जब इंडिया मेटेरोलॉजिकल डिपार्टमेंट ने मॉनसून के पीछे हटने के बाद दिल्ली‑NCR, उत्तर प्रदेश और बिहार में बारिश अलर्ट जारी किया, तो शहर‑वासियों ने तुरंत अपने कपड़े और छाते निकाल लिए। इस अलर्ट में बताया गया कि 2 अक्टूबर से लेकर 8 अक्टूबर तक धूप-बारिश का मिश्रण रहेगा, जबकि 6‑7 अक्टूबर को "पश्चिमी डिस्टर्बेंस" से भारी बारिश की संभावना है।
मौसम के इतिहासिक परिप्रेक्ष्य
भारत में प्रत्येक वर्ष के अक्टूबर में मॉनसून की फेज़ धीरे‑धीरे घटती है, परन्तु कभी‑कभी गहरा‑दबाव (डिप्रेसन) या पश्चिमी डिस्टर्बेंस (Western Disturbance) अचानक भारी बारिश लेकर आता है। पिछले पाँच वर्षों में अक्टूबर की औसत बारिश 30 mm रही, पर 2025 में पूर्वानुमानित मात्रा 75 mm तक पहुँच सकती है, जोकि रिकॉर्ड‑ब्रेकिंग माना जा रहा है।
इस बार मौसम विज्ञानियों ने 2 अक्टूबर को जारी विशेष बुलेटिन में कहा कि बंगाल की खाड़ी से उत्पन्न गहरा दबाव पश्चिमी उत्तर‑भारत तक पहुँचकर तेज़ हवाओं और बूँदाबांदी को सघन कर देगा। उसी समय उत्तर‑पूर्वी भारत में भी हल्की बौछारें होने की संभावना है।
दिल्ली‑NCR का विस्तृत मौसम पूर्वानुमान
दिल्ली‑NCR में 1‑2 अक्टूबर को हल्की बौछार के साथ अधिकतम तापमान 33‑35 °C और न्यूनतम 24‑26 °C रहा। 2 अक्टूबर को 64 % संभावित बारिश के साथ तापमान 37 °C तक पहुंच गया, जबकि हवा की गति 50 किमी/घंटा तक बढ़ी।
3‑4 अक्टूबर को दिन भर बादलछाया रहेगी, तापमान 34 °C तक घटेगा और संभावित कई ठंडी बूँदें गिरेंगी। 5 अक्टूबर पर तापमान फिर 35 °C तक बढ़ेगा, परन्तु शाम के समय हल्की बौछार की सम्भावना रहती है। 6‑7 अक्टूबर को पश्चिमी डिस्टर्बेंस उत्तरी भारत के कारण भारी बारिश होगी; तापमान 22 °C तक गिरकर सर्दी की झलक दिखाएगा। 8 अक्टूबर को आंशिक बादल के साथ तापमान 31 °C तक स्थिर रहेगा।
- 2 अक्टूबर: अधिकतम 37 °C, न्यूनतम 25 °C, बारिश की संभावना 64 %।
- 3 अक्टूबर: अधिकतम 34 °C, न्यूनतम 25 °C, बिखरी बौछार।
- 6‑7 अक्टूबर: संभावित भारी बारिश, तापमान 22‑24 °C के बीच।
- पूरे सप्ताह में कुल अनुमानित वर्षा ≈ 75 mm।
इस सर्दी‑रहीत मौसम ने दिल्ली के कई इलाकों में जलभराव और ट्रैफ़िक जाम पैदा किया, परन्तु गर्मी के कारण हुई चिपचिपी साँसों को थोड़ा राहत मिली।
उत्तर प्रदेश और बिहार में स्थितियों का जायजा
उत्तरी भारत के दो सबसे बड़े राज्यों, उत्तर प्रदेश और बिहार, में भी समान पैटर्न दिख रहा है। 2‑3 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के उत्तर‑पश्चिमी भाग में हल्की बूँदाबांदी हुई, जबकि 3‑4 अक्टूबर को बिहार के प्रमुख क्षेत्रों में लगातार भारी बारिश दर्ज की गई। विशेष रूप से पटना, गोरखपुर और गाजियाबाद में दो‑तीन घंटे में सड़कों पर पानी जमा हो गया।
किसान संगीता लाल (किशोर किसान, मेरठ) ने कहा, "बारिश से खेतों में नमी वापस आई, परन्तु जलभराव से ट्रैक्टर चलाना मुश्किल हो गया।" इसी तरह, पटना के रजेश कुमार (स्थानीय व्यापारी) ने बताया कि बाजार में भीड़ कम होने के कारण दाल‑चना के दाम थोड़े गिर गए।
विज्ञानियों और अधिकारियों की प्रतिक्रिया
इंडिया मेटेरोलॉजिकल डिपार्टमेंट के वरिष्ठ वैज्ञानिक नरेश कुमार ने कहा, "हमने दिल्ली‑NCR के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जिसका मतलब है हल्की बूँदाबांदी। मौसम मंत्रालय ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे जल जमाव वाले क्षेत्रों से बचें और आवश्यकतानुसार वैकल्पिक मार्ग अपनाएँ।"
दिल्ली के मौसम विभाग ने भी राब्ता‑रोकथाम के लिए 12 मिलियन लीटर जल निकासी क्षमता वाले अतिरिक्त पंपों को सक्रिय कर दिया है। नगर निगम ने ट्रैफ़िक नियोजन में परिवर्तन किया, जिससे प्रमुख लूप और द्वार पर वैकल्पिक मार्ग खुल गए।
समाजिक एवं आर्थिक प्रभाव
बारिश ने कई छोटे‑बड़े व्यवसायों को अस्थायी रूप से प्रभावित किया, परन्तु ओवरहीटिंग के कारण रोज़ाना बढ़ते ऊर्जा बिल और स्वास्थ्य समस्याओं से राहत के लिहाज़ से यह एक वरदान भी माना जा रहा है। एटीएम और बैंक शाखाओं में कभी‑कभी वैकल्पिक जनरेटर्स चलाने की आवश्यकता पड़ी, परन्तु कुल मिलाकर आर्थिक नुकसान सीमित रहा।
शिक्षा क्षेत्र में 2‑3 अक्टूबर को कई स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई, जबकि ऑनलाइन कक्षाओं में भागीदारी में 12 % की बढ़ोतरी हुई। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि इन दिनों मौसमी धूल के कारण आंखों की जलन में गिरावट आई, परन्तु बारिश के साथ ही बायोटिक करंट जैसी बीमारियों (टाइफाइड, डायरिया) के केस भी बढ़ने की आशंका है।
आगे क्या उम्मीद है?
10‑15 अक्टूबर के बीच मौसम विज्ञानियों ने कहा है कि अधिकांश हिस्सों में तापमान सामान्य स्तर पर लौट आएगा, परन्तु पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में तापमान 2‑3 °C ऊपर रहने की संभावना है। इस दौरान नई विस्तृत बुलेटिन जारी की जाएगी, इसलिए लोगों को नियमित अपडेट पर नज़र रखनी चाहिए।
यदि पश्चिमी डिस्टर्बेंस के कारण 6‑7 अक्टूबर को भारी बारिश होती है, तो अगले सप्ताह के मध्य में हवा की दिशा बदलकर दक्षिण‑पश्चिमी दिक्का लेगी, जिससे उत्तर‑पूर्वी भारत में फिर से हल्की बूँदाबांदी हो सकती है। यह मौसम परिवर्तन न केवल कृषि बल्कि जल संसाधन प्रबंधन के लिए भी एक महत्वपूर्ण संकेत है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
बारिश अलर्ट का मतलब क्या है?
येलो अलर्ट का अर्थ है हल्की बूँदाबांदी की संभावना, जिससे यातायात और जलनिकासी पर असर पड़ सकता है। लोग को सलाह दी जाती है कि वे गीले रास्तों से बचें और आवश्यकता होने पर वैकल्पिक मार्ग अपनाएँ।
कौन‑से क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना है?
6‑7 अक्टूबर को पश्चिमी डिस्टर्बेंस के कारण उत्तर‑पश्चिमी भारत, विशेषकर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली‑NCR और उत्तरी राजस्थान में भारी बारिश की संभावना है। बिहार में 3‑4 अक्टूबर को भी तीव्र बौछारें दर्ज हुई थीं।
बारिश से तापमान में कितना बदलाव आएगा?
आम तौर पर तापमान 3‑5 °C तक गिरता है। 6‑7 अक्टूबर को दिल्ली‑NCR में न्यूनतम 22 °C तक गिरने की संभावना है, जबकि अधिकतम 30‑32 °C के आसपास रहेगा।
क्या इस बारिश से खेती पर असर पड़ेगा?
हल्की बूँदाबांदी से जलस्रोत भरेंगे, जो आगे की फसल को आवश्यक नमी देंगे। परन्तु अत्यधिक जलभराव से निचली जलस्थिति वाले खेतों में जमे हुए पानी की समस्या हो सकती है, इसलिए किसानों को सतही जल निकासी पर ध्यान देना चाहिए।
भविष्य में मौसम विभाग से क्या उम्मीद की जा सकती है?
आगे के दो हफ्तों में मौसम विभाग नियमित अपडेट जारी करेगा, विशेषकर पश्चिमी डिस्टर्बेंस के प्रभावों को देखते हुए। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे आधिकारिक बुलेटिन और ऐप्स पर नजर रखें।
PARVINDER DHILLON
3 अक्तूबर 2025बारिश की अलर्ट ने कई लोगों को गीले जूते से बचाने की याद दिला दी 😊। येलो अलर्ट का मतलब हल्की बूँदाबांदी है, इसलिए यात्रा में थोड़ा सावधानी बरतें। फसल के लिए थोड़ी नमी अच्छा है, पर जलभराव से बचें। सभी को सुरक्षित रहने की शुभकामनाएँ।