हर दिन सड़कों पर कई बसों का टकराना या उलटना समाचार बन जाता है। अगर आप रोज़ यात्रा करते हैं तो इस टैग पेज को बार‑बार देखेंगे क्योंकि यहाँ मिलती हैं सबसे ताज़ा दुर्घटना रिपोर्टें और उन्हें रोकने के आसान उपाय। चलिए, देखते हैं क्या हो रहा है और हम कैसे सुरक्षित रह सकते हैं?
अभी कुछ हफ्तों में दो बड़ी घटनाएँ सामने आईं। एक में बारसाती स्टेशन पर भारत‑इंग्लैंड ODI के दौरान टिकेट बेचने वाले लोगों की भीड़ ने सड़क पर जलते पानी और धूल का माहौल बना दिया, जिससे कई लोग बेहोश हो गए। दूसरी घटना में अफ़गानिस्तान के 6.3 तीव्रता भूकंप के बाद, दूर‑दराज़ गांवों तक पहुँचना मुश्किल हुआ और वहां की स्थानीय बसें भी बिखर गईं, जिससे यात्रियों को अतिरिक्त जोखिम मिला।
इन घटनाओं से स्पष्ट है कि अचानक प्राकृतिक आपदा या भीड़भाड़ वाले इलाकों में बस चलाना बहुत जोखिम भरा हो सकता है। सरकार ने अब कई आदेश जारी किए हैं—जैसे दिल्ली‑NCR में आवारा कुत्तों का हटाना और शेल्टर बनाना, जिससे सड़क पर अनचाहे बाधा कम हो सके।
बस यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिये आप भी कुछ छोटी-छोटी बातें अपना सकते हैं:
सड़क पर चलने वाले कुत्ते या अन्य जानवर अक्सर अचानक सामने आ जाते हैं। अगर आप ऐसी स्थिति देखते हैं तो तुरंत ड्राइवर को सूचित करें और ब्रेक धीरे‑धीरे लगाएँ—तेज़ ब्रेक लगाने से बस फिसल सकती है।
सरकार के नए नियमों में आवारा कुत्तों का 8 हफ्ते में शेल्टर भेजना शामिल है, लेकिन इस प्रक्रिया में देरी भी हो सकती है। इसलिए व्यक्तिगत ड्राइवर को सतर्क रहना जरूरी है। अगर आप बस में हैं तो सीट पर बैठें, सिर पर कोई भारी सामान न रखें और हमेशा एग्जिट के रास्ते की जाँच करें।
आखिर में याद रखिए—सुरक्षा केवल सरकार या कंपनियों का काम नहीं, बल्कि हम सबकी जिम्मेदारी है। अगर आप इन छोटे‑छोटे टिप्स को अपनाते हैं तो बस दुर्घटनाओं से बचाव संभव है। नई खबरों के लिए इस पेज पर नियमित रूप से आएँ और अपने सफर को सुरक्षित बनायें।
जम्मू के रियासी जिले में हिंदू तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर संदिग्ध आतंकियों ने गोलीबारी कर दी, जिससे बस खाई में गिर गई। इस घटना में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और 33 अन्य घायल हो गए हैं। प्रशासनिक अधिकारी के अनुसार, इस हमले का उद्देश्य कश्मीर में भारतीय शासन की चुनौती है।
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