GST 2.0 के बाद Sensex में उछाल, दो‑स्तरिय कर दरों से बाजार में नई उमंग

GST 2.0 के बाद Sensex में उछाल, दो‑स्तरिय कर दरों से बाजार में नई उमंग

GST 2.0 के बाद Sensex में उछाल, दो‑स्तरिय कर दरों से बाजार में नई उमंग

सितंबर 26, 2025 इंच  व्यापार subham mukherjee

द्वारा subham mukherjee

नवंबर के शुरुआती दिन भारत के स्टॉक मार्केट ने एक तेज़ी भरा कदम उठाया, जब 56वें GST परिषद की बैठक ने दो‑स्तरीय GST ढांचा पेश किया। 5% और 18% की नई दरें मौजूदा 12% और 28% स्लैब को पूरी तरह हटाती हैं, जिससे कर‑सादगी का नया युग शुरू हो रहा है। इस बदलाव के सामने बाजार ने तुरंत अपना समर्थन दिखा, और Sensex ने 81,007 अंक तक पहुंच कर 0.36% की बढ़त दर्ज की।

GST परिषद के प्रमुख निर्णय

कैबिनेट की ओर से चल रहे छह‑माह के अंतराल के बाद, परिषद ने कई लंबी‑विलंबित मुद्दों को सुलझाया। सबसे बड़ा बदलाव दो‑स्तरिय दरों का इन्तेज़ाम है, जो व्यापारियों को अब दो ही दरों में सीमित करेगा। इसके साथ ही, डिमेरिट वस्तुओं – जैसे तंबाकू, शराब और कुछ लक्ज़री आइटम – पर 40% का नया टैक्स स्लैब लागू किया गया। इस फोकस्ड नीति का उद्देश्य कर‑आधार को सुदृढ़ करना और छिपे हुए राजस्व को उजागर करना है।

नवम्बर 17 को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBIC) ने औपचारिक नोटिफिकेशन जारी किया, जिसके अनुसार ये बदलाव 22 नवम्बर से प्रभावी होंगे। इस तिथि के बाद सप्लाई के समय पर आधारित टैक्स लायबिलिटी तय होगी, और इनवॉइस व पेमेंट के टाइमिंग के अनुसार विभिन्न अनुपालन शर्तें लागू होंगी।

बाजार एवं सेक्टर‑वार असर

सिंसेक्स के साथ-साथ Nifty Mid‑Cap 100 ने 0.27% और Nifty Small‑Cap ने 0.53% की वृद्धि दर्ज की, जिससे यह स्पष्ट होता है कि छोटे‑बड़े दोनों कैप्स में निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। कुछ सेक्टर ने तुरंत सकारात्मक प्रतिक्रिया दी:

  • मीडिया शेयरों में 0.98% की उछाल
  • धातु कंपनियों में 0.85% की बढ़त
  • रियल एस्टेट में 0.72% की लाभप्रदता
  • उपभोक्ता ड्यूरेबल्स में 0.24% का थोड़ा सा इजाफा

दूसरी ओर, निजी बैंकों में 0.7% की गिरावट, वित्तीय सेवाओं में 0.56% का दबाव, हेल्थकेयर में 0.33% और फार्मा में 0.27% की मंदी देखी गई। विशेषज्ञ मानते हैं कि उच्च टैक्स स्लैब वाले वस्तुओं की कीमतों में संभावित वृद्धि से इन सेक्टर्स को टेंशन हो सकती है।

संपूर्ण रूप से, GST सुधार का संदेश स्पष्ट है: कर‑संरचना को सादगी की ओर ले जाना, फाइलिंग प्रक्रिया को तेज़ बनाना और रिफंड मैकेनिज्म को स्वचालित करना। सरकार ने प्री‑फ़िल्ड रिटर्न और स्वचालित रिफंड के प्रस्ताव भी रखे हैं, जो व्यवसायों के लिए अनुपालन बोझ को काफी कम कर सकते हैं। विदेशी निवेशकों को भी नई ITC (इनपुट टैक्स क्रेडिट) नियम, आयात कर और रिफंड प्रक्रिया के बारे में विशेष सलाह दी गई है, जिससे उनका विश्वास भी बढ़ता दिख रहा है।


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subham mukherjee

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मैं एक प्रतिष्ठित पत्रकार और लेखक हूँ, जो दैनिक खबरों से जुड़े मुद्दों पर लिखना पसंद करता हूँ। मैंने कई प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों में कार्य किया है और मुझे जनता को सही और सटीक जानकारी प्रदान करने में खुशी मिलती है।

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