गौतम गंभीर: नई जिम्मेदारी और भविष्य की उम्मीदें
गौतम गंभीर, भारतीय क्रिकेट के एक खेलमंत्री, को भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के रूप में नियुक्त किया गया है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने उनकी विभिन्न शर्तों को स्वीकार कर लिया है, जिनमें सबसे प्रमुख है समर्थन स्टाफ की चयन का अधिकार। यह कदम गंभीर की कोचिंग कैरियर को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा।
गौतम गंभीर का नाम पिछले कुछ महीनों से इस पद के लिए चर्चा में था। वर्तमान कोच राहुल द्रविड़ का अनुबंध जारी टी20 विश्व कप के बाद समाप्त हो रहा है, और ऐसे में गंभीर को यह जिम्मेदारी सौंपने के निर्णय को मुहर लगा दी गई है। गंभीर ने यह पेशकश तो मान ली, लेकिन उन्होंने अपनी शर्तें भी बीसीसीआई के सामने रखीं। उनमें से प्रमुख शर्त यह थी कि उन्हें अपना सपोर्ट स्टाफ चुनने की स्वतंत्रता दी जाए, जिसे बीसीसीआई ने मान लिया है।
कोच के रूप में गंभीर की पृष्ठभूमि
गौतम गंभीर ने कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के नेतृत्व में आईपीएल 2024 का खिताब जीता था। यह उनकी कप्तानी और रणनीति की काबिलियत का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। गंभीर ने अतीत में भी यह संकेत दिए थे कि वे राष्ट्रीय टीम के कोच बनने की इच्छा रखते हैं। उनके अनुसार, भारतीय टीम को कोचिंग देना उनके लिए बहुत बड़ा सम्मान है।
गंभीर, जो 42 वर्ष के हैं, 2007 में टी20 विश्व कप और 2011 में वनडे विश्व कप में विजेता टीम का हिस्सा रह चुके हैं। उनके कार्यकाल के दौरान, गंभीर की मेंटोरशिप और रणनीति का बड़ा महत्व रहा है, जिससे उनकी कोचिंग प्रोफाइल में चार चांद लग गए हैं।
सपोर्ट स्टाफ में संभावित बदलाव
गंभीर की नियुक्ति से सपोर्ट स्टाफ में भी बदलाव की संभावना है। वर्तमान में, परस म्हाम्ब्रे (बॉलिंग कोच) और टी दिलीप (फील्डिंग कोच) के पदों पर हैं। संभावना है कि गंभीर अपने तरह के विशेषज्ञों को इन पदों पर नियुक्त कर सकते हैं, जिससे टीम को नई दिशा और ऊर्जा मिलेगी।
क्यों अहम है यह नियुक्ति?
गंभीर की नियुक्ति से टीम को नई रणनीति और दृष्टिकोण मिल सकता है। उन्होंने अपने कप्तानी कार्यकाल में यह साबित किया है कि वे न केवल एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं, बल्कि एक सक्षम नेतृत्वकर्ता भी हैं। गंभीर का यह कदम भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हो सकता है। बीसीसीआई की इस घोषणा का इंतजार सभी क्रिकेट प्रेमियों द्वारा बेसब्री से किया जा रहा है और यह देखना दिलचस्प होगा कि गंभीर अपनी कोचिंग में क्या नई रणनीतियाँ लेकर आते हैं।
निष्कर्ष
गौतम गंभीर का भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के रूप में चयन भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उनकी कोचिंग शैली और उनकी विश्लेषणात्मक क्षमता से भारतीय टीम को नवचेतना मिल सकती है। बीसीसीआई द्वारा इस नियुक्ति की आधिकारिक घोषणा इस महीने के अंत में की जाएगी, जिसके बाद क्रिकेट प्रेमियों के बीच उत्साह का माहौल और भी बढ़ जाएगा।
Kiran Meher
18 जून 2024ये तो बहुत अच्छी बात है! गंभीर तो खेल के दिमाग से खेलते हैं और अब वो टीम को भी उसी तरह चलाएंगे। भारत का भविष्य रोशन होगा।
जय हिंद!
Devi Trias
19 जून 2024गौतम गंभीर की नियुक्ति एक बहुत ही विवेकपूर्ण और रणनीतिक निर्णय है। उनकी रणनीतिक चिंतन शैली, अनुभव और खिलाड़ियों के प्रति समर्पण को देखते हुए, यह चयन भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा।
Tejas Bhosale
20 जून 2024सपोर्ट स्टाफ का ऑटोनॉमी देना एक डिस्क्रेपेंसी रिजोल्यूशन है। जब तक कोच को एक्सेस नहीं मिलेगा डेटा एनालिटिक्स और प्लेयर प्रोफाइलिंग का, तब तक ये सब ज़िम्मेदारी नाटक है।
Asish Barman
22 जून 2024अरे यार ये सब तो बस धोखा है। बीसीसीआई कभी किसी को असली आज़ादी नहीं देता। अगले महीने ही गंभीर को फिर से राहुल द्रविड़ के निर्देश पर काम करना पड़ेगा।
Abhishek Sarkar
23 जून 2024ये सब एक बड़ा षड्यंत्र है। गंभीर को नियुक्त किया गया क्योंकि उनकी नियुक्ति से बीसीसीआई के कुछ लोगों के बैंक अकाउंट्स में पैसे आएंगे। वो सपोर्ट स्टाफ की चुनाव शक्ति देकर बाहरी लोगों को घुसाना चाहते हैं। अगर आप देखें तो उनके साथ काम करने वाले सभी कोच अब बाहर हो चुके हैं। क्या ये अचानक नहीं है?
Niharika Malhotra
24 जून 2024गंभीर की नियुक्ति से मुझे उम्मीद है कि टीम में एक नया आत्मविश्वास आएगा। उनके खेल के अंदाज़ में एक अद्भुत शांति और गहराई है। उनके तहत युवा खिलाड़ी अपनी आत्मा के साथ खेल पाएंगे।
Baldev Patwari
24 जून 2024अरे भाई ये तो बस एक और बाजारी नियुक्ति है। गंभीर तो बस एक अच्छा खिलाड़ी थे, कोच नहीं। उनके बाद का टीम का प्रदर्शन देखोगे तो आपको लगेगा कि बीसीसीआई ने एक टी-शर्ट को बोर्ड का सीईओ बना दिया है।
harshita kumari
24 जून 2024मुझे लगता है कि ये सब बीसीसीआई का एक तरह का डिवर्शन टैक्टिक है। जब तक लोग गंभीर के बारे में बात कर रहे हैं तब तक उनके बैंक अकाउंट्स के लेनदेन का निरीक्षण नहीं होगा। अगर आप गौतम के बारे में अपने दोस्तों से बात करें तो वो भी नहीं जानते कि वो किसके साथ रिश्ते रखते हैं।
SIVA K P
26 जून 2024अरे भाई ये गंभीर तो अपने आप को बहुत बड़ा समझते हैं। उन्होंने इतनी शर्तें क्यों रखीं? ये लोग तो सब कुछ अपने नाम के लिए चाहते हैं। बस एक नाम बना लो और सारा देश तुम्हारा फैन बन जाएगा।
Neelam Khan
26 जून 2024इतने सारे नए लोगों को टीम में लाने से नए विचार आएंगे। गंभीर तो बहुत अच्छे इंसान हैं, उनके साथ काम करने वाले खिलाड़ी खुश रहेंगे। ये बस एक नया शुरुआत है।
Jitender j Jitender
28 जून 2024सपोर्ट स्टाफ की फ्रीडम एक स्ट्रैटेजिक एडवांटेज है। जब तक कोच को अपने टीम के डेटा और प्रोसेसेस पर कंट्रोल नहीं होगा, तब तक टीम का परफॉर्मेंस रैंडम रहेगा। गंभीर ने सही कदम उठाया है।
Jitendra Singh
30 जून 2024ये गंभीर को बीसीसीआई ने इसलिए चुना क्योंकि वो बड़े लोगों के बीच चलने की क्षमता रखते हैं। उनकी रणनीति तो अच्छी है, लेकिन उनकी व्यक्तित्व की गहराई को कोई नहीं जानता। उनके पीछे क्या है, ये सब छुपा हुआ है।
VENKATESAN.J VENKAT
1 जुलाई 2024ये सब बस एक नए दिन का नाटक है। गंभीर के बाद भी वही चीजें चलती रहेंगी। उनके बाद किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा। बीसीसीआई के अंदर एक नेटवर्क है जिसे कोई नहीं छू सकता।
Kiran Meher
3 जुलाई 2024बस ये देखोगे जब टीम जीतेगी तो सब कहेंगे गंभीर का जादू था। और जब हारेगी तो बीसीसीआई को दोष देंगे। लेकिन हमें ये याद रखना है कि एक कोच एक जादूगर नहीं होता।
Amiya Ranjan
4 जुलाई 2024गंभीर को चुनना एक बहुत बड़ी गलती है। उन्होंने अपने कप्तानी के दौरान भी कई बार टीम को नुकसान पहुंचाया। अब वो कोच बन गए हैं, तो आगे क्या होगा?