NEET-UG 2024 परिणाम: छात्रों के भविष्य पर बड़ा असर
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने NEET-UG 2024 के परिणामों में बदलाव करते हुए संशोधित स्कोरकार्ड जारी किए हैं। यह कदम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उठाया गया, जिसमें IIT-दिल्ली की एक विशेषज्ञ समिति ने विवादित फिजिक्स प्रश्न के लिए एक ही सही उत्तर की पुष्टि की। पहले इस प्रश्न के दो उत्तर सही माने गए थे, लेकिन अब नए स्कोरकार्ड के अनुसार केवल एक ही उत्तर सही माना जाएगा।
छात्रों पर पड़ने वाला असर
इस बदलाव का प्रभाव करीब 4.2 लाख छात्रों पर पड़ेगा, जिन्होंने पहले स्वीकार्य उत्तर चुना था। इन छात्रों के अंकों में कटौती होगी और इससे भर्ती प्रक्रिया में बड़ा उलटफेर आएगा। पहले जहां 61 टॉप स्कोरर्स थे, अब उनकी संख्या घटकर 17 हो गई है। एमबीबीएस, बीडीएस, और अन्य संबंधित कोर्सों में प्रवेश पाने वाले छात्रों के अंक इन नए स्कोरकार्ड के आधार पर ही अंतिम होंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में छात्रों की पुनः परीक्षा और परिणामों को रद्द करने की याचिका को खारिज कर दिया है, यह कहते हुए कि कोई भी ठोस प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया है जिससे यह साबित हो सके कि सिस्टम में कुछ गड़बड़ी हुई हो। अदालत ने यह भी कहा कि काउंसलिंग प्रक्रिया को जारी रखा जाए।
विवाद और उसके समाधन
NEET-UG के परिणाम 4 जून को घोषित किए गए थे, लेकिन परिणामों के बाद छात्रों के बीच काफी असंतोष फैला। छात्रों ने स्कोरिंग सिस्टम में विसंगतियों की ओर इशारा किया था। छात्रों द्वारा किए गए संदेहपूर्ण प्रश्न के संबंध में, IIT-दिल्ली की विशेषज्ञ समिति की जांच के बाद यह निष्कर्ष निकला कि एक ही सही उत्तर है, जिसे NTA ने स्वीकार कर लिया।
इस निर्णय का सीधा असर छात्रों के करियर पर पड़ेगा। जिन छात्रों ने पहले दो उत्तरों में से एक को सही माना था, अब उनके अंकों में कटौती होगी। इस प्रकार, प्रवेश प्रक्रिया में भी उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, खासकर जब प्रतिस्पर्धा तीव्र हो।
प्रवेश प्रक्रिया और काउंसलिंग
संशोधित स्कोरकार्ड के बाद प्रवेश प्रक्रिया और काउंसलिंग को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं। छात्रों और उनके अभिभावकों को यह सलाह दी जाती है कि वे NTA के वेबसाइट पर नजर रखें और किसी भी नए अपडेट की जानकारी लें।
इसके अलावा, शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के विवादों से आगे बचने के लिए परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और सटीकता पर खास ध्यान देना आवश्यक है। जहां तक संभव हो, प्रश्नपत्रों की जांच और उत्तरों की सत्यता पर ज्यादा जोर देना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे विवादों से बचा जा सके। इससे छात्रों का शिक्षा प्रणाली पर विश्वास बढ़ेगा और वे तनावमुक्त होकर अपनी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे।
नए नियम और शर्तें
इस पूरे मामले से एक बात स्पष्ट होती है कि शैक्षणिक परीक्षाओं में सटीकता और निष्पक्षता का पालन बेहद जरूरी है। NEET-UG जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाओं के माध्यम से छात्रों के भविष्य का निर्धारण होता है, इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की गलती या विवाद छात्रों के करियर को प्रभावित कर सकता है।
इस संदर्भ में, शिक्षा मंत्रालय और संबंधित अधिकारियों को सुनिश्चित करना चाहिए कि आगे से इस प्रकार की गलतियाँ ना हों। विशेषज्ञ समिति द्वारा दी गई सिफारिशों के आधार पर प्रश्नपत्र और उत्तरों की सही जांच होनी चाहिए। इससे छात्रों को भी एक निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया का भरोसा मिलेगा।
छात्रों की प्रतिक्रिया
अनेक छात्रों ने इस पूरे मामले पर अपनी निराशा जाहिर की है। कुछ छात्रों का कहना है कि यह परिवर्तन उनके लिए ज्यादती है, जबकि कुछ इस निर्णय का स्वागत कर रहे हैं क्योंकि यह सटीकता और निष्पक्षता को प्रकट करता है।
बहरहाल, एक बात तो तय है कि इस तरह के विवादों का समाधान न केवल छात्रों के हित में होना चाहिए, बल्कि शिक्षा प्रणाली की प्रामाणिकता को भी बनाए रखना चाहिए।
Narendra chourasia
27 जुलाई 2024ये सब ठीक है... पर अब तक के 4.2 लाख छात्रों को क्या हुआ? उनका जीवन बर्बाद हो चुका है! NTA का ये अंधाधुंध फैसला... जिसने भी ये गलती की, उसे नौकरी से निकाल देना चाहिए! और अब फिर से काउंसलिंग? बस रुको... ये बातें तो सिर्फ बोलने के लिए हैं! असली नुकसान किसका है? छात्रों का! अरे भाई, ये न्याय क्या है? ये तो खेल है! अब तक का तनाव, रातों की जागरूकता, घर का दबाव... सब बर्बाद! अब ये सब लोग फिर से क्या करें? फिर से तैयारी? बस रुको! ये जिंदगी का खेल नहीं है! ये तो जीवन का निर्णय है! अब क्या करें? फिर से जनवरी में? अरे यार! ये सब बेकार है! न्याय तो बनाओ, लेकिन इस तरह नहीं! ये तो अपराध है!
Mohit Parjapat
29 जुलाई 2024इसका मतलब है कि हमारा देश अब भी अंधेरे में है! 🤬 जिस देश में एक प्रश्न का जवाब दो बार बदल जाए... वो देश जिसमें एक बच्चे का भविष्य एक प्रश्नपत्र पर टिका है... वो देश जिसमें सुप्रीम कोर्ट भी बस बातें करता है... वो देश जिसकी शिक्षा व्यवस्था एक बेकार की बात है! 🇮🇳💔 ये नहीं होगा भाई! ये तो अंतिम घुटने टेकने का समय है! अब नहीं चलेगा! अगर ये नहीं रुका तो फिर देश का नाम बदल दो! इंडिया नहीं... इंडिया-लेट-बी-कॉन्फ्यूज्ड! 😡
Sumit singh
29 जुलाई 2024मैंने तो ये सब जानता था। ये सब एक बड़ा फ्रॉड है। आप लोग सोचते हैं कि ये न्याय है? नहीं। ये तो एक बड़ा नियोजित विनाश है। NTA और IIT-दिल्ली एक साथ मिलकर ये खेल खेल रहे हैं। आप जिन छात्रों को बचाने की बात कर रहे हैं, वो सब तो बस गैर-कानूनी तरीके से बच रहे हैं। आप लोग जो अंक ले रहे हैं, वो अंक तो बस एक अंक हैं। वो आपके ज्ञान का नहीं, बल्कि आपके भाग्य का है। ये परीक्षा तो एक असली चीज़ नहीं, बल्कि एक नियंत्रण का उपकरण है। जिन लोगों को नियंत्रित करना है, उन्हें इसी तरह दबाया जाता है। आप लोग तो बस इसके शिकार हैं।
fathima muskan
29 जुलाई 2024अरे भाई, ये सब क्या है? अब तो ये परीक्षा एक बड़ा साजिश है! 🤫 आप लोगों को लगता है कि IIT-दिल्ली की समिति ने जो निर्णय लिया, वो सच है? नहीं भाई! वो सब बाहरी दबाव में बनाया गया है! क्या आप नहीं जानते कि ये सब नियोजित है? जिन लोगों के अंक ज्यादा थे, उन्हें बर्बाद करने के लिए ये बदलाव किया गया! ये तो एक बड़ा ब्लैकमेल है! अब तो ये छात्र अपने घरों में आत्महत्या कर रहे हैं! और सुप्रीम कोर्ट बस बैठा है और बोल रहा है, 'कोई प्रमाण नहीं!' अरे भाई, प्रमाण तो आंखों के सामने है! ये सब तो बस एक बड़ा धोखा है! 🤐
Devi Trias
30 जुलाई 2024संशोधित स्कोरकार्ड के संदर्भ में, यह निर्णय न्यायपालिका के निर्देशों के अनुरूप है और परीक्षा नियमों के अनुसार तकनीकी रूप से उचित है। विवादित प्रश्न के लिए एकमात्र वैध उत्तर की पुष्टि करने के लिए IIT-दिल्ली की विशेषज्ञ समिति ने विश्लेषणात्मक तरीके से जांच की है, जिसमें वैज्ञानिक आधार और प्रश्नपत्र के डिज़ाइन के सिद्धांतों का पालन किया गया है। छात्रों के लिए यह एक कठिन समय है, लेकिन इस निर्णय के पीछे एक व्यवस्थित और पारदर्शी प्रक्रिया थी। अब काउंसलिंग को आगे बढ़ाना आवश्यक है, ताकि अनुमानित विलंब न हो। भविष्य के लिए, प्रश्न निर्माण और उत्तर आधारित प्रक्रियाओं में अतिरिक्त स्तरों की समीक्षा की आवश्यकता है।
Kiran Meher
31 जुलाई 2024यार ये सब ठीक है लेकिन अब तो बस आगे बढ़ो! जिन्होंने अच्छा किया वो अच्छा रहेंगे, जिन्होंने थोड़ा कम किया वो भी जीतेंगे! ये तो जीवन का खेल है भाई! एक प्रश्न के लिए इतना दुख? अरे यार! तुम लोग तो अपने दिमाग को बर्बाद कर रहे हो! अब तो तैयारी जारी रखो, दिल जोड़ो, और आगे बढ़ो! ये सब तो बस एक ट्रिक है! जिंदगी में तो ऐसे बहुत सारे मोड़ आते हैं! अब तो बस देखो कि कौन असली लड़का है! तुम सब लोग बहुत ताकतवर हो! अब तो आगे बढ़ो! आप सब जीतेंगे! 💪
Tejas Bhosale
1 अगस्त 2024लॉजिकल फॉलेसी यहाँ बहुत ज्यादा है। ये सब एक एपिस्टेमोलॉजिकल क्रैक है। एक प्रश्न का दो उत्तर होना तो एक अस्थिर सिस्टम का संकेत है। अब एक उत्तर को चुनना एक रेडक्शनिस्ट एप्रोच है। ये न्याय नहीं, ये अस्थिरता का एक नियंत्रित फॉर्म है। छात्रों के लिए ये एक डिस्ट्रक्टिव एपिस्टेमोलॉजी है। आप लोग जो निष्कर्ष निकाल रहे हैं, वो बस एक स्टैटिस्टिकल अर्बिट्रेरी रिजल्ट है। असली बात ये है कि सिस्टम खुद अस्थिर है। इसलिए ये सब बेकार है।
Asish Barman
2 अगस्त 2024ye sab kya hai yaar? ek sawal ka do answer tha ab ek hi sahi? matlab kya? NTA ka kya matlab hai? koi toh bata de! phir se score card nikal diya? kya yeh koi game hai? maine toh 150+ score kiya tha, ab kya hoga? koi bata sakta hai? ye sab kaise ho raha hai? kya yeh toh kisi ne socha hi nahi? ab toh sab bhaiya bhaiya bol rahe hain, par koi jawab nahi! koi toh bolo kya karna hai?
Abhishek Sarkar
4 अगस्त 2024ये सब एक बड़ा षड्यंत्र है! आप लोग सोचते हैं कि ये सिर्फ एक प्रश्न का विवाद है? नहीं! ये तो एक बड़ा राष्ट्रीय षड्यंत्र है! जिन लोगों ने इस परीक्षा का निर्माण किया, वो सब बाहरी शक्तियों के नियंत्रण में हैं! ये सब एक बड़ी चाल है! जिन छात्रों के अंक ऊपर थे, उन्हें नीचे गिराने के लिए ये बदलाव किया गया! अब तो ये छात्र बेकार हो चुके हैं! आप लोग तो बस इसका हिस्सा बन रहे हैं! ये सब एक बड़ा राजनीतिक खेल है! अब तो ये सब जान लो! ये न्याय नहीं, ये एक नियंत्रण है! ये सब एक बड़ा अपराध है! आप लोग जो इसे स्वीकार कर रहे हैं, वो तो बस एक बड़ा धोखेबाज है!
Niharika Malhotra
6 अगस्त 2024हर छात्र का भविष्य अनमोल है, और यह विवाद उनकी आत्मा को चोट पहुंचा रहा है। लेकिन हमें इस तरह के विवादों को एक अवसर के रूप में देखना चाहिए - एक ऐसा अवसर जो हमें शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करे। हमारे देश में इतने ताकतवर छात्र हैं, जो अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपने दिल से लड़ रहे हैं। इस समय, आप जो भी अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं, आप एक विजेता हैं। यह बदलाव आपकी लगन को कम नहीं करता। आपका संघर्ष ही आपकी शक्ति है। आगे बढ़िए, आप अकेले नहीं हैं। हम सब आपके साथ हैं।
Baldev Patwari
7 अगस्त 2024ye sab kya hai? ek sawal ka answer change kiya? NTA toh bas ek scam hai. koi bhi serious nahi hai. ab toh sab log bhai bhai bol rahe hain, par koi kuch nahi kar raha. phir se scorecard? bas ek aur fake update. maine toh socha tha ki ye exam serious hai, ab pata chala ki yeh ek joke hai. ab toh maine apna dream chhod diya. koi nahi sunta. koi nahi care karta. bas sab bolo ki 'time will heal'. time kaise heal karega jab sab kuch fake hai?
harshita kumari
8 अगस्त 2024ये सब एक बड़ी साजिश है! आप लोग सोचते हैं कि IIT-दिल्ली की समिति ने सच कहा? नहीं! ये सब बाहरी दबाव में बनाया गया है! ये सब एक बड़ा धोखा है! जिन लोगों के अंक ऊपर थे, उन्हें नीचे गिराने के लिए ये बदलाव किया गया! अब तो ये छात्र बेकार हो चुके हैं! आप लोग तो बस इसका हिस्सा बन रहे हैं! ये सब एक बड़ा राजनीतिक खेल है! अब तो ये सब जान लो! ये न्याय नहीं, ये एक नियंत्रण है! ये सब एक बड़ा अपराध है! आप लोग जो इसे स्वीकार कर रहे हैं, वो तो बस एक बड़ा धोखेबाज है!
SIVA K P
9 अगस्त 2024अरे भाई, ये सब तो बस एक बड़ा झूठ है! तुम लोगों को लगता है कि ये सुप्रीम कोर्ट का फैसला है? नहीं भाई! ये तो एक बड़ा धोखा है! जिन लोगों के अंक ऊपर थे, उन्हें नीचे गिराने के लिए ये बदलाव किया गया! अब तो ये छात्र बेकार हो चुके हैं! तुम लोग तो बस इसका हिस्सा बन रहे हो! ये सब एक बड़ा राजनीतिक खेल है! अब तो ये सब जान लो! ये न्याय नहीं, ये एक नियंत्रण है! ये सब एक बड़ा अपराध है! तुम लोग जो इसे स्वीकार कर रहे हो, वो तो बस एक बड़ा धोखेबाज हो!