हर दिन हम देखते हैं कि लड़कियां अलग-अलग क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं। स्कूलों से लेकर खेल के मैदान, विज्ञान प्रयोगशालाओं तक उनका नाम गूँज रहा है। इस टैग पेज पर आप उन सभी कहानियों को पाएंगे जो यह साबित करती हैं कि अब कोई भी सीमा नहीं रहती।
पिछले कुछ सालों में लड़कियों की पढ़ाई का स्तर काफी बढ़ा है। ग्रामीण इलाकों में भी कई स्कूलें आज महिला छात्रों को बेहतर सुविधाएं दे रही हैं। उदाहरण के तौर पर, हाल ही में एक छोटे शहर में 90% छात्राओं ने बोर्ड परीक्षाओं में टॉप रैंक हासिल किया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अब माता-पिता समझते हैं कि शिक्षा से भविष्य बनता है, चाहे बच्ची कोई भी हो।
सरकार की कई योजनाएं जैसे ‘सवित्री’ और ‘बालिका शिक्षा योजना’ ने इस बदलाव को तेज़ किया है। इन स्कीमों के तहत छात्राओं को मुफ्त किताबें, यूनिफॉर्म और ट्यूशन सब्सिडी मिलती है। परिणामस्वरूप स्कूल में प्रवेश दर बढ़ी और ड्रॉपआउट रेट घटा।
खेल के मैदान पर भी लड़कियों की भागीदारी अब सिर्फ एक विकल्प नहीं, बल्कि मुख्यधारा बन गई है। टेनिस, क्रिकेट, हॉकी या एथलेटिक्स – हर खेल में नई प्रतिभा उभर रही हैं। पिछले महीने हुई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भारतीय महिला टीम ने शानदार जीत दर्ज की, जिससे देश भर में गर्व की भावना जागी।
खेल संघों ने अब विशेष प्रशिक्षण कैंप और स्कॉलरशिप्स शुरू कर दी हैं, ताकि प्रतिभाशाली लड़कियों को विश्व मंच पर दिखाया जा सके। इन अवसरों से कई युवा खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाने में सफल हो रही हैं। यह केवल खेल नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और नेतृत्व कौशल भी बढ़ाता है।
हमारी टैग पेज पर आप ऐसे ही कई लेख पाएंगे – चाहे वह अफ़गानिस्तान के भूकंप की खबर हो, या वेंसा विलियम्स की टेनिस प्रतिद्वंद्विता, या फिर भारत में कुत्तों के सरलीकरण से जुड़ी कोर्ट की आदेश। सभी लेख एक बात दर्शाते हैं: समाज का हर कोना अब लड़कियों की प्रगति से जुड़ा है।
अगर आप भी इस बदलाव का हिस्सा बनना चाहते हैं तो हमारे लेख पढ़ें, शेयर करें और अपने आसपास के लोगों में प्रेरणा फैलाएँ। छोटी-छोटी बातें – जैसे किसी लड़की को स्कॉलरशिप के लिए मदद करना या उसका हौसला बढ़ाना – बड़ी परिवर्तन की राह खोलते हैं।
आइए मिलकर यह सुनिश्चित करें कि हर बेटी का भविष्य उज्ज्वल हो, और वह अपने सपनों को पूरा कर सके। इस पेज पर पढ़ें नई खबरें, सीखें सफल रणनीतियां और बनें बदलाव के साक्षी।
CBSE 12वीं रिजल्ट 2025 में 88.39% छात्र पास हुए, लड़कियों ने 91.64% पास रेट के साथ लड़कों से बाज़ी मारी। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश राज्यों ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। 1.11 लाख छात्रों ने 90% से ज्यादा अंक पाए, ट्रांसजेंडर बच्चों का पास प्रतिशत 100% रहा।
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