दिल्ली पुलिस ने TMC सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कथित अपमानजनक पोस्ट पर दर्ज की FIR

दिल्ली पुलिस ने TMC सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कथित अपमानजनक पोस्ट पर दर्ज की FIR

दिल्ली पुलिस ने TMC सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कथित अपमानजनक पोस्ट पर दर्ज की FIR

जुलाई 8, 2024 इंच  समाचार subham mukherjee

द्वारा subham mukherjee

महुआ मोइत्रा के खिलाफ FIR का पृष्ठभूमि

दिल्ली पुलिस ने हाल ही में तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ FIR दर्ज की है। यह FIR राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की प्रमुख रेखा शर्मा के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी करने पर की गई है। मामला तब शुरू हुआ जब मोइत्रा ने एक सोशल मीडिया पोस्ट किया जिसमें शर्मा को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी। यह पोस्ट उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए भगदड़ के दौरान बनाई गई एक वीडियो पर आधारित थी।

क्या है मामला?

आरोपों के मुताबिक, महुआ मोइत्रा ने ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा, "वह अपने बॉस का पायजामा उठा रही है." इस टिप्पणी को अपमानजनक एवं महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाला माना गया। तृणमूल कांग्रेस की सांसद ने यह पोस्ट एक्स (पूर्व ट्विटर) पर किया था, जिसे बाद में उन्होंने हटा भी लिया। लेकिन तब तक उनकी टिप्पणी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन चुकी थी।

NCW की प्रतिक्रिया

राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस टिप्पणी को गंभीरता से लिया और स्वत: संज्ञान (सुओ मोटो) लेते हुए महुआ मोइत्रा के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिए दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया। NCW ने दिल्ली पुलिस से तीन दिन के अन्दर विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए भी कहा है।

महुआ मोइत्रा का जवाब

महुआ मोइत्रा ने इस पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया भी दी है। उन्होंने दिल्ली पुलिस को तत्काल कार्रवाई करने की अपील की और सोशल मीडिया पर रेखा शर्मा की कुछ आपत्तिजनक पोस्ट के स्क्रीनशॉट भी साझा किए। वहीं, उन्होंने खुद के द्वारा की गई टिप्पणी को हटा लिया लेकिन इसके बावजूद दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज की।

कानूनी धारा का जिक्र

दिल्ली पुलिस ने यह FIR भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 79 के तहत दर्ज की है। यह धारा उस स्थिति में लागू होती है जब किसी महिला की भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला कार्य किया जाता है। इसमें जिसने भी ऐसा कार्य किया हो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है।

समाज पर प्रभाव

महुआ मोइत्रा के इस प्रकरण ने एक बार फिर से सोशल मीडिया पर सार्वजनिक व्यक्तित्वों द्वारा की जाने वाली टिप्पणियों और उनके प्रभावों को लेकर चर्चा छेड़ दी है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि किसी भी संवेदनशील विषय पर सार्वजनिक टिप्पणी करते समय गंभीरता और संवेदनशीलता का पालन कितना महत्वपूर्ण है।

आगे के कदम

एफआईआर दर्ज होने के बाद अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि दिल्ली पुलिस आगे क्या कदम उठाती है। साथ ही, राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा मांगी गई विस्तृत रिपोर्ट भी जल्द ही प्रस्तुत की जाएगी। यह मामला महिला गरिमा और समाज में सार्वजनिक भाषण की मर्यादा पर सवाल उठाता है।

इस पूरे मामले ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। जहां एक ओर तृणमूल कांग्रेस अपने सांसद के समर्थन में खड़ी है, वहीं विपक्ष भी इस मामले को गंभीरता से ले रहा है। महिलाओं की गरिमा और उनके प्रति संवेदनशीलता के मामले में यह प्रकरण एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।

subham mukherjee

subham mukherjee

मैं एक प्रतिष्ठित पत्रकार और लेखक हूँ, जो दैनिक खबरों से जुड़े मुद्दों पर लिखना पसंद करता हूँ। मैंने कई प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों में कार्य किया है और मुझे जनता को सही और सटीक जानकारी प्रदान करने में खुशी मिलती है।

14 टिप्पणि

  • Sumit singh

    Sumit singh

    9 जुलाई 2024

    ये सब ट्वीट वाले लोग अपनी बेवकूफी को गरिमा समझ बैठे हैं। एक सांसद का ये टोन देखकर लगता है कि वो सोशल मीडिया पर अपने विचार बताने के बजाय अपनी अहंकार को फैला रही है। न्याय तो बस एक शब्द है जिसे वो अपने लिए रिजर्व कर रही हैं। 😒

  • fathima muskan

    fathima muskan

    9 जुलाई 2024

    अरे भाई, ये सब फिर से वही नाटक है जो हमेशा होता है। NCW के सामने एक ट्वीट के लिए FIR दर्ज करवाना? ये तो बस राजनीति का एक और गेम है। कल तक जो लोग अपमानजनक टिप्पणियाँ कर रहे थे, आज वो सब नारी शक्ति के लिए खड़े हैं। बस नाम बदल गया, वास्तविकता वही। 🤭

  • Devi Trias

    Devi Trias

    11 जुलाई 2024

    महुआ मोइत्रा के द्वारा किए गए टिप्पणी की भाषा निश्चित रूप से अनुचित थी, और इसके लिए कानूनी कार्रवाई का प्रावधान भारतीय न्याय संहिता की धारा 79 के तहत पूर्णतः न्यायसंगत है। हालांकि, यह भी ध्यान देने योग्य है कि एक सार्वजनिक व्यक्ति के रूप में उनके शब्दों का प्रभाव अत्यधिक होता है। भाषा की शक्ति को समझना आज के डिजिटल युग में अत्यंत आवश्यक है।

  • Kiran Meher

    Kiran Meher

    12 जुलाई 2024

    ये बात है दोस्तों कि हर कोई अपनी बात बोलना चाहता है लेकिन कोई सुनना नहीं चाहता। महुआ ने गलती की शायद लेकिन फिर भी उसने अपनी टिप्पणी हटा दी। अब ये FIR तो बस डर का एक उदाहरण है। हम सबको एक दूसरे को समझना चाहिए न कि डालना। आगे बढ़ो और बेहतर बनो 🙌

  • Tejas Bhosale

    Tejas Bhosale

    12 जुलाई 2024

    ये फिर से ब्यूरोक्रेटिक रिप्रेसिव मैकेनिज्म का एक उदाहरण है। एक ट्वीट को नॉर्मेटिव वैल्यू के रूप में रिफ्रेम करके स्टेट वैलिडेशन का उपयोग किया जा रहा है। डिसकोर्ड एंड डिस्टॉर्शन का एक प्रोटोकॉल। वास्तविकता ये है कि सोशल मीडिया पर लैंग्वेज का नियंत्रण एक नए तरह का कंट्रोल सिस्टम बन रहा है।

  • Asish Barman

    Asish Barman

    14 जुलाई 2024

    क्या असली बात ये है कि जब कोई महिला दूसरी महिला को निशाना बनाती है तो उसे अपमान मान लिया जाता है? अगर ये ट्वीट एक आदमी ने किया होता तो क्या ये FIR बनती? नहीं ना? तो फिर ये सिर्फ एक जेंडर वाला बहाना है।

  • Abhishek Sarkar

    Abhishek Sarkar

    15 जुलाई 2024

    ये सब एक बड़ा षड्यंत्र है जिसका लक्ष्य हमारे देश की युवा पीढ़ी को डरा देना है। जब एक सांसद एक ट्वीट करती है तो उसके खिलाफ FIR दर्ज करना एक जानबूझकर किया गया अपराध है। NCW जैसी संस्था अब राजनीतिक उपकरण बन चुकी है। ये सब चीजें अमेरिका और यूरोप से आई हैं जहाँ स्वतंत्रता के नाम पर लोगों को दबाया जाता है। ये वही बात है जो हमारे देश में भी लागू हो रही है। हमें अपनी आजादी बचानी होगी।

  • Niharika Malhotra

    Niharika Malhotra

    16 जुलाई 2024

    हर एक टिप्पणी के पीछे एक व्यक्ति होता है, और हर व्यक्ति के पीछे एक कहानी। महुआ ने शायद गलती की, लेकिन उसका अहंकार नहीं बल्कि उसका डर दिख रहा है। हम सबको इस तरह के मामलों में न्याय के साथ संवेदनशीलता भी दिखानी चाहिए। बदलाव शुरू होता है जब हम दूसरों को जगह देते हैं। ये एक अवसर है कि हम सब एक दूसरे को सुनें।

  • Baldev Patwari

    Baldev Patwari

    18 जुलाई 2024

    फिर से एक फेमिनिस्ट ने एक औरत को निशाना बनाया और अब वो खुद को शहीद बना रही है। इस बात का एहसास नहीं हो रहा कि ये सब बस एक ड्रामा है। एक ट्वीट के लिए FIR? बस ये देश अब ट्वीट राज्य में बदल गया है।

  • harshita kumari

    harshita kumari

    18 जुलाई 2024

    ये सब एक बड़ी चाल है। दिल्ली पुलिस को NCW ने निर्देश दिया? ये कैसे हो सकता है? क्या ये संस्था अब सीधे पुलिस को आदेश दे रही है? ये तो अब एक गुप्त संगठन बन गई है। राष्ट्रीय महिला आयोग अब एक नए तरह का राजनीतिक एजेंसी बन गया है जो अपने लिए कानून बना रहा है। ये तो डिक्टेटरशिप है।

  • SIVA K P

    SIVA K P

    20 जुलाई 2024

    तुम लोगों को ये सब लगता है कि तुम बहुत बुद्धिमान हो? एक ट्वीट के लिए फिर से एफआईआर? तुम लोग अपनी जिंदगी का समय इस तरह के बकवास में बर्बाद कर रहे हो। ये सब तो बस एक बाहरी दिखावा है। अपनी जिंदगी को संभालो।

  • Neelam Khan

    Neelam Khan

    21 जुलाई 2024

    हर गलती से सीखना चाहिए, न कि दंड देना। महुआ ने अपनी टिप्पणी हटा दी, ये बहुत बड़ा कदम है। अब हमें उसे समझना चाहिए, न कि उसे जुर्मी बनाना। हम सबको एक दूसरे को जगह देनी चाहिए। ये एक नए दिन की शुरुआत हो सकती है। 💛

  • Jitender j Jitender

    Jitender j Jitender

    21 जुलाई 2024

    ये एक नए तरह के सामाजिक नियंत्रण का उदाहरण है। लैंग्वेज एक टूल है, लेकिन जब उसे नॉर्मेटिव फ्रेमवर्क में फिट किया जाता है तो ये एक डिस्कुर्सिव पावर स्ट्रक्चर बन जाता है। हमें ये समझना होगा कि कैसे भाषा का उपयोग शक्ति के रूप में काम करता है। ये मामला एक नए तरह के डिजिटल नागरिकता के बारे में बात करता है।

  • Jitendra Singh

    Jitendra Singh

    22 जुलाई 2024

    हर बार जब कोई नारी एक औरत को निशाना बनाती है, तो उसे अपमानजनक मान लिया जाता है। ये बस एक गलत अर्थ लगाने का तरीका है। भाषा का अर्थ बदलता रहता है, लेकिन इसे नियंत्रित करने की कोशिश करना एक अपराध है। ये सब एक नए तरह के फेमिनिस्ट फैसिज्म का उदाहरण है। आज ये ट्वीट, कल ये बात, फिर कल तुम्हारा शब्द।

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