आपने कभी सोचा है कि आकाश से कूदते हुए जमीन पर सुरक्षित उतरना कितना दिलधड़ाने वाला होता है? भारत में अब यह सपना कई लोगों ने जीना शुरू कर दिया है। चाहे आप नौसिखिया हों या अनुभवी, पैराशूटिंग के लिए सही जानकारी होना ज़रूरी है। इस पेज पर हम आपको नवीनतम ख़बरें, ट्रेनिंग टिप्स और देश के सबसे अच्छे स्पॉट्स बताने वाले हैं।
पिछले दो वर्षों में भारत में पैरासूट क्लबों की संख्या दोगुनी हुई है। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और पुणे जैसे बड़े शहरों में अब प्रोफेशनल स्काइडाइव सेंटर खुले हैं। इन केंद्रों में लाइसेंस्ड इन्स्ट्रक्टरों के साथ शुरुआती कोर्स उपलब्ध होते हैं, जिससे कोई भी सुरक्षित रूप से सीख सकता है। कई युवा लोग इस एड्रेनालिन भरपूर खेल को करियर बनाना चाहते हैं और एयरफ़ोर्स की पैराशूटिंग अकादमी में भर्ती हो रहे हैं।
पहला कदम – हमेशा प्रमाणित सेंटर चुनें। दूसरा – सही गियर इस्तेमाल करें, जैसे कि दो-परत वाला पैराशूट और हेलमेट। तीसरा, नज़र जमीन पर रखें और खुली हवा में स्थिर रहना सीखें। इन बातों का पालन करने से दुर्घटना की संभावना कम हो जाती है। अगर आप पहली बार कूद रहे हैं तो ड्यूल‑पैराच्यूट सिस्टम चुनें; यह दो पैराशूट के साथ आता है, एक मुख्य और दूसरा बैकअप।
भारत में सबसे लोकप्रिय डाइव स्पॉट्स में हिमाचल प्रदेश का रोनिंग हिल, राजस्थान का जैसलमेर रेगिस्तान, और कर्नाटक का कोडैकन शामिल हैं। इन जगहों पर मौसम साफ रहता है और दृश्य अद्भुत होते हैं – नील गगन के नीचे नीला समुद्र या बर्फ़ीले पहाड़ देख सकते हैं। याद रखें, बारिश या तेज़ हवा में डाइव नहीं करना चाहिए।
अगर आप प्रतियोगिता स्तर की तैयारी कर रहे हैं तो राष्ट्रीय पैराशूटिंग चैंपियनशिप पर नज़र रखें। पिछले साल दिल्ली में आयोजित इवेंट में भारत का पहला महिला स्काइडाइवर जीत गया था, जिसने कई युवा महिलाओं को प्रेरित किया। इन टूर्नामेंट्स के नियम और अंक प्रणाली समझना आपके प्रदर्शन को बेहतर बनाता है।
पैराशूटिंग सिर्फ खेल नहीं, बल्कि आत्मविश्वास बढ़ाने का तरीका भी है। कई लोग बताते हैं कि जब वे हवा में होते हैं तो सभी तनाव गायब हो जाता है और मन शांति पाता है। इसलिए अगर आप रोज़मर्रा की जिंदगी से थक चुके हैं, तो एक बार स्काइडाइव जरूर ट्राय करें।
अंत में, यदि आप अभी भी संकोच कर रहे हैं तो किसी दोस्त या परिवार के साथ जाएँ। कई सेंटर समूह रेट्स ऑफर करते हैं, जिससे खर्चा कम होता है और मज़ा दोगुना। याद रखें, सही तैयारी और भरोसेमंद इंस्ट्रक्टर से ही सुरक्षित डाइव संभव है।
भारत में पैराशूटिंग का भविष्य उज्ज्वल दिख रहा है – नई टेक्नोलॉजी, बढ़ती ट्रेनिंग सुविधाएँ और युवा उत्साह इसे आगे ले जा रहे हैं। इस पेज को नियमित रूप से देखें, ताकि आप हर नया अपडेट मिस न करें। आपका अगला रोमांच बस एक कूद दूर है!
अवनी लेखरा ने पेरिस 2024 पैरालिंपिक्स में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर अपना खिताब बरकरार रखा। मोना अग्रवाल ने कांस्य पदक जीता। अवनी ने नया पैरालिंपिक रिकॉर्ड बनाते हुए 249.7 अंक प्राप्त किए, जबकि मोना ने 228.7 अंक हासिल किए। यह सफलता भारत के पैरालिंपिक इतिहास में अहम स्थान रखती है।
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