NEET UG 2024 परिणाम: पेपर लीक और ग्रेस मार्क्स पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई
नेशनल एलिजिबिलिटी कम एन्ट्रेंस टेस्ट अंडरग्रेजुएट (NEET UG) 2024 के परिणाम को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। यह सुनवाई विभिन्न याचिकाओं पर आधारित है जिसमें पेपर लीक और ग्रेस मार्क्स की मांग समेत कई मुद्दों का निपटारा होना है। इस मामले ने तब तूल पकड़ा जब राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने 12 जून 2024 को परिणाम घोषित किया, जिसके बाद 9.5 लाख से अधिक छात्रों ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा के लिए योग्यता हासिल की।
पेपर लीक और ग्रेस मार्क्स की मांग
NEET UG 2024 के परिणाम ऐसे समय में घोषित किए गए जब कई छात्रों और अभिभावकों ने पेपर लीक का आरोप लगाया। उनका दावा है कि परीक्षा में प्रश्न पत्र का लीक होना न केवल अनुचित है बल्कि इससे परीक्षा की निष्पक्षता पर भी सवाल उठते हैं। इसके अलावा, कुछ छात्रों ने यह भी आरोप लगाया है कि उन्हें ग्रेस मार्क्स नहीं दिए गए, जबकि अन्य छात्रों को दिए गए थे, जिसके कारण वे उच्च रैंक पाने में असमर्थ रहे।
सुप्रीम कोर्ट की पहले की निर्देश और सुनवाई की महत्वकांक्षा
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी, जबकि इस मामले में स्पष्टता की आवश्यकता जताई थी। कोर्ट ने एनटीए से यह भी आग्रह किया था कि वह अंकन योजना और परिणाम घोषित करने की प्रक्रिया के बारे में एक शपथ पत्र दाखिल करे। आज की सुनवाई से छात्रों और अभिभावकों को उम्मीद है कि कोर्ट पेपर लीक और विसंगतियों के मुद्दों का समुचित समाधान करेगा और NEET UG 2024 के परिणामों में व्याप्त अनिश्चितता को समाप्त करेगा।
मेडिकल काउंसलिंग की तिथियों पर संकट
विडम्बना यह है कि 15 जून 2024 से शुरू होने वाली मेडिकल काउंसलिंग पहले ही संकट में आ गई है। ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) ने काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू कर दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार इसे फिलहाल रोक दिया गया है। छात्र और अभिभावक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि कोर्ट का फैसला क्या होगा, क्योंकि इससे न केवल उनका भविष्य तय होगा बल्कि काउंसलिंग की तारीखें भी स्पष्ट हो सकेंगी।
छात्रों और अभिभावकों की चिंताएं
इस मामले में शामिल छात्रों और अभिभावकों की चिंताओं को समझना कठिन नहीं है। एक तरफ जहां छात्र कठिन परिश्रम के बाद परीक्षा में बैठे और परिणाम के घोषित होने की प्रतीक्षा में थे, वहीं दूसरी तरफ वे खुद को विसंगतियों के जाल में फंसा पा रहे हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय न केवल उनके भविष्य को निश्चिंत करेगा बल्कि ऐसी घटनाओं के पुनरावृत्ति को भी रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
समाज के नजरिए से
वर्तमान में शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग जोर पकड़ रही है। देश भर के लाखों छात्रों और उनके अभिभावकों का विश्वास शिक्षा प्रणाली में होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट की यह सुनवाई न केवल आज के मुद्दों का हल निकालेगी, बल्कि भविष्य में ऐसे मुद्दों के पुनरावृत्ति को रोकने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। सभी की निगाहें आज सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं और उम्मीद है कि कोर्ट का निर्णय सकारात्मक और न्यायसंगत होगा।
Narendra chourasia
14 जून 2024ये सब बकवास है! पेपर लीक? ग्रेस मार्क्स? ये सब बस एक बड़ा धोखा है! NTA के ऊपर भरोसा करना बंद कर दो! ये लोग तो अपनी बेटियों को आईआईटी में डालने के लिए भी झूठ बोल देते हैं!!!
Mohit Parjapat
15 जून 2024भाई ये सब अंग्रेजी वालों की साजिश है! 🇮🇳 हमारे बच्चे अंग्रेजी में बोल नहीं पाते तो उन्हें ग्रेस मार्क्स नहीं देते! अब तो सुप्रीम कोर्ट भी अंग्रेजी के लिए तैयार है! 🤬 भारत की जमीन पर अंग्रेजी बोलने वाले को ही डॉक्टर बनने दो?!
Sumit singh
17 जून 2024अगर तुम्हारा बेटा या बेटी इतना तैयार नहीं है कि एक लीक हुए पेपर के बाद भी टॉप कर सके, तो उसका डॉक्टर बनना ही गलत है। ये देश तो अभी भी भाग्य के आधार पर चल रहा है। तुम अपने बच्चे को ग्रेस मार्क्स की उम्मीद कर रहे हो? ये नहीं कि तुम्हारा बच्चा निष्पक्षता की उम्मीद कर रहा है।
fathima muskan
17 जून 2024क्या तुम्हें लगता है कि ये सब यादृच्छिक है? 🤔 NTA के सीईओ का बेटा आज रात एमबीबीएस में एडमिशन ले रहा है... और तुम्हारा बेटा जो 70% मार्क्स लाया है, उसे ग्रेस मार्क्स नहीं दिए? बस ये है साजिश। अब तो ये नहीं कि पेपर लीक हुआ, बल्कि ये कि लीक होने के बाद भी फैसला लेने वाले लोग उसी परिवार में हैं।
Devi Trias
18 जून 2024निष्पक्षता और पारदर्शिता के संदर्भ में, यह मामला भारतीय शिक्षा प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षण है। यदि एनटीए ने अंकन योजना में विसंगतियाँ दर्ज की हैं, तो उन्हें तुरंत शपथ पत्र के साथ स्पष्टीकरण प्रस्तुत करना चाहिए। अन्यथा, यह एक व्यवस्थित असफलता है।
Kiran Meher
18 जून 2024दोस्तों ये बस एक झटका है... जो भी तैयार है, वो आगे बढ़ेगा। अगर तुमने दिल से पढ़ा है, तो कोई लीक, कोई ग्रेस मार्क्स तुम्हें रोक नहीं सकता। तुम्हारी मेहनत तुम्हारी ताकत है। आज जो भी अपने बच्चे को रोक रहे हैं, वो उनका भविष्य नहीं, अपना डर रोक रहे हैं। तुम जीतोगे। बस लड़ो। 💪
Tejas Bhosale
19 जून 2024ये सब एपिस्टेमोलॉजिकल फ्रेमवर्क में नहीं आता। एक ऑपरेशनल डेफिनिशन के बिना, ग्रेस मार्क्स का कॉन्सेप्ट ही असंगठित है। अगर एनटीए ने अंकन मानदंड नहीं डिफाइन किया, तो ये सिर्फ एक नियंत्रण विफलता है। ये नहीं कि अन्याय है, ये नहीं कि लीक है, ये तो गवर्नेंस फेलियर है।
Asish Barman
20 जून 2024पेपर लीक? अरे भाई तो अभी तक किसी ने एक भी सबूत नहीं दिखाया। बस लोगों के मुंह से निकल रहा है। और ग्रेस मार्क्स? किसी को दिया तो किसी को नहीं? ये तो सिर्फ एक बड़ा बकवास है। मैंने भी नेट देखा था, लेकिन कोई गलती नहीं थी। तुम लोग बस अपने नंबर कम देखकर शिकायत कर रहे हो।
Abhishek Sarkar
20 जून 2024ये सब एक बड़ा अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्र है। जिन लोगों ने अमेरिका और ब्रिटेन में अपने बच्चों को भेज दिया है, वो अब भारत में भी डॉक्टर बनाने नहीं देना चाहते। इसलिए वो लीक कर रहे हैं, इसलिए वो ग्रेस मार्क्स दे रहे हैं, इसलिए वो राष्ट्रीय परीक्षा को बर्बाद कर रहे हैं। ये एक जाल है जिसमें हम सब फंसे हुए हैं। अब तो सुप्रीम कोर्ट को भी बाहरी शक्तियों के खिलाफ खड़ा होना होगा।
Niharika Malhotra
21 जून 2024हर छात्र का भविष्य नहीं बनता बस नंबरों से। अगर तुमने अपना दिल लगाकर पढ़ा है, तो ये जो हो रहा है, वो तुम्हारी ताकत को नहीं बल्कि तुम्हारी लगन को बढ़ाएगा। आज जो भी तुम्हारे साथ हैं, वो तुम्हारे लिए आशीर्वाद हैं। धैर्य रखो। ये तुम्हारी यात्रा है। और तुम अकेले नहीं हो।
Baldev Patwari
21 जून 2024पेपर लीक? ग्रेस मार्क्स? बस अब तो इन सब के बारे में बात करने का कोई मतलब नहीं। तुम जो लोग इतने गुस्से में हो, तुम्हारे पास तो बस एक ही चीज़ है - बेकार का टाइम। ये लोग तो तुम्हारे नंबर से ज्यादा तुम्हारी जिंदगी जी रहे हैं। अब तो अपनी जिंदगी ले लो।
harshita kumari
23 जून 2024ये सब एक बड़ी चाल है जिसे एनटीए ने बनाया है ताकि लोग शिकायत करने लगें और फिर उन्हें भूल जाएं। लीक हुआ तो फिर भी परिणाम जारी कर दिए। ग्रेस मार्क्स दिए तो फिर भी उन्हें छिपा दिया। अब तो सुप्रीम कोर्ट को भी बस एक बयान देना है और फिर ये सब भूल जाना है। ये तो बस एक बड़ा ट्रिक है।
SIVA K P
24 जून 2024तुम सब इतने गुस्से में क्यों हो? तुम्हारा बेटा या बेटी नहीं बन पाया? तो क्या हुआ? अब तो तुम्हें अपने बच्चे को देखना चाहिए, न कि एनटीए को। तुम लोगों के बच्चे तो बस एक नंबर के लिए जी रहे हैं। तुम उन्हें जीवन नहीं, बस एक रैंक दे रहे हो।
Neelam Khan
25 जून 2024तुम लोगों को याद है कि जब तुम छोटे थे, तो तुम्हारे पास कोई नहीं था जो तुम्हें समझता हो? अब तुम अपने बच्चे के लिए यही उम्मीद कर रहे हो। ये सब बदल सकता है। एक बार फिर तुम्हें विश्वास करना होगा। तुम अकेले नहीं हो। और तुम्हारा बच्चा भी अकेला नहीं है।
Jitender j Jitender
25 जून 2024ये एक सिस्टम फेलियर है। लीक होने का मतलब ये नहीं कि अन्याय हुआ, बल्कि ये कि सिस्टम ने अपना ड्यूटी नहीं निभाया। ग्रेस मार्क्स का मुद्दा तो एक अतिरिक्त जटिलता है। अब तो एक इंडिपेंडेंट ऑडिट की जरूरत है। नहीं तो ये फिर से होगा।
Jitendra Singh
26 जून 2024तुम लोगों ने जो लीक का आरोप लगाया है, वो बिल्कुल बेकार है। अगर तुम इतने तैयार नहीं थे, तो तुम्हारे लिए लीक होना भी फायदा नहीं था। तुम्हारा नंबर कम है? तो तुम्हें बस ये बताना है कि तुमने अपना जीवन बर्बाद कर दिया। ये नहीं कि दूसरों को दोष देना है।
VENKATESAN.J VENKAT
27 जून 2024मैंने अपने बेटे को एमबीबीएस के लिए तैयार किया। उसने अपनी पूरी जिंदगी इसके लिए दी। और अब तुम लोग ग्रेस मार्क्स की बात कर रहे हो? ये तो एक अपराध है। अगर तुम्हारा बेटा नहीं बन पाया, तो उसका अपराध नहीं, तुम्हारा है। तुमने उसे सिर्फ नंबरों के लिए पाला है।
Amiya Ranjan
28 जून 2024इस बार तो बहुत बड़ी बात है। जब तक सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला नहीं देगा, तब तक कोई भी अपने भविष्य के बारे में सोच नहीं सकता। लेकिन अगर ये फैसला भी बेकार हुआ, तो फिर ये देश बस एक बड़ा नाटक है।