उर्वशी और पार्वती की फिल्म 'उल्लोझुक्कु' ट्विटर पर छाई: जानें दर्शकों की प्रतिक्रिया

उर्वशी और पार्वती की फिल्म 'उल्लोझुक्कु' ट्विटर पर छाई: जानें दर्शकों की प्रतिक्रिया

उर्वशी और पार्वती की फिल्म 'उल्लोझुक्कु' ट्विटर पर छाई: जानें दर्शकों की प्रतिक्रिया

जून 21, 2024 इंच  मनोरंजन विकास शर्मा

द्वारा विकास शर्मा

क्रिस्टो टोमी के निर्देशन में बनी फिल्म 'उल्लोझुक्कु' दर्शकों के दिलों को छू रही है। इस फिल्म में मुख्य भूमिकाओं में उर्वशी और पार्वती नजर आ रही हैं। ट्विटर पर दर्शकों ने फिल्म की कहानी, निर्देशन, और कलाकारों की अदाकारी की जमकर प्रशंसा की है। एक फिल्म समीक्षा में इसे दो महिलाओं की जटिल, स्तरित और गैर-न्यायिक भूमिका के चित्रण के लिए सराहा गया है। खासतौर पर इसका जोरदार असर उर्वशी और पार्वती के किरदारों पर दिखता है, जो अपनी पसंदों के परिणामों से बोझिल हैं।

फिल्म के बारे में बात करें तो इसका प्रदर्शन और कहानी दोनों ही इमोशनल और संवेदनशील हैं। खासकर, फिल्म में मदरहुड के पहलुओं को बड़ी ही मोहक तरीके से दिखाया गया है। निर्देशन की बारीकियों के लिए क्रिस्टो टोमी की तारीफ की जा रही है। शेहनाद जलाल द्वारा की गई सिनेमाटोग्राफी और सुषिन श्याम द्वारा तैयार किया गया संगीत भी फिल्म को भावनात्मक रूप से खास बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

ट्विटर पर लोग फिल्म की धीमी पटकथा और भारी भावनात्मक दृश्यों के बारे में भी बात कर रहे हैं। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं कि फिल्म कमजोर है। एक समीक्षा में इसे 3 आउट ऑफ 5 रेटिंग मिली है, जो बताता है कि फिल्म की यह विशेषताएं हर किसी के साथ गूंज नहीं बना पाई हैं। लेकिन अधिकांश लोगों का मानना है कि फिल्म में दिखाए गए इमोशंस और उर्वशी-पार्वती की अदाकारी बेमिसाल है।

फिल्म की सफलता में कई महत्वपूर्ण पक्षों का योगदान है। पहला, उर्वशी और पार्वती का अदाकारी का जादू जिसे दर्शकों ने खास तौर से सराहा। दोनों अदाकाराओं ने अपनी भूमिकाओं में गहराई और संवेदनशीलता से दर्शकों का दिल जीत लिया। उनकी रसायनिक और भावनात्मक प्रदर्शन ने कहानी को और अधिक प्रभावशाली बना दिया।

क्रिस्टो टोमी के निर्देशन की बात करें तो उन्होंने फिल्म को बहुत ही सोच-समझ कर निर्देशित किया है। उन्होंने स्वयं की अनूठी शैली में दोनों अभिनेत्रियों के किरदार को जीवंत किया। फिल्म की कहानी में दर्शकों को अंत तक बांधे रखनी वाली बातें शामिल हैं। फिल्म को वास्तविकता के करीब लाने के लिए निर्देशक की तरफ से की गई मेहनत की तारीफ हो रही है।

फिल्म की सिनेमाटोग्राफी भी एक और प्रमुख पहलू है जिसे सराहा जा रहा है। शेहनाद जलाल की कैमरा वर्क फिल्म की हर दृश्य को जादुई और अविस्मरणीय बना देता है। जीतनी भी भावनात्मक और संवेदनशील दिखाया गया है, उसमें कैमरा वर्क का भी अहम योगदान है। इससे फिल्म की दिशा और दृश्यता में गहराई आ गई है।

संगीत की बात करें तो सुषिन श्याम का संगीत भी इस फिल्म की एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उनके द्वारा रचित संगीत और बैकग्राउंड स्कोर ने देखते वक्त दर्शकों में भावनाओं का तूफान ला दिया। गानों और संगीत की टाइमिंग कहानियों के चरणों को और भी जोरदार बना देते हैं।

फिल्म के धीमे पटकथा और भारी भावनात्मक दृश्यों के बारे में मिलीजुली प्रतिक्रियाएं रही हैं। कुछ लोगों को यह धीमा और उबाऊ लग सकता है तो कुछ लोग इसे उतने ही गहराई से इंजॉय कर सकते हैं। अंततः यह एक व्यक्तिगत नजरिया है। लेकिन फिल्म की स्थिरता और गहराई निश्चित तौर पर सराहनीय है।

फिल्म 'उल्लोझुक्कु' को जो चीज खास बनाती है वो है इसकी भावनात्मक गहराई और सशक्त अदाकारी। उर्वशी और पार्वती ने अपने किरदारों को जिंदादिली के साथ जिया है, और दर्शकों ने इसे खूब सराहा है। क्रिस्टो टोमी के निर्देशन ने इस फिल्म को एक नया आयाम दिया है, और यह फिल्म निश्चित रूप से उनकी करियर की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।


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विकास शर्मा

विकास शर्मा

मैं एक प्रतिष्ठित पत्रकार और लेखक हूँ, जो दैनिक खबरों से जुड़े मुद्दों पर लिखना पसंद करता हूँ। मैंने कई प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों में कार्य किया है और मुझे जनता को सही और सटीक जानकारी प्रदान करने में खुशी मिलती है।

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