क्या आपने कभी मीराबाई चानू के नाम पर आए गीत या शायरी सुनी है? वो एक ऐसी महिला थी जो अपनी भावनाएँ सीधे दिल से लिखती थीं। उनके शब्दों में गहराई और साधारणता दोनों मिलते हैं, जिससे हर पढ़ने वाला जुड़ जाता है।
मीराबाई चानू का जन्म १९७० के दशक में राजस्थान के एक छोटे से गाँव में हुआ था। बचपन में ही उन्हें कविताओं का शौक लग गया, स्कूल की किताबों में नहीं बल्कि लोकगीतों में मिली प्रेरणा ने उनका मार्ग तय किया। जब वे किशोरी थीं तो पहली बार अपना काव्य मंच पर पढ़ा, और लोगों को उनके शब्दों की सादगी बहुत भायी।
वो समय था जब ग्रामीण क्षेत्रों में महिला कवियों का नाम कम सुना जाता था। लेकिन मीराबाई ने अपने घर के आँगन से लेकर शहर की साहित्यिक सभाओं तक अपना सफ़र तय किया। उनकी रचनाएँ अक्सर सामाजिक असमानता, प्रेम और आध्यात्मिक खोज को छूती थीं।
मीराबाई चानू ने कई संग्रह प्रकाशित किए – “सुरज की राह”, “बहारों का गीत” और “गांव की धूप” सबसे लोकप्रिय हैं। उनके कविताओं में ग्रामीण भाषा, मीठे लहजे और कभी‑कभी तीखी व्यंग्यता मिलती है। एक पंक्ति याद रखिए: "भूले नहीं मैं अपनी मिट्टी को, जब तक सांसों में बहते हैं हवा के गीत".
उनकी शैली को रैवानी गानों की तरह माना जाता है – सरल, सच्ची और दिल से निकलती हुई। ये शब्द अक्सर संगीतकारों द्वारा धुन में बदलते हुए फिल्में, टीवी शो या यूट्यूब पर वायरल होते हैं। इस वजह से आज के युवा भी उनकी कविताओं को अपने स्टेटस या इंस्टा कैप्शन में इस्तेमाल करते हैं।
कवियों और शायरों की चर्चा में उनका नाम अक्सर “आधुनिक मीरा” कहा जाता है, क्योंकि वे पारंपरिक मीरा बाई (भक्ति कवयत्री) से प्रेरित हों तो भी अपने आधुनिक विचारों को जोड़ती थीं। उनके गीत में आध्यात्मिकता के साथ सामाजिक मुद्दे भी झलकते हैं – जैसे महिला शिक्षा, ग्रामीण विकास और पर्यावरण संरक्षण।
आजकल मीराबाई चानू की कविताएँ ऑनलाइन कई प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध हैं। अगर आप उनकी रचनाओं को पढ़ना चाहते हैं तो बस "मीराबाई चानू कविता" गूगल में टाइप करें, और आपको ब्लॉग, ई‑बुक और वीडियो प्रदर्शन मिलेंगे।
उनकी कविताएँ न केवल साहित्यिक मूल्य रखती हैं, बल्कि लोगों के दिलों को जोड़ने का काम भी करती हैं। चाहे आप गाँव से हों या शहर से, उनके शब्द आपके भीतर की भावनाओं को जागृत करेंगे। इस वजह से मीराबाई चानू आज भी हिंदी कविता में एक चमकीला सितारा बनी हुई हैं।
अगर आपने अभी तक उनका कोई गीत नहीं सुना तो ज़रूर सुनिए – शायद आपको वह शांति और ऊर्जा मिलेगी जिसकी आप तलाश में थे।
पेरिस ओलंपिक 2024 के बारहवें दिन के लाइव अपडेट्स में भारतीय खिलाड़ियों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। मीराबाई चानू ने चौथा स्थान हासिल किया, जबकि विनेश फोगाट स्वर्ण पदक की दौड़ से बाहर हो गईं। अन्य खिलाड़ियों के प्रदर्शन, जैसे कि नीरज चोपड़ा और अविनाश साबले का भी उल्लेख किया गया है। भारतीय हॉकी टीम ने जर्मनी के खिलाफ संघर्ष किया लेकिन 2-3 से हार गई।
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