मैच की झलक और अंतिम रोमांच
इंग्लैंड वुमेन्स ने एड़्गबस्टन में आयोजित पाँचवें और आखिरी टी20I में पांच विकेट की पतली मार से 5‑विकेट जीत हासिल की। फिर भी, India Women T20I series का असली नतीजा भारत के पक्ष में आया, क्योंकि उन्होंने सीरीज 3-2 से जीती। यह मैच आखिरी ओवर तक तनावपूर्ण बना रहा; दोनों टीमें बराबर की धारा में बहती रही और दर्शकों को सीट के किनारे पर बिठा कर रख दिया।
भारत ने पहले बैटिंग करते हुए 20 ओवर में 167/7 का लक्ष्य बनाकर अपने लिए एक चुनौतीपूर्ण टोटल रखी। इस इन्ंनिंग में शफाली वर्मा ने 41 गेंदों में 75 रन की जबरदस्त पारी खेली, जिससे वह साक्ष्य देती रहीं कि वह अपना अक्रामक खेल शैली नहीं छोड़ेंगी। रिचा घोष ने 16 गेंदों में 24 रन की तीव्र पारी देकर उसका साथ दिया, जबकि बैंकर की टीम की पिच भी तेज़ थी, जिससे स्कोर बना रहना आसान नहीं था।
इंग्लैंड की गेंदबाज़ी में चार्ली डीन ने चार ओवरों में 3 विकेट 23 रन दिए, जबकि सोफ़ी एक्लेस्टोन ने 2 विकेट 28 रन में मदद की। भारत की गेंदबाज़ी में दीप्ती शर्मा (2/31) और अरण्धती रेड्डी (2/47) ने महत्वपूर्ण पलों में रोक थी, फिर भी अंतिम ओवर में भारत को घुटन की स्थिति से बाहर निकले बिना नहीं जाना पड़ा।
छक्के की पारी फिर से इंग्लैंड के लिये खुली, जब वे 168 रन का लक्ष्य पाने के लिये बैटिंग कर रही थीं। डैनी वायट‑हॉज ने 37 गेंदों में 56 रन की स्थिर पारी खेली, जबकि सोफ़िया डंकली ने 30 गेंदों में 46 रन के साथ त्वरित गिनती बढ़ाई। दोनों ने मिलकर टेंशन को कम किया, पर इंग्लैंड को लक्ष्य हासिल करने के लिये आखिरी गेंद तक इंतज़ार करना पड़ा। अंत में टीम ने ठीक 20 ओवर में 168/5 कर ली और खेल को अपने नाम कर लिया। इस जीत के साथ इंग्लैंड ने एक सफ़ेद पत्थर को टाल दिया, पर सीरीज में उनका उपस्थिति नहीं बची।
मैच के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का खिताब चार्ली डीन को उनके 3/23 के बेहतरीन स्पेल के कारण दिया गया। वहीं सीरीज का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी श्री चारानी रहे, जिन्होंने पूरे पाँच मैचों में निरंतर प्रदर्शन का स्तर दिखाया।

सीरीज की समग्र तस्वीर और भविष्य की उम्मीदें
सीरीज के दौरान भारत ने दिखाया कि वह इंग्लैंड की घर की पिचों को भी अपने हिसाब से मोड़ सकती है। टीम ने पहले चार खेलों में तीन जीत हासिल करके हावी बनकर दिखे, जिससे सामने वाले टीम को बड़ी सीख मिली। हारमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारतीय दल ने टीम वर्क और रणनीतिक गेम प्लान में निखार दिखाया, जिससे सीज़न के अंत में ट्रॉफी हाथ में आती है।
शफाली वर्मा का 75 रन का जलसा न केवल इस मैच में बल्कि पूरे टूर में उनकी महत्वाकांक्षा को उजागर करता है। उनकी इस पारी ने कई विशेषज्ञों को बताने पर मजबूर कर दिया कि वह अगले ODI विश्व कप में शीर्ष बॅटरियों में जगह बना सकती है। वहीं मिस्मृति मंदाना ने पूरे सीरीज में सबसे अधिक रन बनाए, जिससे शफाली के बाद दूसरे क्रम में वह रैंक करती हैं।
इस जीत से भारतीय महिला क्रिकेट का मनोबल नई ऊँचाइयों पर पहुँच गया है। आधुनिकीकरण, बेहतर प्रशिक्षण सुविधाएँ और अधिक अंतरराष्ट्रीय अनुभव ने टीम को एक नया स्तर दिया है। इंग्लैंड की महिला टीम ने भी इस सीरीज में अपनी लचीलापन और तकनीकी कौशल दिखाया, और खबरों में कहा गया है कि वे अगले साल की टूर की तैयारियों में इस अनुभव का लाभ उठाएंगी।
- शफाली वर्मा – 75 रन (सबसे प्रभावशाली पारी)
- डैनी वायट‑हॉज – 56 रन (इंग्लैंड की जीत में मुख्य शख्स)
- चार्ली डीन – 3/23 (मैच में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़)
- श्री चारानी – सीरीज का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी
समग्र रूप से, यह पाँच-मैच वाली टूर दोनों देशों के लिए सीखने और आगे बढ़ने का एक शानदार अवसर रही। भारत के लिये यह जीत न केवल ट्रॉफी का उत्सव है, बल्कि टीम के भविष्य के बड़े टूर्नामेंट में आत्मविश्वास का भी परिचायक है। इंग्लैंड के लिये यह आखिरी जीत एक संकेत है कि अगर वे अपने खेल में छोटी-छोटी गलतियों को दूर कर पाती हैं, तो आने वाले मैचों में भी वे प्रतिस्पर्धी बनी रहेंगी।