डीमार्ट शेयरों में गिरावट और त्वरित वाणिज्य की चुनौतियां
भारत के प्रमुख रिटेलर डीमार्ट ने हाल ही में अपनी दूसरी तिमाही के वित्तीय परिणाम जारी किए, जिसके बाद इसके शेयरों में 9% की उल्लेखनीय गिरावट आई। कंपनी ने दूसरी तिमाही में 710.37 करोड़ रुपये का स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जो साल-दर-साल 8% की वृद्धि है। हालांकि, तिमाही-दर-तिमाही तुलना में, प्रॉफिट अफटर टैक्स (PAT) 12% गिर गया।
कंपनी की संचालन से होने वाली आय 14,050.32 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो पिछले साल की इसी अवधि से 14% की वृद्धि है। हालांकि, इस सार्थक वृद्धि के बावजूद, कई ब्रोकरेज फर्मों ने डीमार्ट के शेयरों को 'डाउंग्रेड' कर दिया है। फर्मों ने 'लाइक-फॉर-लाइक' (LFL) मॉडरेशन और बढ़ती लागत के कारण परिणामों पर प्रभाव देखा।
ऑनलाइन प्रतिस्पर्धा का दबाव
डीमार्ट के बड़े मेट्रो स्टोर्स पर ऑनलाइन प्रतिस्पर्धा का दबाव स्पष्ट है। कई ई-कॉमर्स कंपनियां त्वरित वाणिज्य के मॉडल को अपनाते हुए ग्राहकों को अधिक सुविधा प्रदान कर रही हैं। जेपी मॉर्गन ने 'ओवरवेट' से 'न्यूट्रल' के लिए डीमार्ट के स्टॉक की रेटिंग को डाउंग्रेड किया और लक्ष्य मूल्य को 4,700 रुपये तक घटा दिया।
डीमार्ट ने अब तक मूल्य आधारित खुदरा को प्राथमिकता दी है और स्टोर्स की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया है। उनहोंने त्वरित डिलीवरी मॉडल की बजाय नए स्टोर खोलने की रणनीति को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है।
नेविल नरोन्हा की रणनीति
कंपनी के सीईओ और प्रबंध निदेशक नेविल नरोन्हा ने कहा है कि डीमार्ट का लक्ष्य त्वरित वाणिज्य की लोकप्रियता के बावजूद अपने स्टोरों की संख्या बढ़ाना है। कंपनी अगले वित्तीय वर्ष में 45 स्टोर खोलने की योजना बना रही है, जिसका मध्यम अवधि का लक्ष्य प्रतिवर्ष 45-60 स्टोर खोलना है।
डीमार्ट का विचार त्वरित वाणिज्य के विपरीत, निष्प्रभावी कीमतों के बजाय स्थायित्व और ग्राहकों की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करना है। कंपनी मानती है कि त्वरित वाणिज्य सुविधा प्रदान करता है लेकिन अनिवार्य रूप से हर ग्राहक के लिए आकर्षक नहीं है। कंपनी की प्राथमिकता अधिक स्टोर जबड़ा पर खोलनी है जिससे ग्राहकों को अधिक सुविधाएं मिलें।
निवेशकों के लिए संदेश
निवेशकों के लिए यह संदेश स्पष्ट है कि डीमार्ट अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों के प्रति समर्पित है। हालांकि शेयर बाजार की उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए कंपनी की योजनाओं को पुनः समीक्षा किया जा रहा है। निवेशकों को डीमार्ट की दीर्घकालीन दृष्टिकोण के साथ इसके भविष्य की योजना का हिस्सा बनने पर पुनर्विचार करना चाहिए।
Arya Darmawan
16 अक्तूबर 2024ये तो साफ़ बात है कि डीमार्ट लंबे समय तक चलने वाली बिज़नेस मॉडल पर भरोसा कर रहा है! ऑनलाइन गैंग तो जल्दी फूट पड़ते हैं, लेकिन असली ग्राहक वो होते हैं जो दुकान में जाकर चीज़ें छूकर खरीदते हैं। इनकी स्टोर नेटवर्क अभी भी भारत के छोटे शहरों में अनोखी है। अगले 5 साल में ये बड़ा नाम बन जाएगा। बस थोड़ा और धैर्य रखो! 😊
Raghav Khanna
16 अक्तूबर 2024डीमार्ट के वित्तीय परिणामों का विश्लेषण करने पर, एक स्पष्ट रुझान दिखता है कि कंपनी अपनी दीर्घकालिक रणनीति को अल्पकालिक बाजार दबाव के बावजूद बनाए रखने का निर्णय ले रही है। यह एक अत्यंत विवेकपूर्ण और नेतृत्वपूर्ण दृष्टिकोण है, जो अन्य वित्तीय संस्थानों के लिए एक उदाहरण हो सकता है। निवेशकों को इस दृढ़ता को समझना चाहिए।
Rohith Reddy
17 अक्तूबर 2024लोग ये नहीं समझते कि ये सब बातें बस धुंधली धोखा है जो बड़े बिज़नेस घरानों ने बनाया है ताकि छोटे दुकानदारों को बर्बाद कर सकें। त्वरित डिलीवरी क्यों नहीं? क्योंकि वो जल्दी से ग्राहक बनाती है और डीमार्ट के पास नहीं है ताकत। अब ये स्टोर बढ़ा रहा है तो अगला चरण होगा शहरों को लूटना और लोगों को अपने घरों में बंद कर देना। जल्दी निकलो इस बाजार से
Vidhinesh Yadav
18 अक्तूबर 2024मैं समझती हूँ कि डीमार्ट अपने स्टोर्स पर फोकस कर रहा है, लेकिन क्या ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि ये स्टोर वास्तव में ग्राहकों की ज़रूरतों के अनुकूल हैं? क्या उनके पास वो चीज़ें हैं जो लोग चाहते हैं? क्या वो बुजुर्गों और घर पर रहने वालों के लिए भी सुविधाजनक हैं? मैं ये जानना चाहूँगी कि इन स्टोर्स के लिए ग्राहकों की आवश्यकताओं का क्या अध्ययन किया गया है?
Puru Aadi
19 अक्तूबर 2024ये तो बहुत बढ़िया है! बाजार उतार-चढ़ाव के बीच भी अपनी राह बनाने वाला एक असली ब्रांड है। मैं तो अपने शहर में डीमार्ट की दुकान जाता हूँ और वहां का अनुभव बहुत अच्छा होता है। ऑनलाइन वाले बस डिस्काउंट देकर लोगों को फंसाते हैं। असली वैल्यू तो अच्छी सेवा और स्टॉक में उपलब्धता में है। 👍