डेडलाइन विस्तार की पृष्ठभूमि और वर्तमान स्थिति
वित्तीय वर्ष 2024‑25 (आकलन वर्ष 2025‑26) की आयकर रिटर्न (ITR) फाइलिंग डेडलाइन ने पिछले कुछ महीनों में करदाताओं और कर‑पेशेवरों के बीच काफी उलझन पैदा की थी। प्रारम्भिक तौर पर गैर‑ऑडिट करदाताओं के लिये अंतिम तिथि 31 जुलाई 2024 निर्धारित थी, परन्तु आयकर पोर्टल में आई तकनीकी समस्याओं के कारण इसे 16 सितंबर 2025 तक बढ़ा दिया गया। इस विस्तार का मुख्य उद्देश्य उन लाखों करदाताओं को राहत देना था, जो पोर्टल‑संबंधी त्रुटियों से जूझ रहे थे।
इस दौरान सोशल मीडिया पर कई झूठी पोस्ट भड़क गईं, जिनमें यह कहा गया था कि डेडलाइन को 30 सितंबर 2025 तक और भी बढ़ा दिया गया है। इन अफ़वाहों को खारिज करने के लिये आयकर विभाग ने ट्विटर (अब X) पर आधिकारिक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि ऐसी कोई अतिरिक्त विस्तार नहीं हुई है और घोषित समय‑सीमा ही लागू है।
डेडलाइन का पुनः निर्धारण इसलिए भी आवश्यक हो गया, क्योंकि वर्ष की शुरुआत में ITR फॉर्मों में कई बदलाव किए गए थे। कई करदाताओं को नए फ़ॉर्म को समझने और सही‑सही भरने में अतिरिक्त समय चाहिए था, इसलिए आधिकारिक तौर पर फाइलिंग विंडो को 15 सितंबर 2025 तक बढ़ा दिया गया। यह विस्तार सभी वर्गों पर समान नहीं था; विभिन्न करदाता श्रेणियों के लिए अलग‑अलग अंतिम तिथियाँ निर्धारित की गईं।
ITR फ़ाइलिंग डेडलाइन के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
- गैर‑ऑडिट व्यक्तिगत करदाता, HUF, AOP और BOI: 16 सितंबर 2025 तक।
- ऑडिट‑आवश्यक व्यवसाय: 31 अक्टूबर 2025 तक।
- ट्रांसफर प्राइसिंग रिपोर्ट वाले व्यवसाय: 30 नोवम्बर 2025 तक।
इसके अलावा, आयकर विभाग ने FY 2024‑25 के लिये टैक्स ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तिथि भी 31 अक्टूबर 2025 तक बढ़ा दी। यह निर्णय कई प्रोफेशनल संस्थाओं, विशेषकर चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की माँगों के बाद लिया गया, जिनका कहना था कि प्राकृतिक आपदाओं, बाढ़ और अन्य कारणों से कई क्षेत्रों में कामकाज प्रभावित हुआ।
दंड, लेट‑फाइलिंग प्रक्रिया और पेशेवर राय
डेडलाइन को न मानने पर करदाताओं को सेक्शन 234F और 234A के तहत दंड और ब्याज का सामना करना पड़ता है। सेक्शन 234F के अनुसार, यदि कुल आय ₹5 लाख से अधिक है तो ₹5,000 का फाइलिंग लेट फीस लागू होता है, जबकि आय ₹5 लाख से कम होने पर ₹1,000 का दंड लगता है। सेक्शन 234A के तहत बकाया टैक्स पर 1 % प्रति माह का ब्याज वसूला जाता है।
डेटलाइन के बाद भी करदाता 31 दिसंबर 2025 तक लेट रिटर्न दाखिल कर सकते हैं, लेकिन इस पर अतिरिक्त फीस और ब्याज लगेगा। संशोधित रिटर्न भी उसी तारीख तक दाखिल किया जा सकता है, जबकि अपडेटेड रिटर्न की अंतिम तिथि 31 मार्च 2030 तक बढ़ा दी गई है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और टैक्स प्रोफेशनल्स की इस निर्णय पर मिली-जुली प्रतिक्रिया रही है। अधिकांश ने तकनीकी समस्याओं के कारण विस्तार को स्वागत किया, परन्तु उन्होंने भविष्य में ऐसी समस्याओं के लिए अधिक स्थिर आईटी बुनियादी ढाँचे की माँग की। उन्होंने यह भी कहा कि बड़े पैमाने पर रिटर्न जमा करने के पीक सीजन में पोर्टल की क्षमता को बढ़ाना अनिवार्य है, ताकि सिस्टम डाऊन या लैंब्डा जैसी समस्याएँ न हों।
डेडलाइन के विभिन्न वर्गों को स्पष्ट करने के लिये नीचे एक संक्षिप्त सारणी दी गयी है:
- गैर‑ऑडिट व्यक्तिगत / HUF / AOP / BOI – 16 सितंबर 2025
- ऑडिट‑आवश्यक व्यवसाय – 31 अक्टूबर 2025
- ट्रांसफर‑प्राइसिंग रिपोर्ट वाले – 30 नोवम्बर 2025
- टैक्स ऑडिट रिपोर्ट जमा – 31 अक्टूबर 2025
- लेट रिटर्न (सभी वर्ग) – 31 दिसंबर 2025
- संशोधित रिटर्न – 31 दिसंबर 2025
- अपडेटेड रिटर्न – 31 मार्च 2030
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2025 के अंत तक लगभग 7.57 कोर आयकर रिटर्न फाइल हो चुके हैं, और 4.02 लाख से अधिक टैक्स ऑडिट रिपोर्ट अपलोड की गई हैं। यह संख्या दर्शाती है कि बड़े पैमाने पर रिटर्न प्रोसेसिंग की क्षमता में सुधार की आवश्यकता अभी भी मौजूद है।
समग्र रूप से, CBDT ने तकनीकी गड़बड़ी के कारण हुए नुकसान को कम करने के लिये जरूरी कदम उठाए हैं, परन्तु कर प्रणाली की डिजिटल स्थिरता को बेहतर बनाने की दिशा में और भी सुधार आवश्यक है। करदाता, प्रोफेशनल और नियामक सभी को मिलकर इस दिशा में काम करने की जरूरत होगी, ताकि भविष्य में ऐसी अनावश्यक उलझन से बचा जा सके।
Seemana Borkotoky
26 सितंबर 2025ये डेडलाइन बढ़ाने का फैसला अच्छा रहा, वरना बहुत सारे लोग गलती से लेट फाइल कर जाते। अब तो घर बैठे-बैठे ITR भरने का मौका मिल गया। 😊
Sweety Spicy
27 सितंबर 2025अरे भाई, ये सब बकवास है। जब तक सरकार अपना पोर्टल ठीक नहीं करेगी, तब तक हमें डेडलाइन बढ़ाने का शौक रहेगा। ये जो बढ़ाया गया, वो तो बस एक धोखा है - असली समस्या तो सिस्टम की बेकारियत है।
Arya Darmawan
27 सितंबर 2025अगर आपको लगता है कि ये डेडलाइन बढ़ाना बस एक तकनीकी चाल है, तो आप गलत हैं। ये एक इंसानी निर्णय है। करदाता को अपना टैक्स भरने में दिक्कत हो रही थी, और सरकार ने सुना। इसलिए ये विस्तार एक जीत है - आम आदमी की जीत।
Jasdeep Singh
27 सितंबर 2025अब तो ये चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के लिए भी बहुत आसान हो गया है। पहले तो वो लोग बिना टैक्स ऑडिट के घबरा जाते थे, अब तो वो बैठे-बैठे चाय पीते हुए रिपोर्ट भर रहे हैं। ये बेहतरी तो है ना? लेकिन अगर आप इसे बहुत लंबा नहीं करते, तो ये बहुत बड़ा नुकसान होगा।
Rahul Tamboli
28 सितंबर 202530 नवंबर तक टीपी रिपोर्ट? ये तो बस एक फिक्स है जो कभी नहीं होगा। असल में तो ये सब बस एक बड़ा बकवास ड्रामा है। जिनके पास पैसा है वो तो बस एक फीस देकर चले जाते हैं। बाकी हम सब यहाँ टाइम पास कर रहे हैं। 😎
Raghav Khanna
29 सितंबर 2025सरकार ने जो डेडलाइन बढ़ाई है, वह एक विचारशील और व्यवहारिक निर्णय है। तकनीकी अक्षमता के कारण लाखों नागरिकों को अतिरिक्त समय देना एक नैतिक दायित्व था। यह कदम न केवल न्यायसंगत है, बल्कि लंबे समय तक विश्वास बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
Rohith Reddy
29 सितंबर 2025ये सब बातें बस धोखा है। अगर आपको लगता है कि सरकार ने आपके लिए कुछ किया है, तो आप बहुत नाटकीय हैं। ये विस्तार तो बस एक और ट्रैक बनाने का तरीका है - ताकि भविष्य में आपको फिर से बहुत बार बताया जा सके कि आपको बार-बार डेडलाइन बढ़ाने की जरूरत है। ये नियंत्रण है।
Rakesh Joshi
30 सितंबर 2025अरे यार, ये बढ़ाया गया डेडलाइन हम सबके लिए एक नया अवसर है! अगर आपने अभी तक फाइल नहीं किया, तो अभी भी देर नहीं हुई। बस एक बार बैठो, धीरे से भरो, और जीत जाओ! 🙌 आप एक लाख से ज्यादा लोगों के साथ हैं - आप अकेले नहीं हो!
Vidhinesh Yadav
2 अक्तूबर 2025क्या कोई बता सकता है कि अपडेटेड रिटर्न की तारीख 2030 तक क्यों बढ़ा दी गई? क्या ये सच में एक बड़ा सुधार है या बस एक तरह का बचाव है? मैं इस बारे में थोड़ा और समझना चाहती हूँ।
Ratanbir Kalra
4 अक्तूबर 2025क्या आपने कभी सोचा कि जब हम डेडलाइन बढ़ाते हैं तो क्या हम वास्तव में उस बात को सुधार रहे हैं जिसके लिए डेडलाइन था या बस उसे देरी से छुटकारा पा रहे हैं? जब तक हम अपने सिस्टम को नहीं बदलेंगे तब तक हम सिर्फ खुद को बचा रहे हैं। और ये खुद को बचाना ही तो सबसे बड़ा बुरा है।
Shreyash Kaswa
5 अक्तूबर 2025हमारी अर्थव्यवस्था में डिजिटल बदलाव का समय आ गया है। ये विस्तार एक अच्छा शुरुआती कदम है, लेकिन अब अगला कदम ये होना चाहिए कि सरकार एक असली डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर बनाए। ये सिर्फ एक टैक्स फाइलिंग नहीं है - ये भारत की डिजिटल आत्मा का प्रश्न है।
Jayasree Sinha
6 अक्तूबर 2025आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 7.57 करोड़ ITR फाइल हुए हैं। यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है, और इसके पीछे लाखों लोगों का श्रम छिपा है। इस तरह की सफलता के लिए आयकर विभाग को बधाई देनी चाहिए।
Maj Pedersen
6 अक्तूबर 2025हर करदाता को यह जानना चाहिए कि उनका एक रिटर्न सिर्फ एक फॉर्म नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है। ये विस्तार एक अवसर है - एक ऐसा अवसर जिसे आप अपनी नियमितता और ईमानदारी के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं। आप अपने देश के विकास में योगदान दे रहे हैं। आपका काम महत्वपूर्ण है।
Sarvasv Arora
8 अक्तूबर 2025ये डेडलाइन बढ़ाना बस एक बड़ा बकवास है। लोगों को लगता है कि अब वो अपना टैक्स बाद में भर देंगे, और वो भी नहीं भरेंगे। असल में, ये सिर्फ एक अवसर है जिसे आप बर्बाद कर रहे हैं। अगर आप लेट फाइल करते हैं, तो आपको बस ये याद रखना है कि आपकी बेकारी की कीमत आपको भुगतनी पड़ेगी।
Puru Aadi
9 अक्तूबर 2025जब तक आप अपना ITR नहीं भरेंगे, तब तक आपका दिन अधूरा है! 😊 अभी भी समय है - चलो, एक कप कॉफी लेकर बैठ जाओ, और अपना फॉर्म भर दो। आप इसे कर सकते हैं! 💪
Nripen chandra Singh
11 अक्तूबर 2025ये डेडलाइन बढ़ाना क्यों हुआ? क्योंकि लोग नहीं समझते कि टैक्स क्या है। और सरकार उन्हें समझाने के बजाय उन्हें आराम दे रही है। ये नहीं होना चाहिए। आपको सिर्फ डेडलाइन नहीं बढ़ानी चाहिए, आपको उन्हें सिखाना चाहिए। नहीं तो ये चक्र चलता रहेगा।
HIMANSHU KANDPAL
13 अक्तूबर 2025मैंने अपना ITR अभी तक नहीं भरा। और मैं इसके लिए गर्व महसूस करता हूँ। क्योंकि मैं जानता हूँ कि ये सब एक बड़ा धोखा है। आप जो भी भर रहे हैं, वो बस एक और चक्र है। मैं इस चक्र से बाहर हूँ।