राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2024: भारतीय सिनेमा का महोत्सव
भारतीय सिनेमा के उत्कृष्ट योगदानों को सम्मानित करने के लिए हर वर्ष आयोजित होने वाले राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की घोषणा 2024 के लिए हो चुकी है। इस साल के पुरस्कार कई मायनों में खास रहे हैं, क्योंकि इसमें हिंदी, तमिल, तेलुगु और मलयालम जैसी विभिन्न भाषाओं के सिनेमा को पहचान और सम्मान दिया गया है। यह एक ऐसा मंच है जहाँ कला का असली मोल सिनेमा के दीवानों और कलाकारों को उनके बेहतरीन काम के लिए दिया जाता है।
सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म: 'द केरला स्टोरी'
सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का प्रतिष्ठित पुरस्कार निर्देशक सुधीप्ता सेन की फिल्म 'द केरला स्टोरी' को मिला है। यह फिल्म भारतीय समाज की विभिन्न पहलुओं को बखूबी चित्रित करती है और इसमें उत्कृष्ट अभिनय और निर्देशन का नमूना दिखाया गया है। फिल्म न केवल कहानी और प्रजेंटेशन में उत्कृष्ट है, बल्कि इसके सिनेमा की तकनीकी गुणवत्ता भी अव्वल दर्जे की रही है।
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और अभिनेत्री
इस बार के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार राजकुमार राव को 'श्रीकांत बोला' में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए मिला है। राव ने अपनी अदाकारी से एक बार फिर साबित कर दिया कि वे भारतीय सिनेमा के सबसे बेहतरीन अभिनेता में से एक हैं। वहीं, अदाह शर्मा ने 'द केरला स्टोरी' में अपने बेहतरीन प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीता है।
सर्वश्रेष्ठ निर्देशक
सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार सुधीप्ता सेन को 'द केरला स्टोरी' के लिए मिला है। उनकी चतुराई और क्रिएटिविटी ने इस फिल्म को ऊँचाइयों तक पहुँचाया है।
अन्य पुरस्कार
- सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता: पंकज त्रिपाठी ('ओ माय गॉड 2')
- सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री: आलिया भट्ट ('जवान')
- सर्वश्रेष्ठ नवोदित फिल्म: 'द स्टोरीटेलर' (अनंत नारायण महादेवन)
- सर्वश्रेष्ठ बच्चों की फिल्म: 'द स्टोरीटेलर'
- सर्वाधिक फिल्म-फ्रेंडली राज्य: ओडिशा
- विशिष्ट भाषा में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म: हिंदी - 'द केरला स्टोरी', तमिल - 'थलैकोथल', तेलुगु - 'रंगमर्थंडा', मलयालम - 'पचुवुम अथभुतविलक्कुम'
- सर्वश्रेष्ठ पटकथा लेखक (डायलॉग): सुधीप्ता सेन ('द केरला स्टोरी')
- सर्वश्रेष्ठ छायांकन: सचिन के. कृष्ण ('द केरला स्टोरी')
इसके अतिरिक्त, गैर-फीचर फिल्म और सिनेमा पर बेहतरीन लेखन के क्षेत्र में भी कई पुरस्कार दिए गए हैं। 'शिवम्मा' को सर्वश्रेष्ठ गैर-फीचर फिल्म का पुरस्कार मिला है जबकि सिनेमा पर बेहतरीन लेखन के लिए श्रीराम श्रीनिवासन को उनकी पुस्तक 'हम्सा गीत' के लिए पुरस्कृत किया गया है।
यह पुरस्कार समारोह इस बात का प्रतिपादन करता है कि भारतीय सिनेमा की रचनात्मकता और विविधता हर दिन नई ऊंचाइयों को छूती है। यह भारतीय सिनेमा का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जो आने वाले समय के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत है।