीतिक परिस्थितियों पर क्या प्रभाव डालेगा, यह देखना दिलचस्प होगा। निश्चित रूप से, जेएमएम और भाजपा दोनों ही आगामी चुनावों के लिए तैयारियों में जुट गए हैं। इस घटनाक्रम ने झारखंड की राजनीतिक स्थिति को और भी रोचक बना दिया है।

भाजपा की तैयारियाँ

भाजपा ने चंपई सोरेन के इस कदम का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि उनके साथ आने से पार्टी को मजबूती मिलेगी और झारखंड में पार्टी की राजनीतिक स्थिति में सुधार होगा। इस अवसर पर अन्य प्रमुख नेताओं ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए और स्वागत समारोह में गणमान्य लोगों की भारी भीड़ दिखाई दी।

आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को एक अनुभवी नेता के रूप में चंपई सोरेन का समर्थन प्राप्त होना एक महत्वपूर्ण चाल साबित हो सकता है। उनके आने से लोगों के बीच भाजपा का समर्थन और भी बढ़ सकता है।

भविष्य की रणनीति

इस बदलाव के साथ, दोनों दलों की रणनीतियां भी बदलेंगी। भाजपा के लिए यह एक अच्छा अवसर है, जबकि जेएमएम को नए सिरे से अपनी रणनीति बनानी होगी। यदि चंपई सोरेन भाजपा की नीतियों से संतुष्ट हो जाते हैं तो यह परिवर्तन कई और नेताओं को भी प्रभावित कर सकता है।

आखिरकार, झारखंड की राजनीति में चंपई सोरेन का यह कदम एक महत्वपूर्ण मोड़ है। आने वाले समय में यह देखना होगा कि इस परिवर्तन का परिणाम क्या होता है और इससे राज्य की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है।


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विकास शर्मा

विकास शर्मा

मैं एक प्रतिष्ठित पत्रकार और लेखक हूँ, जो दैनिक खबरों से जुड़े मुद्दों पर लिखना पसंद करता हूँ। मैंने कई प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों में कार्य किया है और मुझे जनता को सही और सटीक जानकारी प्रदान करने में खुशी मिलती है।

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