दिल्ली हाई कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित, शराब नीति घोटाले पर टिकी नजरें

दिल्ली हाई कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित, शराब नीति घोटाले पर टिकी नजरें

दिल्ली हाई कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित, शराब नीति घोटाले पर टिकी नजरें

जुलाई 31, 2024 इंच  राजनीति विकास शर्मा

द्वारा विकास शर्मा

दिल्ली हाई कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य आरोपियों की जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रखा है। यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं से संबंधित है। इस मामले में केजरीवाल के साथ ही उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और 13 अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भी अभियोग पत्र दाखिल किया गया है।

सीबीआई ने 18 जुलाई 2024 को आरोपियों को गिरफ्तार किया था और तब से वे न्यायिक हिरासत में हैं। सीबीआई का आरोप है कि केजरीवाल की सरकार ने शराब लाइसेंस धारकों को अवैध रूप से लाभ पहुंचाया, जिससे सरकार को 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

मामले की सुनवाई: दोनों पक्षों की दलीलें

सुनवाई के दौरान, केजरीवाल के वकील ने तर्क दिया कि मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई प्रथम दृष्टया मामला नहीं है और सीबीआई द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। वकील ने यह भी आरोप लगाया कि सीबीआई ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है और जांच राजनीतिक रूप से प्रेरित है।

दूसरी ओर, सीबीआई ने यह दावा किया कि केजरीवाल और अन्य आरोपियों ने शराब लाइसेंस धारकों को अनधिकृत लाभ प्रदान किया, जिससे सरकार को भारी नुकसान हुआ। सीबीआई के अनुसार, इस नीति के परिणामस्वरूप सरकारी खजाने को 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है जो कि बहुत गंभीर मामला है।

कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रखा है। अब न्यायालय द्वारा निर्णय लिए जाने का इंतजार है, जो केजरीवाल और उनकी सरकार के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।

आबकारी नीति विवाद का विस्तार

यह मामला दिल्ली सरकार द्वारा शुरू की गई नई आबकारी नीति से संबंधित है, जिसे 2021-22 में लागू किया गया था। इस नीति का उद्देश्य राज्य में शराब बिक्री की प्रणालियों को सुधारना और इसे अधिक पारदर्शी बनाना था। हालांकि, विपक्षी दल और सिविल सोसाइटी ने इस नीति पर शुरू से ही सवाल उठाए थे।

आरोप है कि इस नीति के तहत कुछ शराब व्यापारियों को विशेष लाभ दिया गया और नियमों की अनदेखी की गई। खासकर कुछ बड़े शराब वितरकों को लाइसेंस देने में अनियमितता के आरोप लगे हैं। इससे संबंधित आरोपियों पर भ्रष्टाचार और आपराधिक षड्यंत्र से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

राजनीतिक पृष्ठभूमि

दिल्ली की राजनीति में यह मामला और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी (AAP) ने हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। यह मामला उनकी छवि को नुकसान पहुंचा सकता है और उनकी सरकार के राजनीतिक भविष्य पर असर डाल सकता है।

विपक्षी दल, विशेषकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस, इस मुद्दे को लेकर केजरीवाल और AAP सरकार की आलोचना कर रही हैं। उन्होंने सरकार की नीतियों और निर्णयों पर सवाल उठाए हैं और इस मामले को जनता के बीच में जोर-शोर से उठाया है।

न्यायालय का निर्णय और संभावित प्रभाव

न्यायालय का अंतिम निर्णय इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यदि जमानत याचिका मंजूर हो जाती है तो यह केजरीवाल और उनकी सरकार के लिए राहत की बात होगी। अन्यथा, इस मामले में कानूनी प्रक्रिया और भी जटिल हो सकती है और उनकी सरकार को कमजोर कर सकती है।

जमानत याचिका का निर्णय आने के बाद, इस केस की आगे की सुनवाई और संभावित निर्णय को लेकर सभी की नजरें इस पर टिकी होंगी।


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विकास शर्मा

विकास शर्मा

मैं एक प्रतिष्ठित पत्रकार और लेखक हूँ, जो दैनिक खबरों से जुड़े मुद्दों पर लिखना पसंद करता हूँ। मैंने कई प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों में कार्य किया है और मुझे जनता को सही और सटीक जानकारी प्रदान करने में खुशी मिलती है।

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