नेपाल-भारत सीमा में हिंसा थमी, जनरल सिग्देल ने नियंत्रण स्थापित किया

नेपाल-भारत सीमा में हिंसा थमी, जनरल सिग्देल ने नियंत्रण स्थापित किया

नेपाल-भारत सीमा में हिंसा थमी, जनरल सिग्देल ने नियंत्रण स्थापित किया

अक्तूबर 12, 2025 इंच  राजनीति subham mukherjee

द्वारा subham mukherjee

जब जनरल सिग्देल, सेनाध्यक्ष of नेपाल सेना ने बुधवार, 10 सितंबर 2025 को सुपौल की सीमा के पास हिंसा पर कड़ा नियंत्रण पाया, तो बहु‑स्तरीय जुलूस‑अग्निकांड के बाद स्थानीय लोग एक ठंडी राहत की सांस ले सके। इस दिन भारत के बिहार के सुपौल जिले के भंटाबाड़ी, इनरवा, भारदह, इटहरी, विराटनगर और जनकपुर क्षेत्रों में अग्निकांड और तोड़‑फोड़ खत्म हो गया।

इतिहासिक पृष्ठभूमि: जेन‑जेड आंदोलन का उदय

हिंसा का कारण सिर्फ अचानक छिड़ी हुई बर्बरता नहीं था, बल्कि यह एक विस्तृत सामाजिक असंतोष का फल था। 9 सितंबर 2025 को जेन‑जेड (Gen Z) युवाओं ने सोशल‑मीडिया प्रतिबंध और सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ एक व्यापक आंदोलन शुरू किया। द्विपक्षीय सीमा के पास छोटे‑छोटे नगरों में युवा वर्ग ने सोशल‑मीडिया पर बैन के प्रति गुस्सा जताते हुए हर सरकारी भवन को निशाना बनाया। इस विरोध में कम से कम पाँच पूर्व प्रधानमंत्री – के. पी. शर्मा ओली, के. प्रचण्ड, देउबा, माधव नेपाल और खानल के घरों पर आग लगा दी गई।

विस्तृत विकास और तथ्य‑संकलन

आंदोलन के दौरान कई घातक घटनाएं घटीं:

  • पूर्व प्रधानमंत्री झालानाथ खानल की पत्नी, रज्यलक्ष्मी चित्रकार, को काठमांडू के दल्लू इलाके में छाती‑सीने पर 15 % जलन और बायाँ हाथ पूरी तरह जलने की चोटें आईं। उन्हें कीर्तिपुर अस्पताल से प्राथमिक उपचार के बाद नई दिल्ली के एक विशेष केंद्र में रेफर किया गया।
  • शेर बहादुर देउबा और उनकी पत्नी, विदेश मंत्री अर्जु देउबा, को भी सड़कों पर मारपीट का सामना करना पड़ा।
  • वित्त मंत्री बिष्णु पौडेल और सांसद एकनाथ ढकाल को कपड़े उतार कर जनता के सामने घुमाया गया, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर गहरी निंदा हुई।
  • नक्खू सेंट्रल जेल में आग लगाई गई और राजनैतिक दल “राष्ट्रिय स्वतंत्र पार्टी” के प्रमुख रबि लामिछाने को मुक्त कर दिया गया।
  • इन दो दिनों में दो‑दर्जन से अधिक लोग मारे गए, कई लोग घायल हुए और कई अस्पतालों में भर्ती रहे।

परिचालन में ढील को देखते हुए, प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली ने 9 सितंबर को इस्तीफा दे दिया। इसके बाद, नेपाल सेना ने कर्फ्यू लागू किया और सभी मुख्य राजमार्गों पर गश्त बढ़ा दी।

प्रतिक्रिया: भारत‑नेपाल सीमा पर सुरक्षा कदम

बॉर्डर पर तनाव भी कब्‍कारा नहीं रहा। जोगबनी बॉर्डर के निकट कई छोटे‑छोटे टायर जलाए गए, पत्थर‑बाजी की गई और असामाजिक तत्वों ने सीमा के निकट टकराव को भड़का दिया। भारत के सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) ने तीन‑से‑चार लेयर का सुरक्षा घेरा बनाया, अतिरिक्त जवानों को तैनात किया और सभी मुख्य पारगमन मार्गों को सीलबंद कर दिया।

इसी बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री of भारत सरकार ने कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की एक आपात बैठक बुलाई। बैठक में बताया गया कि सीमा को हाई अलर्ट पर रखा गया है, और व्यापारिक बाधाओं को कम करने के लिये विशेष आर्थिक राहत पैकेज तैयार किया जाएगा।

प्रभाव और विश्लेषण

स्थानीय बाजारों में ठहराव स्पष्ट था: सुपौल और अररिया के सीमावर्ती बाजारों में दैनिक लेन‑देने में 60 % की गिरावट आई, जिससे छोटे‑विक्रेता को लगभग ₹2.5 करोड़ का नुकसान हुआ। कृषि उत्पाद, कपड़ा और इलेक्ट्रॉनिक सामान की आपूर्ति रुक गई, जिससे उपभोक्ता भरोसा धूमिल हो गया। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस धक्का‑पैगाम को शांति‑संघर्ष में बदल दिया गया तो दो‑तीन साल तक दोनों देशों के आर्थिक संबंधों पर असर पड़ सकता है।

आगे क्या उम्मीद करनी चाहिए?

जुलाई‑अगस्त में घोषित किए गए कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएँ (जैसे कण्डी गोल्ड ट्रांज़िट) पर असर पड़ने की संभावना है। नेपाल सेना ने कहा है कि कर्फ्यू 15 दिन तक जारी रहेगा, जबकि भारत‑नेपाल द्विपक्षीय कमेटी इस महीने के अंत में आपसी सुरक्षा समझौते को अपडेट करने की योजना बना रही है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

यह हिंसा स्थानीय व्यापारियों को कैसे प्रभावित कर रही है?

सीमा बंद होने और कर्फ्यू के कारण सप्लाई चेन बाधित हुई, जिससे सुपौल‑अररिया के बाजारों में रोज़ाना व्यापार 60 % घट गया। कई छोटे व्यापारी ने अपनी दुकानें बंद कर दीं और अनुमानित नुकसान लगभग ₹2.5 करोड़ बताया गया है।

नेपाल में इस आंदोलन की मुख्य वजह क्या थी?

जेन‑जेड युवाओं ने सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ बेतहाशा गुस्सा जताया, विशेषकर सोशल‑मीडिया प्रतिबंध और कई सीनियर नेताओं के संपत्ति‑संबंधी लापरवाही को लेकर। यह असंतोष कई शहरों में एक साथ फट गया।

भारत‑नेपाल सीमा सुरक्षा में अब क्या कदम उठाए गए हैं?

एसएसबी ने तीन‑से‑चार लेयर का सुरक्षा घेरा बनाया, अतिरिक्त जवानों को तैनात किया और सभी मुख्य पारगमन मार्गों को सीलबंद कर दिया। साथ ही, दोनों पक्षों ने हाई अलर्ट मोड जारी रखा है।

भविष्य में कर्फ्यू कब खत्म हो सकता है?

नेपाल सेना ने कर्फ्यू को न्यूनतम 15 दिन तक जारी रखने की घोषणा की है। भारत‑नेपाल कमेटी की आगामी बैठक में इसे घटाने या हटाने के शर्तें तय होंगी, जिससे दोनों देशों के व्यापारिक रास्ते फिर से खुल सकते हैं।

किसी ने इस हिंसा में भागी प्रमुख राजनीतिक व्यक्तियों को कौन‑कौन से दंड मिला?

जनरल सिग्देल ने स्पष्ट कहा है कि हिंसा में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अभी तक कई आरोपियों को हिरासत में लिया गया है, जबकि पूर्वी राजनेताओं के घरों में हुए नुकसान की भरपाई के लिये कानूनी प्रक्रिया चल रही है।

subham mukherjee

subham mukherjee

मैं एक प्रतिष्ठित पत्रकार और लेखक हूँ, जो दैनिक खबरों से जुड़े मुद्दों पर लिखना पसंद करता हूँ। मैंने कई प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों में कार्य किया है और मुझे जनता को सही और सटीक जानकारी प्रदान करने में खुशी मिलती है।

1 टिप्पणि

  • Naman Patidar

    Naman Patidar

    12 अक्तूबर 2025

    सभी को शांति मिले, अब और हिंसा नहीं चाहिए।

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