अगर आप भारत में चल रहे बड़े‑छोटे घोटालों पर नज़र रखना चाहते हैं तो ‘आबकारी घोटाला’ टैग आपका पहला पड़ाव होना चाहिए। यहाँ हर दिन नई जानकारी मिलती है—चाहे वो सरकारी स्कैंडल हो या निजी कंपनी का झटका। हम सीधे तथ्य देते हैं, बिना फालतू बातों के.
अभी अभी हमने कुछ प्रमुख पोस्ट अपलोड किए हैं:
इनमें से हर कहानी में एक बात समान है—सच का पता लगाना और भ्रमित करने वाले तथ्यों को साफ़ करना। हम आपको सिर्फ शीर्षक नहीं, बल्कि गहराई वाला विश्लेषण भी देते हैं.
ज्यादातर घोटाले दो चीज़ों से शुरू होते हैं: पारदर्शिता की कमी और जिम्मेदारी का अभाव। जब फंड या अधिकारियों को जांच‑परख नहीं मिलती, तो गलत काम आसान हो जाता है. यही वजह है कि हमने हर पोस्ट में ‘कौन’, ‘क्या’ और ‘कैसे’ के जवाब स्पष्ट रूप से लिखे हैं.
उदाहरण के तौर पर, Supreme Court का कुत्ता आदेश बहुत सारा बजट मांगता है। लेकिन यदि उस बजट का उपयोग कैसे हो रहा है, इसका रिकॉर्ड नहीं दिखाया जाता—तो ही घोटाला बनता है. इसी तरह, IPO में ‘प्रीमियम’ ज्यादा बताया गया तो निवेशकों को नुकसान होता है.
हमारी रिपोर्टें इन पहलुओं पर प्रकाश डालती हैं और अक्सर संबंधित अधिकारियों के बयान या दस्तावेज़ों का लिंक (जैसे PDF) भी देते हैं ताकि आप खुद जाँच‑परख सकें.
आबकारी घोटाला टैग की खास बात यह है कि हम सिर्फ खबर नहीं, बल्कि actionable insights भी देते हैं। अगर किसी स्कैंडल में आपका पैसा या हित जुड़ा है तो हमारे ‘क्या करें’ सेक्शन में कदम‑दर‑कदम सलाह मिलती है—जैसे शिकायत दर्ज करना, RTI फ़ाइल करना या सोशल मीडिया पर जागरूकता फैलाना.
तो पढ़ते रहिए, शेयर करते रहिए और सवाल पूछते रहिए। हर नई पोस्ट के साथ हम आपके सामने एक साफ़ तस्वीर रखेंगे, जिससे आप घोटालों से बच सकें और सही जानकारी पा सकें।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने स्वास्थ्य के आधार पर एक सप्ताह की अंतरिम जमानत के लिए आवेदन किया है, जिसे दिल्ली कोर्ट 1 जून को सुनेगी। मामला कथित आबकारी घोटाले से जुड़ा है। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेया ने प्रवर्तन निदेशालय से 1 जून तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत 2 जून को समाप्त हो रही है।
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