नवंबर के शुरुआती दिन भारत के स्टॉक मार्केट ने एक तेज़ी भरा कदम उठाया, जब 56वें GST परिषद की बैठक ने दो‑स्तरीय GST ढांचा पेश किया। 5% और 18% की नई दरें मौजूदा 12% और 28% स्लैब को पूरी तरह हटाती हैं, जिससे कर‑सादगी का नया युग शुरू हो रहा है। इस बदलाव के सामने बाजार ने तुरंत अपना समर्थन दिखा, और Sensex ने 81,007 अंक तक पहुंच कर 0.36% की बढ़त दर्ज की।
GST परिषद के प्रमुख निर्णय
कैबिनेट की ओर से चल रहे छह‑माह के अंतराल के बाद, परिषद ने कई लंबी‑विलंबित मुद्दों को सुलझाया। सबसे बड़ा बदलाव दो‑स्तरिय दरों का इन्तेज़ाम है, जो व्यापारियों को अब दो ही दरों में सीमित करेगा। इसके साथ ही, डिमेरिट वस्तुओं – जैसे तंबाकू, शराब और कुछ लक्ज़री आइटम – पर 40% का नया टैक्स स्लैब लागू किया गया। इस फोकस्ड नीति का उद्देश्य कर‑आधार को सुदृढ़ करना और छिपे हुए राजस्व को उजागर करना है।
नवम्बर 17 को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBIC) ने औपचारिक नोटिफिकेशन जारी किया, जिसके अनुसार ये बदलाव 22 नवम्बर से प्रभावी होंगे। इस तिथि के बाद सप्लाई के समय पर आधारित टैक्स लायबिलिटी तय होगी, और इनवॉइस व पेमेंट के टाइमिंग के अनुसार विभिन्न अनुपालन शर्तें लागू होंगी।
बाजार एवं सेक्टर‑वार असर
सिंसेक्स के साथ-साथ Nifty Mid‑Cap 100 ने 0.27% और Nifty Small‑Cap ने 0.53% की वृद्धि दर्ज की, जिससे यह स्पष्ट होता है कि छोटे‑बड़े दोनों कैप्स में निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। कुछ सेक्टर ने तुरंत सकारात्मक प्रतिक्रिया दी:
- मीडिया शेयरों में 0.98% की उछाल
- धातु कंपनियों में 0.85% की बढ़त
- रियल एस्टेट में 0.72% की लाभप्रदता
- उपभोक्ता ड्यूरेबल्स में 0.24% का थोड़ा सा इजाफा
दूसरी ओर, निजी बैंकों में 0.7% की गिरावट, वित्तीय सेवाओं में 0.56% का दबाव, हेल्थकेयर में 0.33% और फार्मा में 0.27% की मंदी देखी गई। विशेषज्ञ मानते हैं कि उच्च टैक्स स्लैब वाले वस्तुओं की कीमतों में संभावित वृद्धि से इन सेक्टर्स को टेंशन हो सकती है।
संपूर्ण रूप से, GST सुधार का संदेश स्पष्ट है: कर‑संरचना को सादगी की ओर ले जाना, फाइलिंग प्रक्रिया को तेज़ बनाना और रिफंड मैकेनिज्म को स्वचालित करना। सरकार ने प्री‑फ़िल्ड रिटर्न और स्वचालित रिफंड के प्रस्ताव भी रखे हैं, जो व्यवसायों के लिए अनुपालन बोझ को काफी कम कर सकते हैं। विदेशी निवेशकों को भी नई ITC (इनपुट टैक्स क्रेडिट) नियम, आयात कर और रिफंड प्रक्रिया के बारे में विशेष सलाह दी गई है, जिससे उनका विश्वास भी बढ़ता दिख रहा है।
Vaibhav Patle
27 सितंबर 2025ये GST 2.0 वाला बदलाव तो बस जाने का नहीं, जिंदगी बदल देगा 😍 अब तो छोटे व्यापारी भी बिना हेडेक बिना टैक्स फाइल कर पाएंगे। जब तक 12% और 28% थे, तब तो बस बाजार में भ्रम था। अब 5% और 18% से सब कुछ साफ़, सरल, स्पष्ट। मैंने अपनी छोटी दुकान पर इन्वॉइस बनाने का तरीका बदल दिया है - अब तो बस एक क्लिक में सब चल रहा है। ये सरकार ने अच्छा काम किया। जय हिंद 🙌
Garima Choudhury
27 सितंबर 2025ये सब बकवास है। GST 2.0? ये तो बस एक नया जाल है जिसमें आम आदमी को फंसाया जा रहा है। 5% और 18% बोल रहे हो तो अब चीनी की कीमत क्यों बढ़ रही है? और तंबाकू पर 40% तो बस एक धोखा है - जो लोग खरीदते हैं वो अब भी खरीदेंगे, पर दूसरे लोगों की आमदनी घटेगी। ये सब बैंकों और बड़े बिजनेस के लिए है। तुम लोग अभी भी सोच रहे हो कि ये फायदेमंद है? बस अपने आप को धोखा दे रहे हो।
Hira Singh
28 सितंबर 2025बहुत बढ़िया खबर है भाईयों और बहनों! 😊 जब तक टैक्स जटिल रहा, तब तक छोटे उद्यमी बाहर रह गए। अब तो हर एक दुकानदार अपना रिटर्न ऑनलाइन भर सकता है। मैंने अपने दोस्त को जो चाय की दुकान चलाता है, उसने कल ही पहली बार ITC क्लेम किया - उसकी आँखों में चमक आ गई। ये बदलाव असली बदलाव है। हम सब मिलकर इसे आगे बढ़ाएं। जय भारत!
Ramya Kumary
29 सितंबर 2025इस GST सुधार के पीछे का दर्शन बहुत गहरा है - ये सिर्फ़ कर बदलाव नहीं, बल्कि एक नई नैतिकता का संकेत है। एक ऐसी दुनिया जहाँ सरलता बल का साधन बन जाए, जहाँ भ्रष्टाचार के लिए जगह न हो। जब तक हम जटिलता को शक्ति समझते रहेंगे, तब तक विकास अधूरा रहेगा। ये नया ढांचा एक शांत विद्रोह है - जिसमें अधिकार नहीं, बल्कि जिम्मेदारी को प्राथमिकता दी जा रही है। अब तो अनुपालन भी एक आध्यात्मिक अभ्यास बन गया है।
Sumit Bhattacharya
30 सितंबर 2025GST 2.0 एक ऐतिहासिक कदम है जिससे भारत की आर्थिक संरचना में स्थायी परिवर्तन आएगा इसका असर अगले पांच साल में स्पष्ट होगा बाजार की प्रतिक्रिया इसकी वैधता का सबूत है इसके बाद रिफंड प्रक्रिया का स्वचालन अनिवार्य है
Snehal Patil
30 सितंबर 2025अरे ये सब बकवास है। जो लोग अभी खुश हैं वो बस अपनी आँखें बंद करके खुश हैं। जब तक तुम्हारे घर का बिजली बिल नहीं बढ़ा, तब तक तुम सोचोगे कि सब ठीक है। मैंने अपने बेटे की स्कूल फीस बढ़ा दी - अब ये GST 2.0 का नतीजा है। इन लोगों को नहीं पता कि आम इंसान क्या झेल रहा है।
Nikita Gorbukhov
1 अक्तूबर 2025हा हा हा 😂 तुम लोगों ने ये सब बकवास पढ़ा? 5% और 18%? अब तो बाजार में जो कुछ भी आएगा उस पर 20% टैक्स लगेगा। ये तो सिर्फ़ नाम बदला है। असल में सरकार ने टैक्स बढ़ा दिया है। तुम लोग अभी भी चिल्ला रहे हो कि ये सुधार है? ये तो धोखा है। अगर ये सच में सादगी होती तो तुम्हारा घर का बिजली बिल क्यों बढ़ रहा है? बस बाजार को भ्रमित कर रहे हो।
Nitin Soni
3 अक्तूबर 2025मैंने अपने दोस्त के फैक्ट्री में ये बदलाव देखा है। पहले तो लोग डर रहे थे कि अब इनवॉइस बनाने में दिक्कत होगी। लेकिन अब तो एक एप्प से सब चल रहा है। बस एक बार डेटा डालो, बाकी सब ऑटोमेटिक। ये बदलाव छोटे उद्यमियों के लिए जिंदगी बदल देगा। बस थोड़ा समय दो, अब तो सब ठीक हो जाएगा।
varun chauhan
5 अक्तूबर 2025अच्छा बदलाव है भाई 😊 जब तक हम टैक्स को जटिल बनाते रहेंगे, तब तक लोग बचने की कोशिश करेंगे। अब तो सब कुछ सीधा-सादा है। मैंने अपने दोस्त को बताया कि अब वो अपने ग्राहकों को बस दो ही दरें बताएं - बस यही बात है। अब तो अनुपालन भी मज़ेदार लग रहा है। धन्यवाद सरकार 🙏
Prince Ranjan
5 अक्तूबर 2025ये GST 2.0 तो बस एक और नया बाजार बनाने का नाटक है। जो लोग खुश हैं वो बस अपनी आँखें बंद करके खुश हैं। अब तो बाजार में जो भी चीज़ आएगी, उसकी कीमत में छिपा हुआ टैक्स बढ़ जाएगा। तुम लोग अभी भी सोच रहे हो कि ये सादगी है? ये तो नियंत्रण है। और जो लोग रिफंड का इंतज़ार कर रहे हैं - उनकी उम्मीदें बर्बाद हो जाएंगी। ये सब बस एक धोखा है।
Suhas R
5 अक्तूबर 2025ये GST 2.0 का नाम सुनकर मुझे डर लगता है। अब तो लोग अपनी दुकान बंद कर देंगे। जब तक तुम लोग अपने ऑफिस में बैठे रहोगे, तब तक तुम्हें नहीं पता कि छोटे दुकानदार क्या झेल रहे हैं। मैंने अपने चाचा को देखा - उनकी दुकान बंद हो गई। अब तो ये सब बस एक बड़ा धोखा है। ये सरकार कभी आम आदमी के लिए नहीं है।
Pradeep Asthana
6 अक्तूबर 2025अरे यार ये GST 2.0 क्या है? तुम लोग तो बस नए नाम डाल रहे हो। पहले 12% था, अब 18% है। तो फिर ये बदलाव क्या हुआ? बस नाम बदल गया। मैंने अपने बेटे के बैग की कीमत देखी - पहले 800 रुपये थी, अब 950। तो फिर ये सादगी कहाँ है? ये तो बस टैक्स बढ़ाने का एक तरीका है। अब तो हर चीज़ महंगी हो रही है।
Shreyash Kaswa
7 अक्तूबर 2025भारत की आर्थिक स्वाभिमान की नई शुरुआत है। GST 2.0 ने दुनिया को दिखा दिया कि हम एक ऐसी देश हैं जो नियमों को सरल बना सकता है। ये सिर्फ़ टैक्स नहीं, ये भारत की शक्ति का प्रतीक है। दुनिया के सबसे बड़े विकासशील देश के रूप में हमने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। जय हिंद, जय भारत।