क्या आपने कभी भीड़ वाले मैच या कॉन्सर्ट में अचानक पानी की बौछार देखी है? अक्सर यह पुलिस या इवेंट ऑर्गेनाइज़र की सुरक्षा उपायों का हिस्सा होता है, लेकिन जब सही तरीके से नहीं किया जाता तो परेशानी बढ़ सकती है। इस लेख में हम बाराबती स्टेडियम की हालिया घटना, वॉटर कैनन के उपयोग और आम जनता को कैसे सुरक्षित रखे, ये सब समझेंगे।
कटक के बाराबती स्टेडियम में भारत‑इंग्लैंड ODI टिकट बिक्री के दौरान भारी भीड़ और जलते हुए द्रव्यमान ने सुरक्षा को खतरे में डाल दिया। पुलिस ने स्थिति कंट्रोल करने के लिए पानी की बौछार (वॉटर कैनन) का प्रयोग किया, जिससे कई लोग बेहोश हो गए और अस्पताल ले जाएँगे। रिपोर्ट्स बताती हैं कि भीड़ नियंत्रण के लिये तेज़ पानी की धारा उपयोग करना तेज़ी से काम नहीं आया क्योंकि जगह बहुत भीड़भाड़ थी और लोगों को तुरंत खाली करने का रास्ता नहीं मिला।
ऐसे इवेंट में जल आपूर्ति या बौछार को सही ढंग से लागू करने के लिये कुछ बेसिक नियम हैं:
इन सरल उपायों से न सिर्फ चोटों की संभावना घटती है, बल्कि लोगों में शांति भी बनी रहती है। अगर आप इवेंट ऑर्गेनाइज़र हैं तो अपनी टीम को पहले से ही ट्रेनिंग दें और आवश्यक उपकरणों का रूटीन चेक करवाएँ।
आखिरकार, पानी की बौछार खुद में ख़राब चीज नहीं है; इसका उद्देश्य भीड़ को सुरक्षित रूप से नियंत्रित करना होता है। लेकिन अगर इसे सही तरीके से इस्तेमाल न किया जाए तो यह बड़ी समस्या बन सकता है। इसलिए हर आयोजक को इस तकनीक के फायदे‑नुकसान समझकर सावधानीपूर्वक कदम उठाने चाहिए।
यदि आप ऐसे इवेंट में भाग ले रहे हैं, तो धैर्य रखें और सुरक्षा कर्मियों की निर्देशों का पालन करें। अचानक पानी मिलने पर घबराएँ नहीं, सुरक्षित जगह पर चलें और यदि जरूरत हो तो तुरंत मदद लें। याद रखिए, आपकी शांति ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।
कोलकाता में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा आयोजित नबन्ना अभिजान मार्च को पुलिस ने पानी की बौछार से रोका। इस मार्च का उद्देश्य राज्य सचिवालय नबन्ना तक पहुँचकर कथित भ्रष्टाचार और शासन विफलताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना था। इस घटना में कई बीजेपी नेताओं और समर्थकों को चोटें आईं और पुलिस ने कई बीजेपी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया।
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