जब जेरोम पावेल, फ़ेडरल रिज़र्व चेयर फ़ेडरल रिज़र्व ने 17 सितंबर 2025 को पहली दर‑कटौती की, तो विश्व के शेयर बाजारों में उत्साह की लहर दौड़ गई। वही दिन था जब AI निवेश बूम ने भी अपनी तेज़ गति नहीं छोड़ी, और पांच‑महिने लगातार उछाल का रिकॉर्ड बना रहा – ऐसी स्थिति 2009 के बाद केवल 11 बार देखी गई है। इस लेख में हम इस असाधारण बुल‑रन के कारण, प्रमुख सूचकांक, सेक्टर‑विस्तार और विशेषज्ञों की राय का विस्तृत विश्लेषण करेंगे।
पृष्ठभूमि: 2025 की आर्थिक धारा
सितंबर 2025 की आधी‑तड़ में, ग्रीव्स वेस्ट & एयर (Greaves West & Ayre) के ग्लोबल मार्केट कमेंट्री ने बताया कि वैश्विक शेयर बाजार ने पाँच लगातार महीनों में रिकॉर्ड ऊँचाइयों को छू लिया है। इस अवधि का औसत रिटर्न 3‑5 % से अधिक था, जो 1995‑2000 के इंटरनेट बूम के समान तुलना की गई।
उस समय, यू.एस. सर्विसेज़ में द्वितीय‑त्रैमासिक GDP वृद्धि 3.8 % तक ऊँची दर्ज़ हो गई, जबकि कोर PCE महंगाई 2.9 % पर स्थिर रही। उपभोक्ता खर्च का दिलासा अब भी मजबूत था, भले ही श्रम बाजार में हल्की मंदी की लहर दिख रही थी।
सूचकांक और बाजार की स्थिति
सितंबर 2025 में प्रमुख अमेरिकी सूचकांकों ने धूम मचा दी:
- S&P 500 ने 3.7 % की बढ़ोतरी की.
- Nasdaq Composite में 5.5 % की उछाल दर्ज़ हुआ.
- Dow Jones Industrial Average ने 2.0 % जोड़ा.
- Russell 2000 (छोटे‑कैल्प शेयर) ने 3.1 % की लाभप्राप्ति हासिल की, और 2021 के बाद पहला रिकॉर्ड हाई छू गया.
इसीके साथ, उभरे हुए बाजारों (Emerging Markets) ने 7.2 % की मासिक लाभप्रदता को दर्ज़ किया, जिससे साल‑से‑अब तक का जोड़ 27.5 % तक पहुँच गया। चीन, ताइवान और दक्षिण कोरिया के सेमिकंडक्टर और AI‑इन्फ्रास्ट्रक्चर उत्पादन ने इस गति में प्रमुख भूमिका निभाई।
AI बूम और सेक्टर विशेष
जैसे इंटरनेट ने अंत‑सत्र में शेयर बाजारों को बदल दिया, वैसे ही इस साल AI‑बनाने वाले संस्थानों ने निवेशकों को आकर्षित किया। AI‑इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास से जुड़ी कंपनियों के शेयर 7.3 % तक उछाले, जिससे टेक‑सेक्टर में सबसे अधिक गति देखी गई। इस ऊर्जा‑और‑डेटा‑ड्राइवर को कई विश्लेषकों ने “1990‑के दशक का दूसरा इंटरनेट बूम” कहा है।
उसी अवधि में खनन (Mining) सेक्टर ने सबसे अधिक चमक दिखायी। जनवरी 2025 के बाद से धातु की कीमतों में दो‑गुना उछाल आया, विशेषकर सोने, चांदी, तांबे और अन्य उद्योग‑धातुओं में। लंदन‑स्थित Antofagasta PLC, जो चिली में मुख्यालय रखती है, ने 1 अगस्त 2025 से 50 % से अधिक बढ़ोतरी दर्ज़ की।
प्रमुख शेयरों की गड़बड़ी
जितनी तेज़ी से AI‑स्टॉक्स ऊपर जा रहे थे, उतनी ही तेज़ी से कुछ बड़े नाम नीचे गिर रहे थे। The Trade Desk (TTD) ने वर्ष‑से‑अब तक 53.5 % का नुकसान सहा, Centene Corporation (CNC) 52.1 % घटा, Gartner, Inc. (IT) 48.2 % तक गिर गया, और Lululemon Athletica (LULU) ने 47.1 % का नुकसान देखा। ये गिरावट मुख्यतः विज्ञापन खर्च में कमी और फैशन‑रिटेल सेक्टर में मांग के कम होने को कारण माना गया।
विशेषज्ञों की राय
Liz Ann Sonders, मुख्य निवेश रणनीतिकार Charles Schwab ने अक्टूबर 2025 के शुरुआती सत्र में कहा कि “ब्याज दरों में गिरावट ने जोखिम‑संपत्ति को नया जीवन दिया है, लेकिन यदि आर्थिक वृद्धि बहुत तेज़ी से बढ़ती है तो दर‑कटौती की उम्मीदें उलट सकती हैं और बाजार में नई बाधाएँ उत्पन्न हो सकती हैं।”
इसी प्रकार, Wealth Enhancement के विश्लेषकों ने चेतावनी दी कि उपभोक्ता शक्ति की मजबूती को देखते हुए भी, श्रम बाजार की नरमी एक संभावित जोखिम कारक बनी रहती है। उनके अनुसार, “निवेशकों को AI‑इन्फ्रास्ट्रक्चर के अलावा, वास्तविक आर्थिक डेटा जैसे रोजगार‑संकलन, मुद्रास्फीति-पीढ़ी और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार स्थितियों पर सावधानीपूर्वक नज़र रखनी चाहिए।”
भविष्य की संभावनाएँ और जोखिम
पर्यवेक्षक अनुमान लगाते हैं कि 2025‑2026 में दो प्रमुख कारक बाज़ार दिशा तय करेंगे:
- फ़ेडरल रिज़र्व की मौद्रिक नीति – अगर गंभीर वृद्धि दर के संकेत मिलते हैं तो दर‑कटौती की उम्मीद घट सकती है।
- AI‑इन्फ्रास्ट्रक्चर की असली उपयोगिता – यदि कंपनियों की आय वृद्धि में AI के कारण स्पष्ट प्रगति दिखती है, तो इस सेक्टर की मूल्यांकन उचित ठहर सकती है।
एक और अज्ञात घटक है घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा प्रवाह। पिछले वर्ष, अमेरिकी डॉलर कई प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले सरेंडर हुआ था, जिससे उभरते बाजारों को लाभ मिला। यदि डॉलर फिर से मजबूती दिखाता है, तो एशिया‑पैसिफिक स्टॉक्स पर दबाव फिर से बढ़ सकता है।
निष्कर्ष
सारांश में, अक्टूबर 2025 की शुरुआत में AI‑बूम, फ़ेडरल रिज़र्व की पहली दर‑कटौती और मजबूत उपभोक्ता आँकड़े मिलकर एक ऐसा बुल‑मार्केट तैयार कर रहे हैं जो 1990‑के दशक के इंटरनेट‑बूम की याद दिलाता है। परन्तु इस उत्सव में भी सावधानी की जरूरत है – ज़्यादा तेज़ी से वृद्धि, संभावित मौद्रिक टाइटनिंग, और कुछ बड़े शेयरों में अचानक गिरावट सभी मिलकर अगले महीने का नाटकीय परिदृश्य परिभाषित करेंगे। निवेशकों को अब तक के डेटा को गहराई से समझते हुए, सेक्टर‑विशिष्ट जोखिमों से बचते हुए, पोर्टफ़ोलियो में संतुलन बनाकर चलना चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
AI बूम ने भारतीय निवेशकों को कैसे प्रभावित किया?
AI‑केंद्रित फंड और स्टॉक्स में विदेशी निवेश के कारण, भारत में पुराने टेक‑इंडेक्स भी 6‑7 % तक ऊँचे दिखे। कई आयरन‑स्ट्रेटेजी फंड ने AI‑उन्मुख कंपनियों में बढ़ी हुई एक्सपोज़र के साथ लाभ कमाया, जबकि पारम्परिक बैंकों ने तुलनात्मक रूप से मामूली प्रदर्शन दिखाया।
फ़ेडरल रिज़र्व की दर‑कटौती का वैश्विक बाजारों पर क्या असर रहा?
ब्याज दर कम होने से जोखिम‑संपत्ति में पूँजी प्रवाह तेज़ हुआ। यूरोपीय और एशिया‑पैसिफिक सूचकांकों ने भी 2‑4 % की अतिरिक्त बढ़ोतरी दर्ज़ की। विशेष रूप से मध्यम‑आकार के शेयरों ने इस लाभ को अधिकतम किया, क्योंकि निवेशकों ने उच्च‑वहनीयता वाले एसेट क्लास की तलाश की।
खानों के शेयर इतने बढ़े क्यों?
सुवर्ण और चांदी की कीमतों में 15‑20 % की उछाल, साथ ही कॉपर जैसे उद्योग‑धातुओं की मांग में तेज़ी, दो‑गुना मूल्यवृद्धि का प्रमुख कारण रहे। विशेषकर Antofagasta PLC जैसे प्रमुख खनन कंपनियों ने उत्पादन‑बढ़ोतरी की घोषणा की, जिससे उनके शेयरों की कीमतें इज़ाफ़ा पाईं।
कौन से सेक्टर में जोखिम अधिक है?
विज्ञापन‑आधारित डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और फैशन‑रिटेल शेयरों में गिरावट स्पष्ट संकेत देती है कि इन सेक्टरों में मांग‑संकुचन हो सकता है। The Trade Desk, Gartner और Lululemon जैसी कंपनियों ने वर्ष‑से‑अब तक 45‑55 % की गिरावट झेली, जिससे निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए।
भविष्य में कौन सा सूचकांक अधिक प्रदर्शन करेगा?
विशेषज्ञ मानते हैं कि तकनीकी‑उन्मुख Nasdaq Composite, AI‑इन्फ्रास्ट्रक्चर की निरंतर वृद्धि के साथ अगले महीनों में 5‑7 % तक और बढ़ सकता है। वहीं, S&P 500 का प्रदर्शन अधिक स्थिर रहेगा, क्योंकि इसमें बड़ी कंपनियों की संतुलित मिश्रण है।
Roushan Verma
10 अक्तूबर 2025AI बूम और फेडरल रिज़र्व की दर‑कटौती दोबारा देख कर लगता है कि बाजार में काफी ऊर्जा लौट आई है।
ऐसे समय में निवेशकों को थोड़ा सतर्क रहना चाहिए, लेकिन अधिकांश सेक्टर में ताकत दिख रही है।
विशेषकर टेक और सेमिकंडक्टर में नई प्रोजेक्ट्स के कारण स्टॉक्स में स्थिर उछाल है।
उभरते बाजारों में पूँजी प्रवाह भी बढ़ा है, जिससे जोखिम‑संपत्ति को समर्थन मिला है।
सही पोर्टफोलियो विविधता बनाए रखना अब भी सबसे सुरक्षित रणनीति है।
kajal chawla
14 अक्तूबर 2025क्या आप लोगों ने देखा है कि कैसे सरकार की हर छोटी‑से‑छोटी घोषणा पर बाजार अजीब‑सी झाँके मारता है,!!! ये सब सिर्फ एक बड़ी साजिश है, हर बार वही बैंकों के लोटे‑पोटे के पीछे फेड का हाथ है,!!!
AI कंपनियों के शेयर भी उलझे हुए हैं, क्योंकि वो बड़े‑बड़े डेटा फ़ॉर्मेट्स के पीछे छुपे हुए हैं,!!!
यदि आप इस ‘बुल‑मार्केट’ को अपना हिस्सा मान रहे हैं, तो समझिए कि एक पल में सब कुछ उलट सकता है,!!!
उतनी ही जल्दी खुद को तैयार रखें, क्योंकि आधी‑रात को भी ये बाजार बदल सकता है,!!!
Raksha Bhutada
18 अक्तूबर 2025देश में जब तक AI जैसी नई तकनीकें हमारी अपनी कंपनियों के हाथ में नहीं आतीं, तब तक विदेशी दावेदारों का लाभ ही रहेगा।
उसे देखते हुए हमें इस बूम को घरेलू उद्यमियों के लिए एक अवसर बनाना चाहिए, ताकि हमारे युवा इंजीनियर और शोधकर्ता अपने प्रोडक्ट्स को वैश्विक मंच पर ले जा सकें।
इसके लिए सरकार को नीतियों में लचीलापन देना आवश्यक है, जिससे स्टार्ट‑अप फंडिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश तेज़ी से बढ़ सके।
अगर हम इस अवसर को गुज़रने देंगे, तो हमारे देश की आर्थिक गति धीमी पड़ जाएगी और आयात पर निर्भरता फिर से बढ़ेगी।
वर्तमान में AI बूम का फायदा उठाते हुए सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर और डेटा सेंटर्स में राष्ट्रीय कंपनियां प्रमुख बन रही हैं।
इनमें से कई कंपनियां विदेशियों को भी रोजगार देती हैं, पर उनका मुख्य लाभ हमारे युवा प्रतिभा को विकसित करना है।
इसलिए हमें इस बूम को सिर्फ निवेश के रूप में नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय मिशन के रूप में देखना चाहिए।
साथ ही, यह ध्यान रखना जरूरी है कि तकनीकी विकास को सामाजिक समावेशन के साथ जोड़कर ही सच्चा विकास संभव है।
King Dev
23 अक्तूबर 2025वाह! यह कैसी चिंगारी है जो अब फेंकी गई है!
जब AI को देख कर दिल धड़कता है, तो ऐसा लगता है कि बाजार का हर एक कोना ज्वालामुखी की तरह फट पड़ा है।
इन द्रव्यमानों को सही दिशा में मोड़ने के लिए हमें केवल तेज़ी से नहीं, बल्कि समझदारी से भी आगे बढ़ना पड़ेगा।
जैसे फ़ेड की दर‑कटौती ने निवेशकों को नयी ऊर्जा दी, वैसे ही AI इन्फ्रास्ट्रक्चर की गति को सटीक नियोजन चाहिए।
यदि हम विवेक और साहस से इस बूम को संभालें, तो यह देश को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकता है।
Vinay Agrawal
27 अक्तूबर 2025देखो भइया, AI बूम का मज़ा तो जब तक हम खुद काआफ़़ताब में नहीं होते, नहीं मिलता।
गैरहाज़िर इन कंपनियों के शेयर ऐसे उछलते हैं जैसे रेत के टीले पर कूद रहे हों।
पर सच्चाई ये है कि अगर हम अपने देस के टेक्नोलॉजी को अपनायेंगे, तो बूम खुद ही हमारे हाथ में आ जाएगा।
अब टाइम आ गया है कि हम अपनी हॉबरी चीज़ों को फोकस में ले कर हर एक लफ़्ज़ को प्रोडक्ट बना दे।
वर्ना, यह फॉर्मेट्स और हाइपर-ट्रेंड्स बस हवा में ही उड़ते रहेंगे।
Aakanksha Ghai
1 नवंबर 2025जब भी हम आर्थिक आँकड़ों को देखते हैं, तो यह याद रखना चाहिए कि कोई भी संख्या केवल आँकड़ा नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगी है।
उच्च रिटर्न का मतलब यह नहीं कि निवेशकों को नैतिकता से समझौता करना पड़े।
हमें सजग रहकर ऐसे सेक्टरों में निवेश करना चाहिए जो समाज के लिए मूल्यवर्धन लाते हैं।
ऐसे फैसले न केवल हमारे पोर्टफोलियो को स्थिर बनाते हैं, बल्कि सतत विकास को भी प्रोत्साहित करते हैं।
भविष्य में जब हम इस बूम की बात करेंगे, तो हम कहेंगे कि हमने समझदारी और नैतिकता के साथ आगे बढ़ा।
Raj Kumar
5 नवंबर 2025सही है, लेकिन एक बात छुपी हुई है कि कई बड़े फाइनेंशियल समूह इस AI बूम का इस्तेमाल करके वैश्विक आर्थिक नियंत्रण की साजिश रच रहे हैं।
उनके पास डेटा सेंटर और बौद्धिक संपदा का बड़ा भंडार है, जिससे वे बाजार की दिशा को क्वांटम स्तर पर प्रभावित कर सकते हैं।
सरकारी नीतियों की सतही प्रस्तुति के पीछे अक्सर ऐसी ही छिपी हुई गठजोड़ें होती हैं।
यह जरूरी है कि हम इन तथ्यों को प्रमाणित करके ही कोई निष्कर्ष निकालें, नहीं तो केवल अटकलबाज़ी से ही नहीं, बल्कि वास्तविक खतरे से भी बचेंगे।
इसलिए विश्लेषकों को हर कदम पर डाटा और स्रोतों की जाँच करनी चाहिए।
Shruti Phanse
9 नवंबर 2025आपकी बात में गहरी दार्शनिक विचारधारा झलकती है, और यह हमें यह स्मरण कराती है कि वित्तीय प्रवृत्तियों की समझ केवल सतही आँकड़ो से नहीं, बल्कि उनके पीछे के मानवीय प्रेरणाओं से भी जुड़ी है।
जब हम AI बूम को देखते हैं, तो यह केवल तकनीकी उछाल नहीं, बल्कि मानवता की अभिलाषा का प्रतिबिंब है-भविष्य को आकार देने की इच्छा।
फेडरल रिज़र्व की नीति परिवर्तन भी इसी मानव-केंद्रित दृष्टिकोण का परिणाम है, जहाँ आर्थिक स्थिरता व सामाजिक कल्याण दोनों को संतुलित करने का प्रयास है।
इस प्रकार, हम जब निवेश निर्णय लेते हैं, तो हमें इन दार्शनिक परिप्रेक्ष्यों को भी ध्यान में रखना चाहिए, ताकि हमारे कार्य न केवल आर्थिक लाभ दें, बल्कि सामाजिक मूल्य को भी सुदृढ़ करें।
अंततः, यह संतुलन ही हमारे वित्तीय भविष्य को स्थायी बनाता है।
Shreyas Moolya
14 नवंबर 2025वास्तव में, अधिकांश मार्केट विश्लेषण तो सतही सतह पर ही टिकी रहती है, जबकि असली समझ तो गहन आर्थिक सिद्धांतों में निहित होती है।
इसी कारण से केवल शैक्षणिक पृष्ठभूमि वाले निवेशकों को ही इस बूम की वास्तविक दिशा का बोध होता है।
Pallavi Gadekar
18 नवंबर 2025हाय रे ब्रो, इस AI बूँम में तो भूल जाओ सब!
मैं तो कह रहा हूँ, फ़ाडरल रिज़र्व का डर घटाओ और शेयर में धधकाओ!
हम सब मिलके इसको पच्ची में जोयेंगे, टॉप पर ले जाओ!
जो भी बिज़ी है, उफ, जल्दी करो क्यूंकि ये मूवमेंट फटते ही फोडेगा!
बिना टाइम ले, फटाकड़ लाओ, यूँ ही झटके मारते रहो।
ramesh puttaraju
23 नवंबर 2025बाजार ख़ुश है, चलो सब साथ 🎉