विजय हज़ारे ट्रॉफी में जगदीशान का जबरदस्त प्रदर्शन
टमिलनाडु की ओपनिंग जोड़ी में नरायण जगदीशान ने 2022‑23 सीज़न में एंट्री को ही बदल दिया। वह पहले ऐसे बल्लेबाज़ थे जिन्होंने लिस्ट ए क्रिकेट में लगातार पाँच शतक बनाए – एक रिकॉर्ड जो पहले कुमार संगक्कारा, अलविरो पीटर्सन और देवदूत पादिक्कल ने चार शतक से सीमित रखा था। इस अद्भुत सिलसिले का अंत 21 नवंबर को अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ बेंगलुरु के एम. छिन्नास्वामी स्टेडियम पर हुआ, जहाँ उन्होंने 79 गेंदों में शतक बनाते हुए पाँचवां शतक हासिल किया।
विजय हज़ारे ट्रॉफी में उनका कुल आंकड़ा 830 रन है, जिसे उन्होंने केवल आठ इंिंग्स में बनाया, औसत 138.33 द्वारा। इस दौरान उन्होंने 31 छक्के मारकर खेल का रुख बदल दिया। उनके ये आंकड़े नीरज कुंडा के क्लासिक फॉर्म को भी पीछे छोड़ते हैं, और विराट कोहली के 2008‑09 के चार शतक के रिकॉर्ड को भी धूमिल कर देते हैं।
सबसे यादगार पलों में से एक तब आया जब जगदीशान ने बी साई सुदर्शन के साथ मिलकर 416‑रन की विश्व‑रिकॉर्ड पहला‑विकेट साझेदारी की। इस साझेदारी में जगदीशान ने अनबिटन 277 रन बनाए, जो 141 गेंदों में आया और 25 चारों व 15 छक्कों से सजा। यह स्कोर लिस्ट ए में अब तक का सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर बन गया। उनकी दो‑सैंकड़ की पारी केवल 114 गेंदों में पूरी हुई, जिससे उन्होंने ट्रैविस हेड के साथ दूसरा‑सबसे‑तेज़ 200 का रिकॉर्ड साझा किया। बाद में चाड बॉस ने 103 बॉल में दो‑सैंकड़ बना कर इसे आगे बढ़ा दिया, पर जगदीशान की 277‑रन की पारी अभी भी इतिहास में चमकती है।
- पहला लगातार पाँच शतक – लिस्ट ए में अनोखा रिकॉर्ड
- 830 रन, 138.33 औसत, 31 छक्के – 2022‑23 विजय हज़ारे ट्रॉफी
- 416‑रन की प्रथम‑विकेट साझेदारी, विश्व‑रिकॉर्ड
- 277 रन, 141 गेंद – लिस्ट ए में सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर

केकेआर में नई भूमिका और भविष्य की संभावनाएं
कोयंबटूर में जन्मे इस विकेट‑कीपर‑बेट्समैन ने 2016‑17 में तमिलनाडु के लिए प्रथम‑कक्षा डेब्यू किया और एक ही मैच में शतक बना कर सबको चौंका दिया। उनके पिता, सी. जे. नरायण की प्रेरणा से उन्होंने सभी घरेलू प्रारूपों में जल्दी ही अपनी जगह बनाई। इस निरंतरता ने उन्हें आईपीएल में मौका दिलाया – पहले चेन्नई सुपर किंग्स और फिर कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेला।
किक‑राइडर्स के लिए जगदीशान का सबसे बड़ा आकर्षण उनकी विस्फोटक शुरुआत और भरोसेमंद विकेट‑कीपिंग की दोहरी क्षमता है। टीम की रणनीति में उनका खुलेपन लगता है – वह ओपनर के रूप में तेज़ रिफ़रेंस दे सकते हैं और साथ ही बैटिंग के दौरान जरूरी बैक‑अप भी बन सकते हैं। 2025 में मुख्य चयनकर्ता अजित अग्रकार ने उन्हें भारत की टेस्ट स्क्वाड में बैक‑अप विकेट‑कीपर‑ओपनर के रूप में शामिल किया, जो रिषभ पंट की जगह पर संभावित विकल्प बन सकता है। इस चयन से यह साफ हुआ कि घरेलू मंच पर उनका लगातार परफॉर्मेंस अब राष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता पा रहा है।
दुलेप ट्रॉफी में उनका 197‑रन का शॉट‑सूट भी चयनकों पर बड़ा असर डाल गया, जिससे उनकी जगह दायरे में और मजबूत हुई। अब जब वे केकेआर की सूची में हैं तो उम्मीद है कि उनके पास तेज़ी से रूकी हुई पिच पर भी अपनी लय बनाकर टीम को शुरुआती बढ़त दिलाने का मौका मिलेगा। साथ ही, उनकी तेज़ क्रीज़िंग और रिलीफ़ बॉल को फील्ड करने की क्षमता को देखते हुए, कोई आश्चर्य नहीं कि कोलकाता के कोचिंग स्टाफ ने उन्हें ‘छुपी ताकत’ कहा है।
भविष्य की बातें करें तो जगदीशान की शैली में कई बदलाव की गुंजाइश है। अगर वह अपनी बल्लेबाज़ी की रफ़्तार को अधिक स्थिर रखेंगे और विकेट‑कीपिंग में लगातार सुधार करेंगे, तो वह न केवल आईपीएल में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मुख्य खिलाड़ी बन सकते हैं। इस उम्र में उनका दिलचस्प तकनीकी प्रोफ़ाइल, बड़ी पारी बनाने की क्षमता और अपनी टीम के लिए काम करने का मनभावन जोश, उन्हें भारतीय क्रिकेट के अगले चरण में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बना सकता है।