राष्ट्रपति चुनाव से पहले अमेरिकी बाजार में चिंता
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव ने मार्केट पर बड़ा असर डाला है जिसमें निवेशकों ने चौकन्ना होकर अपने कदम उठा रहे हैं। बुधवार के दिन अमेरिकी स्टॉक्स में गिरावट आई, जो दर्शाता है कि बाजार में चुनाव का आभास साफ तौर पर हो रहा है। Dow Jones Industrial Average में 0.3% की कमी आई, S&P 500 में 0.4% की गिरावट दर्ज की गई, और Nasdaq Composite में 0.6% का अवरोहण हुआ। यह गिरावट मंगलवार के मिश्रित सत्र के बाद हुई, जहां तकनीकी स्टॉक्स में लाभ को ऊर्जा और वित्तीय क्षेत्रों में हानियों से संतुलित किया गया। चुनाव के निकट आते ही निवेशकों का ध्यान अमेरिकी अर्थव्यवस्था की दिशा और नई प्रशासन की नीतियों पर टिक गया है।
फेडरल रिजर्व का निर्णय और बाजार की प्रतिक्रिया
पिछले हफ्ते फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों को स्थिर रखने का फैसला किया, जिसने कुछ निवेशकों को राहत दी, लेकिन मुख्य फोकस अब चुनाव परिणाम पर है। निवेशकों की चिंता है कि चुनाव के बाद आर्थिक नीति, कराधान, और व्यापार पर क्या प्रभाव पड़ेगा। तकनीकी स्टॉक्स की बढ़ोतरी के बावजूद ऊर्जा और वित्तीय क्षेत्रों में गिरावट ने निवेशकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि चुनाव के बाद सरकार की प्राथमिकताएँ क्या होंगी। ये प्राथमिकताएँ मार्केट के लिए दिशा निर्देशन का काम करेंगी।
ब्याज दर और मुद्रा बाजार पर प्रभाव
10 वर्ष के ट्रेजरी नोट का यील्ड बढ़कर 1.83% पहुंच गया जबकि डॉलर इंडेक्स 0.2% गिर गया। इस सब के बीच, निवेशक मुद्रा बाजार के उतार-चढ़ाव पर भी नजर बनाए हुए हैं। तेल की कीमतें 1.2% गिरकर $54.12 प्रति बैरल हो गई। ब्याज दरों पर फेडरल रिजर्व के निर्णय के कारण कुछ राहत मिली थी लेकिन व्यापक संदर्भ में चुनाव के बाद की स्थिति का आकलन बाजार चालकों के लिए अहम हो गया है।
चीन में आर्थिक बैठक और अंतरराष्ट्रीय व्यापार की दिशा
इसके साथ ही चीन में चल रही आर्थिक बैठक भी निवेशकों के रडार पर है, जिसका असर वैश्विक व्यापार और आर्थिक विकास पर पड़ना तय है। पांच वर्षों के आर्थिक एजेंडा को सेट करने वाली इस बैठक के नतीजे वैश्विक व्यापार के लिए दिशा निर्देशित कर सकते हैं। अमेरिकी मार्केट्स विपरीत दिशाओं में बढ़ रहें हैं और निवेशक इस बात पर ध्यान दे रहें हैं कि इन देशों की आर्थिक नीतियाँ क्या होगी।
निवेशकों की अनिश्चितता और आर्थिक दिशा
मौजूदा समय में, निवेशकों की अनिश्चितता साफ तौर पर झलक रही है। वे चुनाव के बाद के आर्थिक दिशा निर्देश और नीतियों को लेकर चिंतित हैं। चुनाव के माध्यम से आर्थिक नीति, कर नीति और व्यापार नीति में संभावी बदलावों के कारण निवेशक चौकन्ने हैं। अमेरिकी मार्केट्स का यह सतर्क रूख एक बड़े परिवर्तन का संकेत देता है, जो राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे और नई प्रशासन की नीतियों पर प्रियासित होगा। सभी की नजरें इस मुद्दे पर टिकी हैं कि अगले राष्ट्रपति के तहत अमेरिका की नीति क्या रूप लेगी और यह बाजार की चालकों के लिए किस तरह से एक दिशा प्रदान करेगा।