जब करवा चौथ, एक पारंपरिक भारतीय वैवाहिक व्रत है जो पति की लंबी आयु और परिवार की खुशहाली के लिए मनाया जाता है. Also known as कन्यादान व्रत, it सूर्यास्त के बाद पति‑पत्नी के बीच फसल‑फूल के साथ जीवन के बंधन को मजबूत करता है। इस व्रत का मूल अर्थ है "सूर्य‑अस्थायी उपवास"; यानी सुबह सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक व्रती केवल पानी पीता है। यहाँ तक कि व्रत, उपवास का वह रूप है जिसमें खाए‑पीए की प्रतिबंधित सीमा निर्धारित होती है को भी इस दिन का अभिन्न हिस्सा माना गया है। एक साधारण लेकिन गहरी बात यह है कि करवा चौथ व्रत को "सूर्यास्त" तक रखकर संगी-साथी के साथ साझा करने की भावना को दर्शाया जाता है।
पहला चरण "सर्गी" है, जहाँ सुहिलों के रिश्तेदार सुबह-सुबह सड़कों पर साग, मीठे पकवान और ताजे फल लेकर आते हैं। इस समय उपवास, व्रती द्वारा खाना‑पीना बंद रखने की प्रतिबद्धता अभी शुरू नहीं हुआ है, बल्कि इसे खा‑पीने के क्रम में एक आध्यात्मिक अध्यारो बना दिया जाता है। दूसरे चरण में महिला व्रती को "रात्रि पूजा" करनी होती है; वह घर के पूर्व दिशा की ओर सूर्यास्त देखते‑देखते "शिव‑त्रि-त्रिस्तु" के मंत्रों का जाप करती है। तीसरा और अंतिम चरण "भोजन" है, जहाँ व्रती अपने पति के साथ "कुशल‑भोग" का आनंद लेती है। इस भोजन में अक्सर "फूले हुए पेंडे" और "साबूदाना खीर" जैसी मिठाइयाँ होती हैं, जो उपवास के बाद शरीर को ऊर्जा देती हैं।
इन चरणों में सामाजिक पहलू भी छिपा है। परिवार के सभी सदस्य मिलकर व्रत‑समारोह में भाग लेते हैं, जिससे घर में एकता और सहयोग की भावना जागृत होती है। खासकर छोटे‑बच्चे अपनी माँ को सर्गी में मदद करते हैं, जिससे व्रती को भावनात्मक संतुष्टि मिलती है। इस प्रकार "परिवार" का महत्व करवा चौथ में दो‑तीन शब्दों से ज्यादा होता है; यह रिश्तों को मजबूती देता है और सामाजिक बंधनों को गहरा बनाता है।
आधुनिक समय में करवा चौथ ने सामाजिक मीडिया की लहर में भी जगह बना ली है। लोग Instagram और Facebook पर अपने "सर्गी" के सुंदर चित्र साझा करते हैं, जबकि YouTube पर रेसिपी वीडियो का जमावड़ा रहता है। यह डिजिटल पहल न केवल परम्परागत रीति‑रिवाज़ को नई पीढ़ी तक पहुँचाता है, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों के स्वाद और संस्कृति को भी एक साथ लाता है। डिजिटल युग ने "करवा चौथ" को केवल एक वैवाहिक व्रत से आगे बढ़ाकर एक सांस्कृतिक पहचानी बना दिया है।
आप यहाँ करवा चौथ से जुड़ी खबरें, इतिहास और टिप्स पढ़ेंगे। इस पेज पर आपको व्रत‑सम्बंधी विस्तृत जानकारी, पूजा‑विधि, परिवारिक रीति‑रिवाज़ और आधुनिक समय में इस त्यौहार को कैसे मनाया जा रहा है, सब कुछ मिलेगा। चाहे आप पहली बार करवा चौथ मनाने वाले हों या अनुभवी व्रती, यहाँ की जानकारी आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगी।
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10 अक्टूबर को करवा चौथ 2025 के महत्त्वपूर्ण समय, शहर‑वाइस पूजा‑मुहूर्त और तिथि‑विवरण मिलें। लाखों महिलाएँ इस चार दिवसीय व्रत में भाग लेंगी।
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