पेरिस ओलंपिक्स 2024 के दूसरे दिन भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने अपनी धमाकेदार शुरुआत से सभी का दिल जीत लिया। सिंधु, जिन्हें इस बार दसवीं वरीयता प्राप्त हुई है, ने मालदीव की फातिमथ नबााहा अब्दुल रज्जाक को ग्रुप एम के मुकाबले में 21-9, 21-6 से हराते हुए सिर्फ 29 मिनट में विजय प्राप्त की। इस जीत के साथ ही सिंधु ने अगले दौर में अपनी जगह पक्की कर ली है, जहां उनका सामना एस्टोनिया की विश्व नंबर 75 क्रिस्टिन कूबा से होगा।
सिंधु का यह मुकाबला इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि वह लगातार तीसरे ओलंपिक में पदक जीतने का सपना लेकर मैदान में उतरी हैं। पूर्व विश्व चैंपियन पीवी सिंधु ने रियो 2016 ओलंपिक्स में रजत पदक और टोक्यो 2020 ओलंपिक्स में कांस्य पदक जीता था। पेरिस ओलंपिक्स में उनके अभियान की यह धमाकेदार शुरुआत भारतीय खेल प्रेमियों के लिए उम्मीदें और बढ़ा दी हैं।
मैच का विवरण
मैच की शुरुआत से ही पीवी सिंधु का आत्मविश्वास और खेल देखने लायक था। पहले गेम में सिर्फ 13 मिनट में 21-9 से जीत दर्ज करते हुए सिंधु ने अपनी मजबूत पकड़ बनाई। दूसरे गेम में भी उनका प्रदर्शन बेहद शानदार रहा और उन्होंने 10-3 की बढ़त ले ली। अंततः 14 मैच पॉइंट्स के साथ उन्होंने केवल एक ही पॉइंट में खेल खत्म करते हुए 21-6 से मैच जीता।
अगली चुनौती
अब सिंधु का सामना एस्टोनिया की क्रिस्टिन कूबा से बुधवार को होने वाले ग्रुप मुकाबले में होगा। क्रिस्टिन कूबा वर्तमान में विश्व रैंकिंग में 75वें स्थान पर हैं, जबकि सिंधु 13वीं रैंकिंग पर हैं। इस मुकाबले में सिंधु का अनुभव और उनकी तकनीक दोनों ही उन्हें जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
सिंधु का ओलंपिक्स सफर
पेरिस ओलंपिक्स में सिंधु का प्रदर्शन भारतीय बैडमिंटन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। पिछले दो ओलंपिक्स में उनके पदक जीतने की कहानी ने हर भारतीय को गर्व महसूस कराया है। रियो 2016 में उन्होंने रजत पदक जीतकर इतिहास रचा था, जबकि टोक्यो 2020 में उन्होंने कांस्य पदक जीता था। इस बार पेरिस में उनकी नजरें अपने तीसरे पदक पर हैं, जो एक नया मील का पत्थर साबित हो सकता है।
सिंधु के कोच और समर्थन टीम भी इस बार उनके प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए पूरी मेहनत कर रही है। उनकी फिटनेस, तकनीक और मानसिक शक्ति पर जोर दिया जा रहा है ताकि वह अपने प्रदर्शन को नए स्तर पर ले जा सकें।
भारतीय बैडमिंटन की उम्मीदें
पीवी सिंधु के इस शानदार प्रदर्शन ने भारतीय बैडमिंटन प्रेमियों के लिए बड़ी उम्मीदें जगा दी हैं। भारतीय खेल जगत अब उनकी हर जीत और हर कदम पर नजरें बनाए हुए हैं। सिंधु की यह यात्रा न केवल उनके व्यक्तिगत उपलब्धियों की कहानी है, बल्कि भारतीय खेल जगत के लिए प्रेरणा भी है। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है और अब वह एक कदम और आगे बढ़ने की तैयारी में हैं।
ओलंपिक्स में भारतीय उम्मीदों का दारोमदार सिर्फ पीवी सिंधु पर ही नहीं है, बल्कि अन्य खेलों में भी भारतीय एथलीट्स ने अपना लोहा मनवाने की तैयारी कर रखी है। हर भारतीय को उम्मीद है कि इस बार का ओलंपिक्स भारत के लिए नई दिशाएं खोलेगा और पदकों की गिनती में इजाफा करेगा।
अंत में, पीवी सिंधु का यह शानदार प्रदर्शन सिर्फ एक जीत नहीं है, बल्कि आने वाले मैचों के लिए एक संदेश भी है। उनके खेल में वह आत्मविश्वास और जोश साफ दिखाई दे रहा है, जो उनके प्रशंसकों और समर्थकों के लिए गर्व की बात है। अब सभी की निगाहें उनके अगले मैच पर टिकी हैं और हर कोई आशा कर रहा है कि वह अपनी इस लय को बनाए रखेंगी और पेरिस ओलंपिक्स में एक बार फिर से पदक जीतेंगी।